यूपी – UP: मथुरा में भारतीय मुद्रा परिषद का 106 वां वार्षिक सम्मेलन हुआ शुरू, पुरातत्वविद तीन दिन करेंगे मंथन – INA

106th annual conference of Indian Monetary Council in Mathura archaeologists brainstorm for three days

सिक्के

– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

मथुरा में तीन दिवसीय भारतीय मुद्रा परिषद के 106वें वार्षिक सम्मेलन का आगाज हो गया है। मंगलवार को पांचजन्य प्रेक्षागृह में विरासत संस्थान के कुलपति समेत अन्य गणमान्य लोगों ने शुभारंभ किया। साथ ही राज्य पुरातत्व विभाग की निदेशक रेनू द्विवेदी ने देश-दुनिया से आए पुरातत्वविदों को स्वागत किया।
डैंपियर नगर के पांचजन्य प्रेक्षागृह में राज्य सरकार के पुरातत्व विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भारतीय मुद्रा परिषद के अध्यक्ष डी राजा रेड्डी ने बताया है कि मुद्राओं के अध्ययन से अनेक अनसुलझे ऐतिहासिक प्रश्नों का उत्तर मिलता है। पुरातत्वविद ऐसे ही प्रश्नों के तलाश में तीन दिन तक यहां मंथन करेंगे। साथ ही अपने शोध भी प्रस्तुत करेंगे।
दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रो. विजया लक्ष्मी सिंह ने मथुरा के प्रारंभिक सिक्कों के इतिहास बारे में बताया। उन्होंने कहा कि मौर्य काल के पूर्ववर्ती सिक्कों को भी पढ़ने तथा समझने का प्रयास किया जाना चाहिए। बनारस की क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी डॉ. राम नरेश पाल, डॉ. राजीव कुमार त्रिवेदी, प्रभारी, आगरा के क्षेत्रीय पुरातत्व इकाई समेत देश-दुनिया से आए पुरातत्वविदों मौजूद रहे।
 

मथुरा में तीन दिवसीय भारतीय मुद्रा परिषद के 106वें वार्षिक सम्मेलन का आगाज हो गया है। मंगलवार को पांचजन्य प्रेक्षागृह में विरासत संस्थान के कुलपति समेत अन्य गणमान्य लोगों ने शुभारंभ किया। साथ ही राज्य पुरातत्व विभाग की निदेशक रेनू द्विवेदी ने देश-दुनिया से आए पुरातत्वविदों को स्वागत किया।
डैंपियर नगर के पांचजन्य प्रेक्षागृह में राज्य सरकार के पुरातत्व विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भारतीय मुद्रा परिषद के अध्यक्ष डी राजा रेड्डी ने बताया है कि मुद्राओं के अध्ययन से अनेक अनसुलझे ऐतिहासिक प्रश्नों का उत्तर मिलता है। पुरातत्वविद ऐसे ही प्रश्नों के तलाश में तीन दिन तक यहां मंथन करेंगे। साथ ही अपने शोध भी प्रस्तुत करेंगे।
दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रो. विजया लक्ष्मी सिंह ने मथुरा के प्रारंभिक सिक्कों के इतिहास बारे में बताया। उन्होंने कहा कि मौर्य काल के पूर्ववर्ती सिक्कों को भी पढ़ने तथा समझने का प्रयास किया जाना चाहिए। बनारस की क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी डॉ. राम नरेश पाल, डॉ. राजीव कुमार त्रिवेदी, प्रभारी, आगरा के क्षेत्रीय पुरातत्व इकाई समेत देश-दुनिया से आए पुरातत्वविदों मौजूद रहे।
 


Credit By Amar Ujala

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