UPSC Success Story: इसे कहते हैं ब्यूटी विथ ब्रेन, मॉडलिंग छोड़ तस्कीन खान ने पास की UPSC परीक्षा #INA
UPSC Success Story: असफल होने का ये कतई मतलब नहीं है कि कोशिश छोड़ दिया जाए. हार के बाद एक निराशा छा जाती है ये स्वाभिक है लेकिन उस जोन से निकलकर फिर से आगे बढ़ना ही सफल इंसान की निशानी होती है. आज हम सक्सेस स्टोरी की सीरीज में बताने जा रहे हैं एक ऐसी प्रेरणा भरी कहानी जो आपके दिल को छू जाएगी. उत्तराखंड के देहरादून की रहने वाली तस्कीन खान ने यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली लेकिन इस परीक्षा को पास करने के लिए उन्होंने जो मेहनत किया वो दिल छू लेने वाली है.
पैसे की तंगी के कारण छोड़ना पड़ा मेडिकल
तस्कीन खान ने मॉडलिंग का करियर चुना था लेकिन उन्होंने अपनी राह को बदलने की इच्छा जाहिर की. उन्होंने यूपीएससी को चुना और उसी रास्ते पर चलने लगी. उन्होंने यूपीएससी परीक्षा रैंक 736 के साथ पास की थी. हालांकि इससे पहले उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई के लिए नीट की परीक्षा दी थी. उन्होंने नीट भी पास कर लिया. लेकिन पैरेंट्स के हालात ऐसे नहीं थे कि वह अपनी लाडली को एमबीबीएस कराए.
चार बार फेल होने के बाद मिली सफलता
तस्कीन खान ने मिसाल पेश की अगर मेहनत सही तरीके से किया जाए तो मेहनत रंग लाती है. साल 2022 में हालातों से हालातों से लड़ते हुए उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा में 736वीं रैंक हासिल कर यब साबित कर दिखाया. हालांकि उन्हें यह सफलता तीन बार की असफलता के बाद मिली थी. तस्कीन खान ने IAS बनने के लिए तीन बार UPSC की सेवा परीक्षा दी थी. लेकिन तीनों बार तस्कीन असफल रही. उन्होंने हार नहीं मानी और चौथी बार सफलता ने उनके कदम चूमे लिए.
हार के कर छोड़ देना ही सबसे बड़ी हार है
तस्कीन खान ने एक इंटरव्यू में कहा था कि वह एकैडमिक रूप में अच्छी नहीं स्टूडेंट्स नहीं थी. लेकिन खेल में हमेशा आगे रही. अक्सर खेल में अच्छे स्कोर करने में सफल रही. खिलाड़ी कई बार खेल में हार जरूर जाते हैं लेकिन खेल नहीं छोड़ते हैं. ठीक उसी तरह तस्कीन के मन में भी यही भावना था कि हार मानने के बाद छोड़ देना ही सबसे बड़ी हार है. इसी जज्बे ने तस्कीन को सफल बनाने में मदद की.
तस्कीन एक प्रोफेशनल मॉडल ही नहीं बास्केटबॉल की चैंपियन भी रही हैं. वह नेशनल लेवल पर डिबेटक भी रही है. उनकी नेचुरल इंटेलीजेंसी ने उन्हें न केवल मॉडल ब्लिक मिस उत्तराखंड और मिस देहरादून का खिताब जिताया है. मिस उत्तराखडं का खिताब भी जीत चुकी हैं. लेकिन पिता की बीमारी और रिटायरमेंट के कारण उन्हें रास्ता बदलना पड़ा. इसके बाद तस्कीन यूपीएससी की तैयारी करने निकल गई और जामिया में फ्रो कोचिंग में एडमिशन लेकर पढ़ाई शुरू किया.
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