UP News: अब ‘सुलोचना’ और ‘डायना’ खोजेंगी बाघ को, लखनऊ में एक महीने से खेल रहा लुकाछिपी; वन विभाग पकड़ नहीं पाया – INA

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के मलिहाबाद के रहमान खेड़ा में बाघ को लेकर लगातार दहशत बनी हुई है. वहीं वन विभाग की टीम पिछले एक महीने से बाघ को पकड़ने की कोशिश कर रही है लेकिन अभी तक कोई कामयाबी नहीं मिली है. वहीं अब वन विभाग की टीम ने बाघ को पकड़ने के लिए हाथियों का सहारा लेगी. इससे पहले वन विभाग ने बाघ पकड़ने के लिए लखीमपुर खीरी कानपुर और लखनऊ जू से विशेषज्ञों की टीम बुलाई थी. लेकिन कामयाबी नहीं मिली

लखनऊ के मलिहाबाद के रहमान खेड़ा में एक महीने से वन विभाग की टीम बाघ को पकड़ने की कोशिश कर रही है लेकिन पकड़ने में कामयाबी नहीं मिली है. बाघ ने अब तक 6 से ज्यादा जानवरों-पशुओं का शिकार कर चुका है. वन विभाग की टीम को बाघ दिखा तो लेकिन पकड़ने की हिम्मत नहीं हुई. बाघ की वजह से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है.

बाघ को नहीं पकड़ पाई टीम

वन विभाग की टीम के सामने एक घंटे से ज्यादा समय तक रहा लेकिन डॉक्टरों ने ट्रैकुलाइजर गन से बाघ को बेहोश नहीं कर पाई. वन विभाग की टीम देखती रही लेकिन बाघ को ट्रैकुलाइजर गन से बेहोश नहीं कर पाई. बाघ को ट्रैकुलाइजर करने वाली 3 सदस्यीय टीम खाली हाथ रह गई. थोड़ी देर के बाद बाघ जंगल की तरफ चला गया.

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बाघ को पकड़ने के लिए हाथी की मदद

बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग ने अब दुधवा रिजर्व टाइगर से दो हाथी मंगवाए गए हैं. हाथी का नाम सुलोचना और डायना है. हाथी के जरिए बाघ तक पहुंचने में वन विभाग की टीम कामयाब हो सकती है. क्योंकि इससे पहले भी 2018 में जब मलिहाबाद में बाघ की दहशत थी तब भी हाथी की मदद से ही बाग को पकड़ा गया था.

वन विभाग ने बाघ पकड़ने के लिए लखीमपुर खीरी कानपुर और लखनऊ जू से विशेषज्ञों की टीम बुलाई. लेकिन टीम भी अब तक कामयाब नहीं हुई हैं. इसके अलावा 15 जगह कैमरे और दो मचान भी बनाए गए हैं. कई जगह पिंजरे भी सेट किए गए हैं, जिसमें बाघ के शिकार के लिए भैंस के बच्चे को रखा गया है.

अब ‘सुलोचना’ और ‘डायना’ खोजेंगी बाघ को, लखनऊ में एक महीने से खेल रहा लुकाछिपी; वन विभाग पकड़ नहीं पाया





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