हाथरस में कोतवाली चंदपा क्षेत्र के गांव नगला मोतीराय में खेतों में पानी लगा रहे शिक्षामित्र की खेतों में लगे कंटीले तारों में दौड़ रहे करंट की चपेट में आकर मौत हो गई। यह करंट नजदीक ही लगे नलकूप के तार के स्पर्श से कंटीले तारों में उतरा था। हादसे से परिवार में शोक में डूब गया। शिक्षा मित्र संगठन के पदाधिकारी भी पोस्टमार्टम गृह पर पहुंच गए।
चंदपा क्षेत्र के गांव नगला मोतीराय निवासी जितेंद्र कौशिक (35) गांव के प्राथमिक विद्यालय में शिक्षामित्र के पद पर तैनात थे। 3 दिसंबर की सुबह वह अपने खेत पर गेहूं की फसल की सिंचाई कर रहे थे। अचानक खेत पर लगे कंटीले तारों में करंट दौड़ गया। जितेंद्र को इन तारों में करंट होने का बिल्कुल भी अनुमान नहीं था।
उन्होंने जैसे ही सिंचाई के तारों को छुआ, तेज करंट लगने से वह अचेत होकर खेत में ही गिर गए। यह देखकर वहां आसपास के खेतों पर काम कर रहे किसान भी इकट्ठे हो गए। आनन-फानन जितेंद्र को अचेत अवस्था में उपचार के लिए बागला अस्पताल ले जाया गया। यहां चिकित्सक ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। जितेंद्र की मौत की बात सुनकर परिजन रोने-बिलखने लगे। परिजनों ने बताया कि खेत पर कंटीले तार लगे थे। पास ही बने नलकूप का कोई तार शॉर्ट था, जोकि कंटीले तारों से स्पर्श हो गया। इस कारण इन तारों में करंट दौड़ा है।
हाथरस में कोतवाली चंदपा क्षेत्र के गांव नगला मोतीराय में खेतों में पानी लगा रहे शिक्षामित्र की खेतों में लगे कंटीले तारों में दौड़ रहे करंट की चपेट में आकर मौत हो गई। यह करंट नजदीक ही लगे नलकूप के तार के स्पर्श से कंटीले तारों में उतरा था। हादसे से परिवार में शोक में डूब गया। शिक्षा मित्र संगठन के पदाधिकारी भी पोस्टमार्टम गृह पर पहुंच गए।
चंदपा क्षेत्र के गांव नगला मोतीराय निवासी जितेंद्र कौशिक (35) गांव के प्राथमिक विद्यालय में शिक्षामित्र के पद पर तैनात थे। 3 दिसंबर की सुबह वह अपने खेत पर गेहूं की फसल की सिंचाई कर रहे थे। अचानक खेत पर लगे कंटीले तारों में करंट दौड़ गया। जितेंद्र को इन तारों में करंट होने का बिल्कुल भी अनुमान नहीं था।
उन्होंने जैसे ही सिंचाई के तारों को छुआ, तेज करंट लगने से वह अचेत होकर खेत में ही गिर गए। यह देखकर वहां आसपास के खेतों पर काम कर रहे किसान भी इकट्ठे हो गए। आनन-फानन जितेंद्र को अचेत अवस्था में उपचार के लिए बागला अस्पताल ले जाया गया। यहां चिकित्सक ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। जितेंद्र की मौत की बात सुनकर परिजन रोने-बिलखने लगे। परिजनों ने बताया कि खेत पर कंटीले तार लगे थे। पास ही बने नलकूप का कोई तार शॉर्ट था, जोकि कंटीले तारों से स्पर्श हो गया। इस कारण इन तारों में करंट दौड़ा है।