UP News: पहलगाम आतंकी हमला: ‘अगर तुम कलमा पढ़ लो, तो हम तुम्हें छोड़ देंगे…’ इनकार किया तो मार दी गोली, कानपुर के शुभम की कहानी – INA

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के हिल स्टेशन पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई है. आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाते हुए हमला किया. उनसे नाम और धर्म पूछा गया. इस जघन्य हमले में कानपुर के शुभम द्विवेदी की भी मौत हुई है. आतंकियों ने उन्हें उनकी पत्नी के सामने गोली मारी. उनकी हत्या से पहले आतंकियों ने शुभम से उनका धर्म पूछा, उनसे कलमा पढ़ने को कहा. आतंकियों ने उनके सिर पर गोली मारी. जिस वक्त हादसा हुआ तब शुभम और उनकी पत्नी घुड़सवारी कर रहे थे.
शुभम की मौत की खबर से कानपुर के महाराजपुर थाना क्षेत्र के हाथीपुर चंदन चक्की स्थित उनके घर में मातम पसरा है. परिजन और उनके रिश्तेदार घर में जमा हैं. उन्हें शुभम के शव का इंतजार है. शुभम के चचेरे भाई सौरभ ने सरकार से जल्द से जल्द शव को उन्हें सौंपने की मांग की है. शुभम की शादी दो महीने पहले हुई थी और वह अपने परिजनों के साथ कश्मीर घूमने गए थे. घटना के दिन क्या हुआ और उन्हें कैसे इसकी जानकारी हुई? उसके बारे में सौरभ ने जानकारी दी.
दोपहर तीन बजे हुई हमले की जानकारी
आतंकी हमले में मारे गए कानपुर के शुभम सीमेंट कारोबारी हैं. 17 अप्रैल को वो अपनी पत्नी एशान्या, परिवार और रिश्तेदारों के साथ जम्मू-कश्मीर घूमने गए थे. उनकी टीम में 11 सदस्य थे. शुभम के भाई सौरभ ने बताया कि उन्हें दोपहर तीन बजे फोन आया कि आतंकी हमला हुआ है और शुभम को गोली मार दी. उन्होंने बताया की एशान्या से बात हुई, वो घबराई हुई यहीं और रो रहीं थीं. पता चला कि काफी देर तक भगदड़ मची रही.
‘कलमा पढ़ लो, गोली नहीं मारेंगे’
सौरभ ने बताया कि शुभम के गोली लगने की खबर से सभी लोग घबरा गए. तभी एक वायरल वीडियो उन्हें मिला, जिसमें देखा कि जमीन पर शुभम का शव पड़ा है. सिर पर चोट लगी है और खून बह रहा है. वीडियो देखकर मालूम हुआ कि बड़ी अनहोनी हुई है. उन्होंने बताया कि उनकी बात शुभम की पत्नी एशान्या से हुई. उन्होंने बताया कि ‘हम घुड़सवारी कर रहे थे. तभी आतंकी हमला हुआ. एक आतंकवादी ने शुभम से कहा कि अगर तुम कलमा पढ़ लो, तो हम गोली नहीं मारेंगे.’
‘हम तुम्हें छोड़ रहे हैं, ताकि तुम सरकार को बताओ’
सौरभ ने बताया कि ‘आतंकियों ने शुभम की पत्नी से कहा था कि हम तुमको छोड़ रहे हैं, ताकि तुम अपनी सरकार को बताओ.’ सौरभ ने बताया कि अधिकारी बता रहे हैं कि शुभम के शव को कानपुर आने में 2 दिन का समय लगेगा. उन्होंने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द शुभम का शव उन्हें सौंप दिया जाए. सौरभ ने बताया कि मंगलवार को शुभम और एशान्या पहलगाम घूमने के लिए निकले थे, बाकि लोग अनंतनाग में ही रुक गए थे. जब शुभम और उनकी पत्नी घुड़सवारी कर रहे थे, तभी अचानक आतंकी हमला हो गया. जिसमें शुभम को गोली लगी. इसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने आनन फानन में उन्हें कश्मीर के अस्पताल में भेजा था.
पहलगाम आतंकी हमला: ‘अगर तुम कलमा पढ़ लो, तो हम तुम्हें छोड़ देंगे…’ इनकार किया तो मार दी गोली, कानपुर के शुभम की कहानी
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