UP News: प्रेमानंद महाराज ने मदर्स डे पर मां के लिए क्या कहा? – INA

आज मदर्स डे है. मदर्स डे पर जगह-जगह विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किया जा रहे हैं. उत्तर प्रदेश के वृंदावन में भी मदर्स डे बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. मदर्स डे पर प्रेमानंद महाराज भक्तों को प्रवचन दिया है. इसमें उन्होंने मां को लेकर कहीं महत्वपूर्ण बाते बताई हैं. संत प्रेमानंद महाराज ने कहा कि मां संपूर्ण जगत में पूज्यनीय और सबसे बड़ी गुरु होती है.
प्रेमानंद महाराज ने कहा कि मां से बड़ा कोई नहीं होता. वह दुराचारी लोग हैं, जो अपनी मां को मारते और पीटते हैं. मां को कटु शब्द बोलते हैं. मां 9 माह तक बच्चे को अपने गर्भ में पालती है. वो अपने रक्त से बालक को सींचती है. साथ ही कई वर्षों तक बच्चों के मल मूत्र को भी साफ करती है, लेकिन हम बच्चे बड़े होकर इन सब बातों को भूल जाते हैं और जब उसकी सेवा की बात आती है, तो उसे आश्रम में भेज देते हैं.
आजकल के बच्चे वीआईपी बनते हैं-प्रेमानंद महाराज
उन्होंने कहा कि बच्चे 10-20 लख रुपये जमा कर देते हैं कहते हैं कि यहां पर मां आपकी सेवा होगी, लेकिन भूल जाते हैं कि मां को वह प्यार कहां से मिलेगा जो उसे बच्चों से मिलता है. उन्होंने कहा कि जब हम बच्चे थे तो हम लोगों की मां भी तो हमें अनाथ आश्रम भेज सकती थी. पैसा जमा कर सकती थी. अगर वो ऐसा करती तो हमारी क्या हालत होती, लेकिन आजकल के बच्चे वीआईपी बनते हैं.
मां से बड़ा भगवान कोई नहीं
उन्होंने कहा कि जो लोग भगवान को पूजते हैं मैं उनसे कहता हूं कि अपनी मां को भगवान मानो और उनका ही आशीर्वाद लेकर चलो. फिर ब्रह्मांड में ऐसी कोई भी शक्ति नहीं है, जो तुम्हारे काम को रोक सके. मां से बड़ा भगवान कोई नहीं है. सबसे बड़ी देवी मां है. अगर मां की पूजा की तो भगवान प्रसन्न हो जाएंगे. इसलिए मां को इस लोक में प्रथम पूज्यनीय मानना चाहिए.
ये भी पढ़ें:मथुरा में टीचर ने क्लास में की छात्राओं से छेड़खानी, दिखाए अश्लील वीडियो; हिरासत में आरोपी
प्रेमानंद महाराज ने मदर्स डे पर मां के लिए क्या कहा?
देश दुनियां की खबरें पाने के लिए ग्रुप से जुड़ें,
#INA #INA_NEWS #INANEWSAGENCY
Copyright Disclaimer :-Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
Credit By :-This post was first published on https://www.tv9hindi.com/, we have published it via RSS feed courtesy of Source link,