राजापाकर प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न पंचायत में भेड़ बकरियों में होने वाले पीपीआर बीमारी का टीकाकरण।
संवाददाता-राजेन्द्र कुमार

वैशाली /राजापाकर । सभी पंचायतो में टीकाकर्मियों द्वारा किया जा रहा है. इस संबंध में जानकारी देते हुए राजापाकर पशु चिकित्सालय के पशु चिकित्सक डॉक्टर रुचि कुमार ने बताया कि इस बीमारी के लक्षण में भेड़ बकरियों को तेज बुखार, सुस्त हो जाना, बाल खड़ा हो जाना एवं पशु छिकने लगता है. बीमारी से प्रभावित पशुओं के आंख मुंह एवं नाक से पानी की तरह स्राव निकलता है. पशुओं को सांस लेने में कठिनाई होती है. बीमारी के दो-तीन दिन के बाद मुंह के अंदर का भाग काफी लाल हो जाता है. इसके उपचार के लिए किसानों को बीमार पशुओं के आंख नाक एवं मुंह को फिटकरी के पानी से नियमित रूप से साफ करे. रोग फैलने की स्थिति में इसकी सूचना नजदीकी पशु चिकित्सक को दे. 4 माह के आयु के ऊपर के सभी भेड़ बकरियों में पीपीआर रोग के विरुद्ध टीकाकरण अवश्य करवाए. एक बार टीका लगने के बाद 3 साल तक पशु इस बीमारी से सुरक्षित रहते हैं. टीकाकरण कार्य में शामिल विकास कुमार, विशंभर कुमार, आदित्य कुमार सनी, दीपक कुमार, प्रेमनाथ राय ,विनोद कुमार गुप्ता, नरेंद्र कुमार ,अमरेश कुमार ,बिरजू कुमार आदि शामिल है.