उत्तर प्रदेश में कारोबारी विकास की रफ्तार में छोटे जिलों ने ग्रोथ के मामले में बड़े शहरों को काफी पीछे छोड़ दिया है। पिछले दो वर्ष में अयोध्या में व्यापार की रफ्तार दोगुनी हुई है इसीलिए जीएसटी कलेक्शन भी लगभग दोगुना हो गया है। दूसरे नंबर पर इटावा, तीसरे नंबर पर मुरादाबाद, चौथे पर मेरठ, पांचवें पर लखनऊ द्वितीय और छठे पर गोरखपुर जोन ने स्थान प्राप्त किया है। ग्रोथ के लिहाज से गाजियाबाद, कानपुर, गौतम बुद्ध नगर जैसे शहर काफी पीछे हैं।
अयोध्या में भव्य राममंदिर और प्रदेश सरकार द्वारा कराए गए विकास की वजह से वहां कारोबार में अप्रत्याशित उछाल आया है। देश विदेश से दर्शनार्थियों की भीड़ ने पूरे मंडल का व्यवसायिक भूगोल ही बदल दिया है। इसी का नतीजा है कि चार साल पहले तक सूनी अयोध्या कारोबार का सबसे बड़ा गढ़ बनकर उभरी है। जीएसटी कलेक्शन में ग्रोथ के लिहाज से अयोध्या यूपी में सबसे . है। दो साल पहले की तुलना में जीएसटी संग्रह लगभग 100 फीसदी और पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 35 फीसदी बढ़ा है जो यूपी में सबसे ज्यादा है।
तीर्थाटन किसी क्षेत्र को आर्थिक रूप से कितना समृद्ध बना सकता है, इसकी बानगी है अयोध्या
बुनियादी ढांचे में निवेश करते ही वहां होटल, रेस्तरां, इंडस्ट्री और सेवा क्षेत्र में कई गुना उछाल आया है। वहीं वैश्विक निवेशक सम्मेलन, राजमार्गों और एक्सप्रेस वे से जुड़े शहरों में भी जबर्दस्त व्यवसायिक ग्रोथ देखने को मिली है। इससे सटे जिलों में जीएसटी संग्रह की ग्रोथ गाजियाबाद, नोएडा, कानपुर, मेरठ और आगरा जैसे शहरों से काफी . है। गोरखपुर के अतिरिक्त बरेली, झांसी, मुरादाबाद और सहारनपुर ने भी चौंकाने वाली ग्रोथ प्राप्त की है।
जोन
2022
2023
2024
ग्रोथ (पिछले 2022 की तुलना में)
अयोध्या
990.14
1331.92
1798.23
35.01 फीसदी
इटावा
645.11
651.07
816.44
25.40 फीसदी
मुरादाबाद
925.21
1062.68
1324.09
24.60 फीसदी
मेरठ
1215.94
1421.02
1761.69
23.97 फीसदी
लखनऊ द्वितीय
5096.22
5411.00
6595.41
21.89 फीसदी
गोरखपुर
1564.97
1933.07
2318.38
19.93 फीसदी
झांसी
1007.78
1103.38
1317.90
19.44 फीसदी
सहारनपुर
1105.55
1396.97
1655.51
18.51 फीसदी
वाराणसी द्वितीय
1628.25
1991.72
2358.35
18.41 फीसदी
प्रयागराज
2000.00
1901.72
2241.89
17.89 फीसदी
लखनऊ प्रथम
6130.37
7066.29
8283.44
17.22 फीसदी
आगरा
1802.68
2213.59
2568.50
16.03 फीसदी
गाजियाबाद प्रथम
3712.14
4533.01
5147.97
13.57 फीसदी
अलीगढ़
1490.48
1760.81
1985.89
12.78 फीसदी
बरेली
1053.76
1254.51
1409.65
12.37 फीसदी
गाजियाबाद द्वितीय
3771.38
4609.41
4957.88
7.56 फीसदी
गौतमबुद्ध नगर
6519.06
7880.09
8540.63
8.38 फीसदी
कानपुर प्रथम
2810.48
3184.51
3374.02
5.95 फीसदी
कानपुर द्वितीय
1877.09
2235.73
2346.58
4.96 फीसदी
कारपोरेट सर्किल
1044.38
1244.16
1230.58
1.09 फीसदी
उत्तर प्रदेश में कारोबारी विकास की रफ्तार में छोटे जिलों ने ग्रोथ के मामले में बड़े शहरों को काफी पीछे छोड़ दिया है। पिछले दो वर्ष में अयोध्या में व्यापार की रफ्तार दोगुनी हुई है इसीलिए जीएसटी कलेक्शन भी लगभग दोगुना हो गया है। दूसरे नंबर पर इटावा, तीसरे नंबर पर मुरादाबाद, चौथे पर मेरठ, पांचवें पर लखनऊ द्वितीय और छठे पर गोरखपुर जोन ने स्थान प्राप्त किया है। ग्रोथ के लिहाज से गाजियाबाद, कानपुर, गौतम बुद्ध नगर जैसे शहर काफी पीछे हैं।
अयोध्या में भव्य राममंदिर और प्रदेश सरकार द्वारा कराए गए विकास की वजह से वहां कारोबार में अप्रत्याशित उछाल आया है। देश विदेश से दर्शनार्थियों की भीड़ ने पूरे मंडल का व्यवसायिक भूगोल ही बदल दिया है। इसी का नतीजा है कि चार साल पहले तक सूनी अयोध्या कारोबार का सबसे बड़ा गढ़ बनकर उभरी है। जीएसटी कलेक्शन में ग्रोथ के लिहाज से अयोध्या यूपी में सबसे . है। दो साल पहले की तुलना में जीएसटी संग्रह लगभग 100 फीसदी और पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 35 फीसदी बढ़ा है जो यूपी में सबसे ज्यादा है।
तीर्थाटन किसी क्षेत्र को आर्थिक रूप से कितना समृद्ध बना सकता है, इसकी बानगी है अयोध्या
बुनियादी ढांचे में निवेश करते ही वहां होटल, रेस्तरां, इंडस्ट्री और सेवा क्षेत्र में कई गुना उछाल आया है। वहीं वैश्विक निवेशक सम्मेलन, राजमार्गों और एक्सप्रेस वे से जुड़े शहरों में भी जबर्दस्त व्यवसायिक ग्रोथ देखने को मिली है। इससे सटे जिलों में जीएसटी संग्रह की ग्रोथ गाजियाबाद, नोएडा, कानपुर, मेरठ और आगरा जैसे शहरों से काफी . है। गोरखपुर के अतिरिक्त बरेली, झांसी, मुरादाबाद और सहारनपुर ने भी चौंकाने वाली ग्रोथ प्राप्त की है।