वैशाली मुख्य सचिव की जिला पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक: कल्याणकारी योजनाओं की प्रगति पर हुई चर्चा
संवाददाता-राजेन्द्र कुमार
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वैशाली 17 दिसंबर, हाजीपुर। आज मंगलवार को मुख्य सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिला पदाधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक का आयोजन किया। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य जिलों में चल रही कल्याणकारी योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करना था, जो की स्थानीय विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है।
बैठक में वैशाली के प्रभारी जिला पदाधिकारी विनोद कुमार सिंह ने जिला स्तरीय पदाधिकारियों के साथ एनआईसी वीसी रूम से कनेक्ट होकर विभिन्न विभागों की गतिविधियों का अवलोकन किया। इस तरह की समीक्षा बैठकें न केवल प्रशासनिक कार्यों में दक्षता लाती हैं, बल्कि यह सुनिश्चित करती हैं कि विभिन्न योजनाएं सही रास्ते पर चल रही हैं और समाज के जरूरतमंद वर्ग तक लाभ पहुंचा रही हैं।
जिलों में विकसित हो रहे केंद्रीय केंद्र
मुख्य सचिव ने कहा कि जिलों में स्थापित जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र (डीआरसीसी) की आधारभूत संरचना का इनोवेटिव तरीके से अधिकतम इस्तेमाल किया जाना चाहिए। उन्होंने सभी जिला पदाधिकारियों से सुझाव मांगे कि डीआरसीसी को आईटी से युक्त एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में विकसित किया जाए। यह केंद्र न केवल विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत सेवाएं प्रदान करेगा, बल्कि इसमें मुख्यमंत्री स्वयं सहायता भत्ता योजना, बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना और कुशल युवा कार्यक्रम जैसी महत्वपूर्ण योजनाएं भी शामिल होनी चाहिए।
प्रखंडों में कुशल युवा केंद्रों का महत्व
मुख्य सचिव ने प्रखंडों में संचालित कुशल युवा केंद्रों के अधिकतम उपयोग पर भी ध्यान केंद्रित किया। इन केंद्रों के माध्यम से युवाओं को रोजगार में सहायता प्रदान की जा सकती है, जो कि वर्तमान में अत्यंत आवश्यक है। यह कदम न केवल युवा वर्ग को सशक्त बनाएगा, बल्कि इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था में भी सुधार होगा।
सड़क एवं संपर्कता का विकास
ग्रामीण कार्य विभाग को निर्देश देते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि जिन सड़कें भूमि के अभाव के कारण अभी तक तैयार नहीं हो पाई हैं, उन्हें शीघ्र पूरा किया जाए। मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में निर्बाध संपर्कता स्थापित करने के उद्देश्य से योजनाओं का चयन कर शीघ्र कार्यान्वयन कराने का आदेश दिया गया।
जल आपूर्ति एवं स्वास्थ्य सेवाएं
लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग को निर्देश दिया गया कि पंचायती राज विभाग से हस्तांतरित योजनाओं में अनुरक्षक का भुगतान शीघ्र कराए। इसके साथ ही, हर घर नल जल योजना की प्रभावी मॉनिटरिंग भी की जाएगी। इसके लिए जिला स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा और हर पंचायत में जलापूर्ति समन्वयक नियुक्त किया जाएगा, जो कि जल संबंधी तकनीकी सहायकों के साथ मिलकर कार्य करेगा।
ऊर्जा विभाग की जिम्मेदारी
ऊर्जा विभाग को निर्देश दिया गया कि सभी सरकारी कार्यालयों में प्रीपेड स्मार्ट मीटर की शत प्रतिशत स्थापना सुनिश्चित की जाए। वैशाली जिले में 1791 सरकारी कार्यालयों में से 1642 कार्यालयों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर का सफलतापूर्वक स्थापित होना एक सकारात्मक कदम है।
किसानों की ऊर्जा सुरक्षा
समीक्षा में “हर खेत को पानी” योजना के तहत जल संसाधनों की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए भी चर्चा हुई। प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान (पीएम कुसुम योजना) को प्रभावी ढंग से लागू करने का भी निर्देश दिया गया।
इस बैठक में जिला योजना पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता, भवन प्रमंडल, विद्युत आपूर्ति विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, पथ निर्माण विभाग और स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन के अन्य कई पदाधिकारी उपस्थित रहे। यह बैठक यह दर्शाती है कि बिहार राज्य सरकार विभिन्न विभागों के समन्वय से राज्य के विकास की दिशा में गंभीर है।
इस प्रकार की बैठकें, जहाँ योजनाओं की प्रगति का अवलोकन किया जाता है, वास्तव में प्रशासनिक सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। सरकारी योजनाओं के सही अनुप्रयोग से यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि विकास का लाभ सीधे उन लोगों तक पहुंचे, जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है।