UP News: जिन्हें वंदे मातरम बोलने में तकलीफ उनकी महाकुंभ में एंट्री क्यों हो? स्वामी सदानंद सरस्वती ने उठाए सवाल – INA
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जल्द ही महाकुंभ 2025 (Mahakumbh 2025) शुरू होने जा रहा है. ऐसे में कई साधु संत समेते अनेक श्रद्धालु पहले ही यहां पहुंचने लगे हैं. इस बीच द्वारका के शारदापीठ के शंकराचार्य सदानंद सरस्वती महाराज (Dwarka Shankaracharya) का एक बड़ा बयान सामने आया है. यह बयान उन्होंने महाकुंभ में गैर हिंदुओं के प्रवेश को लेकर दिया है.
शंकराचार्य का कहना है कि महाकुंभ में हम गंगा स्नान करते हैं, हनुमान जी की पूजा करते हैं, देवताओं का आह्वान करते हैं. इसलिए ऐसी जगह पर गैर हिंदुओं का जाने का कोई अर्थ नहीं है. क्योंकि वो तो न तो गंगा स्नान करते हैं न ही हमारे देवी देवताओं का सम्मान करते हैं. ऐसे में महाकुंभ में गैर हिंदुओं के जाने से कोई मतलब का नहीं है. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, जिन लोगों को वंदे मातरम बोलने में तकलीफ होती है, उन्हें क्यों ही महाकुंभ में एंट्री मिले?
इसके साथ-साथ शंकराचार्य सदानंद सरस्वती महाराज ने कहा- मुगलों ने देश में राज किया और केवल हिंदू देवी देवताओं के मंदिरों पर ही अपनी मस्जिद बनाई. जबकि उस जमाने में तो मंदिरों के अलावा भी बहुत सारी भूमि उनके कब्जे में थी. लेकिन उन्होंने जानबूझकर मंदिरों को ही तोड़कर मस्जिद बनाई है. ऐसे में अगर आज खुदाई हो रही है तो कोई गलत बात नहीं है. क्योंकि हमारी परंपरा और संस्कृति उन्होंने मिटाने का काम किया. आज हमारे प्राचीन स्थल अगर हमको वापस मिल रहे हैं इसमें कोई गलत नहीं है यह हमारा अधिकार है.
क्या बोले महंत रवींद्र पुरी?
इससे पहले महाकुंभ में मुसलमानों के दुकान लगाने को लेकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रमुख महंत रवींद्र पुरी ने बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि मुसलमानों से कोई दुश्मनी नहीं है, लेकिन वे प्रयागराज में महाकुंभ मेले के दौरान दुकानें नहीं लगानी चाहिए क्योंकि वे हमारे धर्म को भ्रष्ट कर देंगे. वे किराने, जूस की दुकानें, खाने के स्टॉल और चाय की दुकानें नहीं लगा सकते हैं क्योंकि वे जानबूझकर भोजन पर थूकते हैं.
जिन्हें वंदे मातरम बोलने में तकलीफ उनकी महाकुंभ में एंट्री क्यों हो? स्वामी सदानंद सरस्वती ने उठाए सवाल
देश दुनियां की खबरें पाने के लिए ग्रुप से जुड़ें,
#INA #INA_NEWS #INANEWSAGENCY
Copyright Disclaimer :-Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
Credit By :-This post was first published on https://www.tv9hindi.com/, we have published it via RSS feed courtesy of Source link,