यूपी- UP: 37 साल पहले हिंसा की आग में जल उठा था हाशिमपुरा, गोलियों से भून दिए गए थे 42 लोग, नरसंहार की कहानी – INA
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मेरठ के हाशिमपुरा कांड में आठ पीएसी कर्मियों को कोर्ट से जमानत मिल गई है. इस जमानत के बाद हाशिमपुरा इलाके के लोगों ने अपना विरोध जाहिर किया है. साल 1987 के सांप्रदायिक दंगों के दौरान पीएसी के जवान हाशिमपुरा इलाके के सैकड़ों लोगों को गाड़ी में भरकर ले गए थे, जहां बाद में उनमें से 42 लोगों को पुलिस ने गोलियां से भून दिया था. कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए आठ आरोपियों का जमानत दे दी है.
1987 में मेरठ के हाशिमपुरा इलाके में सांप्रदायिक दंगे हुए थे. इसी दौरान 22 मई 1987 को पीएसी कर्मी हाशिमपुरा इलाके के सैकड़ों निर्दोष लोगों को गाडियों में भरकर ले गए थे, जिनमें से 42 लोगों को पीएसी ने मुरादनगर गंगनहर के पास ले जाकर गोलियों से भून दिया था. जिससे उनकी मौत हो गई थी. कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए आठ पीएसी कर्मियों को जमानत दे दी है.
आठ दोषियों को मिली जमानत
कोर्ट से जमानत मिलने के बाद पीड़ित परिवार की इंसाफ की उम्मीद धूमिल हो गई है. पीड़ित परिवार का कहना है कि आज भी वो दिन याद करके आंखें भर आती हैं. सारे जख्म हरे हो जाते है. पीड़ित परिवार का कहना है कि हम इंसाफ की लड़ाई जारी रखेंगे. इस पूरे गोलीकांड में हाशिमपुरा के रहने वाले जमालुद्दीन के बेटे कमरुद्दीन की मौत भी हो गई थी. कमरुद्दीन की मां जैतून बेगम और भाई शमसुद्दीन ने बताया कि हत्या से दो साल पहले ही कमरुद्दीन की शादी हुई थी.
1987 में हुआ था नरसंहार
पूरा परिवार बहुत खुश था. शादी के बाद से ही परिवार में चारों ओर खुशियां फैली हुई थी, लेकिन 1987 की घटना के बाद से ही परिवार में अब तक मातम फैला हुआ है. पिता जमालुद्दीन ने बेटे को न्याय दिलाने की लड़ाई लड़ी, लेकिन दो साल पहले उनकी भी मौत हो गई थी. घटना के बाद से पीड़ित परिवार पहले से काफी परेशान था. वहीं, कोर्ट से आठ दोषियों का जमानत मिलने के बाद परिवार और ज्यादा बेबस और परेशान हो गया है.
‘आरोपियों को हो सख्त से सख्त सजा’
हाशिमपुरा के रहने वाले मुस्तकीम की भी गोली लगने से मौत हो गई थी. मुस्तकीम के बेटे जमीर ने बताया कि पिता की हत्या के समय उसकी उम्र केवल छह साल थी. घटना के बारे में उसे कुछ भी याद नहीं है. जमीर का कहना है कि उसे पिता की शक्ल भी याद नहीं है. जमीर के चाचा की भी इस गोलीकांड में मौत हो गई थी. युवक का कहना है कि आरोपियों को सख्त से सख्त सजा हो, जिससे देश के सामने एक मिसाल पेश की जा सके.
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