यूपी- UP: रिश्वत ली एक हजार, सजा भुगतनी होगी 4 साल; एक लाख जुर्माना भी लगा… फंस गए डाक अधीक्षक साहब – INA
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले से एक हैरान कराने वाला मामला सामने आया है. जहां एक हजार रुपए की रिश्वत लेने के मामले में आरोपी को 4 साल जेल में रहना पड़ेगा और 1 लाख रुपए का जुर्माना भी देना पड़ेगा. लखनऊ की सीबीआई की विशेष अदालत ने जमानिया के तत्कालीन सहायक डाक अधीक्षक के पद पर तैनात अखिलानंद सिंह ने पोस्टमैन के रिटायर होने के बाद 18 दिन के एरियर के भुगतान के लिए 1500 रुपए की रिश्वत मांगी थी. जिससे तंग आकर पीड़ित ने साल 2013 में सीबीआई की एंट्री करप्शन टीम से शिकायत की और सीबीआई की एंटी करप्शन टीम ने एक हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था.
मालूम हो कि जमानिया के दौदही गांव निवासी एवं वाराणसी स्थित विशेश्वरगंज डाकघर में पोस्टमैन के पद पर तैनात रहे रामनारायण यादव 18 दिसंबर 2012 को रिटायर हो गए. जिसके कुछ दिनों बाद उनका निधन हो गया था. उनके पोते अजीत यादव ने दादा के 18 दिन के एरियर करीब पांच हजार रुपए के भुगतान के लिए डाकघर का कई बार चक्कर लगाया. लेकिन एरियर का भुगतान नहीं हो सका. उस दौरान जमानियां में सहायक डाक अधीक्षक के पद पर तैनात अखिनानंद सिंह ने भुगतान के एवज में 1500 रुपये की डिमांड रखी. जिससे तंग आकर पोते अजीत यादव ने 2013 के शुरुआती महीनें में सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच (एसीबी) में शिकायत दर्ज कराई.
सीबीआई ने रंगे हाथ पकड़ा
जिसके बाद सीबीआई की एसीबी टीम ने 6 मार्च 2013 को जमानिया के सहायक डाक अधीक्षक अखिलानंद सिंह को सौ-सौ के दस नोट ( एक हजार) के साथ कोतवाली क्षेत्र के देवरियां पुलिस चौकी स्थित पुलिया के पास से रंगे हाथ दबोच लिया था. सीबीआई की एसीबी टीम ने आरोपी शख्स की शर्ट के पाकेट से केमिकल युक्त सौ-सौ के नोटों को कब्जे में लेकर उनका हाथ धुलवाया तो हाथ रंगीन हो गए. जिसके बाद टीम ने उन्हें हिरासत में लेकर कोर्ट में पेश किया था. वहीं कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था.
10 वर्ष के बाद आरोपी को मिली सजा
शिकायतकर्ता अजीत यादव ने बताया कि सीबीआई की विशेष अदालत चार के न्यायाधीश ने दस वर्षों तक चले ट्रायल के बाद एरियर भुगतान के लिए रिश्वत लेने के मामले में शिकायतकर्ता के द्वारा पेश किए गये सबूतों के आधार पर जमानिया के तत्कालीन सहायक डाक अधीक्षक अखिनानंद सिंह को चार साल का कारावास और एक लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई.
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