बांग्लादेश में हिंदुओं के उत्पीड़न के विरोध में तमाम हिंदू संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात ने भी बांग्लादेश में हिंदुओं के उत्पीड़न का विरोध किया है। बरेली में मुस्लिम जमात के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को कलक्ट्रेट पहुंचकर प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा।
संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी ने वहां के हालात पर खेद जताते हुए कहा कि अगस्त में हुए तख्ता पलट के बाद वहां की शासन-सत्ता कट्टरपंथियों के हाथ में आ गई है। तभी से वहां के अल्पसंख्यक हिंदुओं का उत्पीड़न किया जा रहा है। उन्होंने ज्ञापन के जरिये अनुरोध किया है कि बांग्लादेश के हालात से निपटने के लिए जल्द से जल्द कदम उठाए जाएं। वहां की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस पर दबाव बनाया जाए कि वह अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करें।
मौलाना ने मांग की है कि जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनको रिहा किया जाए। वहां के अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव लाएं और बांग्लादेश की हुकूमत को घुटने टेकने पर मजबूर किया जाए। ज्ञापन देने वालों में हाफिज अब्दुल वाहिद नूरी, मौलाना फारूक, शाहिद रजवी, वसीम मियां, रशीद खां आदि शामिल रहे।
बांग्लादेश में हिंदुओं के उत्पीड़न के विरोध में तमाम हिंदू संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात ने भी बांग्लादेश में हिंदुओं के उत्पीड़न का विरोध किया है। बरेली में मुस्लिम जमात के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को कलक्ट्रेट पहुंचकर प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा।
संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी ने वहां के हालात पर खेद जताते हुए कहा कि अगस्त में हुए तख्ता पलट के बाद वहां की शासन-सत्ता कट्टरपंथियों के हाथ में आ गई है। तभी से वहां के अल्पसंख्यक हिंदुओं का उत्पीड़न किया जा रहा है। उन्होंने ज्ञापन के जरिये अनुरोध किया है कि बांग्लादेश के हालात से निपटने के लिए जल्द से जल्द कदम उठाए जाएं। वहां की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस पर दबाव बनाया जाए कि वह अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करें।
मौलाना ने मांग की है कि जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनको रिहा किया जाए। वहां के अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव लाएं और बांग्लादेश की हुकूमत को घुटने टेकने पर मजबूर किया जाए। ज्ञापन देने वालों में हाफिज अब्दुल वाहिद नूरी, मौलाना फारूक, शाहिद रजवी, वसीम मियां, रशीद खां आदि शामिल रहे।