वैशाली सुशासन सप्ताह: “प्रशासन गांव की ओर 2024” अभियान का शुभारंभ
हाजीपुर, 21 दिसंबर। भारत में सुशासन और स्थानीय प्रशासन को सशक्त बनाने के लिए “प्रशासन गांव की ओर 2024” अभियान का शुभारंभ पटेढ़ी बेलसर प्रखंड में किया गया है। इस पहल के तहत विशेष सेवा शिविरों का आयोजन किया गया, जो प्रशासन की सेवाओं को ग्रामीणों तक पहुंचाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
आयोजन का उद्देश्य और महत्व
सुशासन सप्ताह का यह आयोजन 21 से 24 दिसंबर तक चलेगा, जिसका मुख्य उद्देश्य जन-शिकायतों का त्वरित निस्तारण और सरकारी योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाना है। यह अभियान प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग, भारत सरकार और सामान्य प्रशासन विभाग, बिहार के निर्देश के आलोक में किया जा रहा है। प्रभारी जिलाधिकारी सह एडीएम विनोद कुमार सिंह ने इस पहल के दौरान जन सेवा को सुशासन की नींव बताते हुए अधिकतम शिकायतों के समाधान की दिशा में अधिक प्रयास करने की बात कही।
शिविर में मिली सेवाओं का विवरण
इस विशेष सेवा शिविर में विभिन्न विभागों से कुल 88 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 27 का मौके पर ही समाधान किया गया। शेष 61 आवेदनों के त्वरित निष्पादन के लिए संबंधित विभागों को निर्देशित किया गया है। प्रशासन गांव की ओर अभियान के अंतर्गत रोजगार, पेंशन, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, और सामाजिक सुरक्षा जैसी कई योजनाओं की जानकारी ग्रामीणों को प्रदान की गई।
जिस प्रकार से ग्रामीणों ने प्रशासन की इस पहल की सराहना की, यह दर्शाता है कि इस तरह के आयोजनों से उन तक न केवल जानकारी पहुँचाई जा रही है बल्कि उन्हें समय और आर्थिक बचत करने में भी सहयोग मिल रहा है। पटेढ़ी बेलसर प्रखंड में आयोजित इस विशेष शिविर में पीएम आवास, मनरेगा, लोहिया स्वच्छ बिहार, आपूर्ति, आईसीडीएस कन्या विवाह, धर तक पक्की नलियां-नालियां, हर घर नल का जल, सामाजिक सुरक्षा जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र, भूमि सुधार एवं राजस्व जैसे कई आवश्यक सेवाओं से संबंधित आवेदन लिए गए।
ग्रामीणों की अपेक्षाएँ और सपने
ग्रामीणों ने उम्मीद जताई है कि ऐसी और अधिक पहलें उन्हें सरकारी सेवाओं तक पहुँचने में सहायक होंगी। वे चाहते हैं कि राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर इसी तरह की गतिविधियाँ नियमित रूप से आयोजित की जाएं ताकि उनके आवेदन और शिकायतों का तत्काल समाधान किया जा सके।
अभियान की विस्तृत जानकारी और सुझाव
“प्रशासन गांव की ओर 2024” अभियान न केवल प्रशासनिक सुधार की दिशा में एक कदम है, बल्कि यह एक उदाहरण भी है कि कैसे सुशासन का उद्देश्य केवल सुविधाओं को बढ़ावा देना नहीं है, बल्कि नागरिकों को सक्रिय भूमिका में लाना भी है। विभागों के बीच समन्वय और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए यह आवश्यक है कि इस तरह के आयोजनों का नियमित रूप से सञ्चालन किया जाए।
कुल मिलाकर, पटेढ़ी बेलसर प्रखंड में आयोजित इस विशेष सेवा शिविर ने यह सिद्ध कर दिया है कि सही दिशा में उठाए गए कदम ग्राम समाज के विकास और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण हैं। प्रशासन की इस पहल ने यह भी सुनिश्चित किया कि ग्रामीणों को अपने अधिकारों और सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके।
इस प्रकार, “प्रशासन गांव की ओर 2024” अभियान केवल एक शासकीय पहल नहीं है, बल्कि यह एक समाजिक बदलाव की शुरुआत है, जिसका दूरगामी प्रभाव होगा। यदि सभी स्तरों पर इस तरह की पहलें की जाती हैं, तो सुशासन के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी और नागरिकों का विश्वास प्रशासन में बढ़ेगा। हमें उम्मीद है कि भविष्य में इसी तरह के रोजगार और कल्याणकारी योजनाओं से ग्रामीण जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा।