यूपी – चिंताजनक: युवाओं की ही नहीं… शिशुओं की भी सेहत बिगाड़ रहा मोबाइल, छीन रहा भाषा व सामाजिकता का विकास – INA

child with mobile (Demo)
– फोटो : freepik
राजधानी लखनऊ स्थित केजीएमयू में चलने वाली बाल एवं किशोर मनोरोग की ओपीडी में अभिभावक अपने बच्चे को लेकर पहुंच रहे हैं। उनकी समस्या है कि बच्चे की उम्र तीन साल होने वाली है। पहले की तरह अब हमसे बात नहीं करता। बुलाने और पुचकारने पर आंख से आंख नहीं मिलाता है। अपने आसपास ऐसे देखता है मानो कार्टून के चरित्र तलाश रहा हो।
राजधानी लखनऊ स्थित केजीएमयू में चलने वाली बाल एवं किशोर मनोरोग की ओपीडी में अभिभावक अपने बच्चे को लेकर पहुंच रहे हैं। उनकी समस्या है कि बच्चे की उम्र तीन साल होने वाली है। पहले की तरह अब हमसे बात नहीं करता। बुलाने और पुचकारने पर आंख से आंख नहीं मिलाता है। अपने आसपास ऐसे देखता है मानो कार्टून के चरित्र तलाश रहा हो।