UP News: टीचर का ऐसा गौरैया प्रेम, 3 मंजिला घर को बना दिया ‘पक्षी हाउस’, गूंज रही चहचहाहट – INA

संकटग्रस्त हो चुकी गौरैया को बचाने के लिए इटावा की प्राथमिक शिक्षिका सुनीता यादव ने अपने घर को गौरैया के लिए सुरक्षित आश्रय बना दिया है. उन्होंने अपने तीन मंजिला मकान को ‘गौरैया हाउस’ में बदल दिया है, जहां सैकड़ों गौरैया हर दिन चहचहाती हैं. उनके इस अनूठे प्रयास की चर्चा अब हर तरफ हो रही है. साल 2016 से सुनीता यादव गौरैया की सरंक्षित करने की पहल पर काम कर रही है.
इटावा जिले के शहर में स्थित गंगा विहार कॉलोनी में रहने वाली सुनीता यादव बसरेहर विकासखंड के खरदूली गांव स्थित उच्च माध्यमिक स्कूल में सहायक शिक्षिका के रूप में कार्यरत हैं. गौरैया की घटती संख्या को देखते हुए उन्होंने 2016 में अपने घर में तीन घोंसले लगाकर संरक्षण अभियान की शुरुआत की थी. धीरे-धीरे गौरैया का आना शुरू हुआ और अब तक 300 से अधिक गौरैया के बच्चे उनके संरक्षण में जन्म लेकर उड़ चुके हैं.
घर को बनाया गौरैयाओं का आशियाना
सुनीता यादव के घर की पहली और दूसरी मंजिल पर सैकड़ों छोटे-बड़े घोंसले लगाए गए हैं, जबकि तीसरी मंजिल पर गौरैयाओं के लिए पार्क जैसा स्थान बनाया गया है. यहां हर दिन गौरैयाओं के लिए दाना-पानी की उचित व्यवस्था की जाती है. उनका कहना है कि जब उन्हें अखबारों से पता चला कि गौरैया अब विलुप्ति के कगार पर है, तो उन्होंने इसे बचाने का संकल्प लिया और अपने घर को ही गौरैया का सुरक्षित आशियाना बना दिया.
टीचर घोंसले भेंट करती
गौरैया संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए सुनीता यादव हर महीने संगोष्ठी आयोजित करती हैं. इस दौरान वे प्रतिभागियों को गौरैया के घोंसले भेंट करती हैं और उनसे गौरैया बचाने की शपथ दिलवाती हैं. उनके इस प्रयास से न केवल गौरैयाओं की संख्या बढ़ रही है, बल्कि स्थानीय लोग भी इस अभियान से जुड़ रहे हैं. गौरैया संरक्षण पर लिखी गई उनकी पुस्तक ‘गौरैया फिर लौट आई’ को इस साल सर्वश्रेष्ठ लेखिका पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.
कब मनाया जाता गौरैया दिवस?
इस 155 पृष्ठों की पुस्तक में उन्होंने गौरैया से जुड़े अपने अनुभव और संरक्षण के उपाय साझा किए हैं. उनका मानना है कि यदि हर व्यक्ति अपने घर में एक घोंसला लगाए और गौरैयाओं के लिए पानी और दाने की व्यवस्था करे, तो इस पक्षी को बचाया जा सकता है. गौरैया दिवस 2010 से हर साल 20 मार्च को मनाया जाता है. संरक्षण के प्रयासों के चलते अब कई स्थानों पर गौरैया की संख्या में सुधार देखा जा रहा है.
सुनीता यादव का यह प्रयास पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और यह साबित करता है कि अगर संकल्प मजबूत हो, तो कोई भी बदलाव लाया जा सकता है.
टीचर का ऐसा गौरैया प्रेम, 3 मंजिला घर को बना दिया ‘पक्षी हाउस’, गूंज रही चहचहाहट
देश दुनियां की खबरें पाने के लिए ग्रुप से जुड़ें,
#INA #INA_NEWS #INANEWSAGENCY
Copyright Disclaimer :-Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
Credit By :-This post was first published on https://www.tv9hindi.com/, we have published it via RSS feed courtesy of Source link,