यूपी- मेरे सारे जेवर ले लो, पति को बचा लो… बुजुर्ग महिला ने सुनाई कन्नौज सड़क हादसे की आंखों देखी, 8 लोगों की हुई थी मौत – INA
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उत्तर प्रदेश के कन्नौज में दोपहर के वक्त पूरे जिले में उस वक्त हड़कंप मच गया जब सौरिख के सकरावा क्षेत्र के पास लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे पर सवारियों से भरी एक डबल डेकर बस हादसे का शिकार हो गई. भीषण हादसे में 8 लोगों की मौत हो गई. सामने मौत देख एक बुजुर्ग दंपत्ति ने आंखें बंद कर दीं. अपने बच्चों को याद किया लेकिन कुदरत ने ऐसा करिश्मा दिखाया कि दोनों ही जिंदा बच गए.
पूरा मामला सौरिख क्षेत्र के लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे 140 का है. लखनऊ से डबल डेकर बस दिल्ली के लिए रवाना हुई थी. नोएडा निवासी आरएन सक्सेना जो कि इनकम टैक्स से रिटायर्ड हैं. अपनी पत्नी अमिता उम्र करीब 65 वर्ष के साथ नोएडा अपने घर जा रहे थे. वह अपनी पत्नी के मायके में एक शादी समारोह में शामिल होने आए थे. इसके बाद बच्चों ने उनकी टिकट बुक की थी. वह लखनऊ से बस में सवार होकर नोएडा आ रहे थे. 11:00 बजे उनकी बच्चों से बात हुई. उसके बाद वह लोग सो गए लेकिन 12:30 बजे अचानक जोरदार झटका लगा और पूरी बस में चीख पुकार मच गई.
अलग-अलग सीट पर बैठे थे दंपति
दोनों पति-पत्नी कुछ समझ नहीं पाए दोनों बस में अलग-अलग बैठे थे, पत्नी एल 1 में बैठी थी तो पति एल 2 में बैठे थे. बुजुर्ग दंपति ने हादसे में अपने आप को मृत मान लिया था. बुजुर्ग महिला अमिता बताती हैं कि उनको लगा कि अब जीवन यहीं समाप्त हो गया है. आंखें बंद की तो बच्चों की तस्वीर सामने आ गई. उन्होंने बताया कि उन्होंने तो उम्मीद ही छोड़ दी थी. जब हादसा हुआ तो आगे ड्राइवर और कुछ लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी. जब बस गिरी तो मेरी सीट टूट कर किनारे वाले दरवाजे में जा टकराई. जिससे नीचे का कुछ हिस्सा अपने आप खुल गया.
खिड़की से निकले बाहर
बुजुर्ग महिला अमिता ने बताया कि हम उसमें से नीचे कूदे तभी अपने पति को मैं इधर-उधर देखने लगी. वह कहीं दिखाई नहीं दिए. तभी उन्हें एक सीट में उल्टा फंसा हुआ एक व्यक्ति दिखाई दिया. मेरे पति ने जिस कलर की पैंट पहनी हुई थी मैंने उनको उससे पहचान लिया. कन्नौज के पुलिसकर्मी और गांव के कुछ लोग वहां पर आ गए मैंने उनसे कहा कि मेरे सारे जेवर ले लो लेकिन मेरे पति को बचा लो. उसके बाद गांव वालों ने और पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद मेरे पति को बाहर निकाला. बुजुर्ग महिला ने आगे बताया कि बस की खिड़की से पहले वह कूदी और उसके बाद उनके पति को भी वहीं से बाहर निकाला गया.
थाना इंचार्ज भी रेस्क्यू में डटे रहे
सकरावा थाना इंचार्ज प्रमोद तिवारी मौके पर पहुंचे और उन्होंने अपनी टीम के साथ राहत बचाव कार्य बहुत तेजी से शुरू किया गया. वह खुद गोद में उठाकर बहुत सारे घायल लोगों को एंबुलेंस व निजी वाहनों के माध्यम से इलाज के लिए भिजवा रहे थे. बस से कुछ घायलों को निकलते हुए उनके हाथ में भी शीशे के टुकड़े लगे. कई जगह चोटें लगी वर्दी में कई जगह खून के धब्बे भी दिखाई पड़ रहे थे लेकिन प्रमोद तिवारी अपनी वर्दी और अपने शरीर की फिक्र ना करते हुए घायलों को बचाते हुए दिखाई दिए.
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