यूपी- रेलवे की जमीन, PM आवास योजना के पैसे और बना लिया आलीशान मकान… अब होगी कार्रवाई – INA

प्रधानमंत्री आवास के लिए किसी भी लाभार्थी की पात्रता तब तय होती है जब उसके नाम पर जमीन हो. जिसके लिए विभागीय अधिकारियों के द्वारा सर्वे भी किया जाता है. लेकिन वोट की राजनीति और सरकारी सिस्टम में टारगेट पूरा करने के दबाव के चलते गाजीपुर में रेलवे की ही जमीन पर दो प्रधानमंत्री आवास योजना बना दिए गए. रेलवे के अधिकारियों को इस बात का पता भी नहीं चला.

गाजीपुर के महाराजगंज रेलवे क्रॉसिंग के पास बासफोर समाज के लोग काफी दिनों से रह रहे हैं. इसी जमीन पर ग्राम प्रधान और ग्राम सचिव की मिली भगत से एक नहीं बल्कि दो प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत आवास का निर्माण भी किया गया. बड़ी बात तो ये है कि रेलवे के अधिकारियों के इस बात की हवा तक नहीं लग पाई. इसकी जानकारी भी अधिकारियों को तब लगी जब पिछले महीने रेलवे ट्रैक की चेकिंग के दौरान जाम लग गया. रेलवे के अधिकारियों की नजर पीएम आवास सहित अगल-बगल की झोपड़ियां पर पड़ी. इसके बाद आरपीएफ को इसकी जानकारी दी गई.

आरपीएफ को इस मामले की जानकारी होने के बाद सूचना इंजीनियरिंग विभाग रेलवे को दी गई. जिसके बाद विभाग सक्रिय हुआ और उसके अधिकारी मौके पर पहुंचे. जमीन की नपाई कराई तो पता चला कि दोनों ही आवास रेलवे की जमीन पर खड़े कर दिए गए हैं. साथ ही साथ आसपास के इलाके में गुमठी और झोपड़ी भी डाली गई हैं.

अब हटेगा अतिक्रमण

जब मामला सामने आया तो रेलवे के अधिकारियों के हाथ-पांव फूलने लगे. आनन-फानन में अधिकारियों ने अतिक्रमण हटाने के लिए 2 दिसंबर तक का नोटिस दिया और चिन्हित किया. अवैध मकानों और झोपड़ियों पर क्रॉस का निशान लगाया गया है. सोमवार को पुलिस फोर्स और मजिस्ट्रेट की कमी के चलते 2 दिसंबर को अतिक्रमण नहीं हटाया गया. अब आगे हटाए जाने की तारीख निश्चित होने के बाद कार्रवाई की जाएगी.

रेलवे ने भेजा नोटिस

पीएम आवास की लाभार्थी फूल कुमारी ने बताया कि गांव के प्रधान ने उन्हें आवास बनाए जाने की जानकारी दी थी. उनके खाते में पैसा आया और उसके बाद कुछ पैसा इन लोगों ने मेहनत मजदूरी कर लगाया और आवास को बनवाया है. अब रेलवे उस आवास को खाली करने के लिए नोटिस भेज रही है. फिलहाल फूल कुमारी जिलाधिकारी कार्यालय गईं और वहां पर आवेदन दिया है. एक अन्य लाभार्थी रामवती ने बताया कि रेलवे की जमीन पर वह काफी दिनों से रहती थीं. इसके बदले कुछ लोग आकर उनसे महीने की कुछ पैसे भी ले जाते थे. जब ग्राम प्रधान के द्वारा उन्हें आवास आवंटित किया गया और उन लोगों ने बनवाना आरंभ किया तब किसी भी अधिकारी ने उन्हें रोका-टोका नहीं. अब जब आवास बनकर पूर्ण हो चुका है तब अधिकारी उनके आवासों को गिराने का नोटिस दे रहे हैं. ऐसे में ठंड के इस मौसम में हम लोग अपने बच्चों के साथ कहां जाएंगे.

जरूरी नहीं कि जमीन हो…

परियोजना निदेशक राजेश यादव ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना पाने के लिए लाभार्थी के पास खुद की जमीन रहने की कोई अनिवार्यता नहीं है. वह व्यक्ति जहां भी रहता है वहां के जियो टैगिंग करा कर या फिर एसडीएम के द्वारा उस जमीन का पट्टा करने के पश्चात भी प्रधानमंत्री आवास दिया जा सकता है. संभवत इसी तरह से महाराजगंज के पास भी लाभार्थियों को आवास दिया गया होगा.


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