देश- दिल्ली में AAP ने जिन विधायकों के काटे टिकट, अब उनके सामने क्या-क्या विकल्प है?- #NA

एसके बग्गा ,प्रहलाद सिंह साहनी ,शरद चौहान, दिलीप पांडेय,सुरेंद्र पाल सिंह

दिल्ली विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल एक नए सियासी प्रयोग के साथ प्रत्याशी मैदान में उतरे हैं. आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की कुल 70 में से 31 सीट पर अभी तक अपने प्रत्याशी उता दिए हैं. केजरीवाल ने अपने पुराने विधायकों का टिकट काट दिया और कुछ की उनकी सीट बदल दी है. पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और राखी बिड़लान तक की सीट बदल दी गई है तो 18 मौजूदा विधायकों के टिकट काटकर नए चेहरों को मैदान में उतारा है. इस तरह केजरीवाल की कोशिश स्थानीय स्तर पर अपने विधायकों के खिलाफ मतदाताओं की नाराजगी दूर करने की रणनीति है.

केजरीवाल ने अपनी पहली लिस्ट में 4 और दूसरी लिस्ट में 14 विधायकों का टिकट काटा है. AAP ने जिन 31 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं, उनमें से 8 सीटें तो वो हैं जहां बीजेपी के विधायक हैं. इसके अलावा 3 सीटें वो हैं, जहां से AAP के मौजूदा विधायकों ने पार्टी छोड़ दी.

केजरीवाल ने कृष्णा नगर और चांदनी चौक विधानसभा में मौजूदा विधायकों के बेटों को टिकट देकर उनकी नई पीढ़ी को आगे बढ़ाने की कवायद की है. आम आदमी पार्टी ने जिन विधायकों के टिकट काटे हैं, अब उनके पास क्या सियासी विकल्प बचे हुए हैं?

ये भी पढ़ें

टिकट कटने वालों के पास पहला विकल्प

आम आदमी पार्टी के जिन मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं मिला है, उनके सामने कई पहला विकल्प हैं. अगर उन्हें इस बार हरहाल में चुनाव लड़ना है तो अपना सियासी पाला बदल सकते हैं. सीलमपुर से विधायक अब्दुल रहमान ने पार्टी छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया है. बीजेपी, कांग्रेस या फिर अन्य दल से टिकट का भरोसा मिलता है तो उनके सामने आसान विकल्प है कि आम आदमी पार्टी का छोड़कर अपनी सुविधा के अनुसार पार्टी का दामन थाम लें.

बीजेपी, कांग्रेस या अन्य दूसरे दलों से टिकट मिलने का भरोसा नहीं है.ऐसे में पार्टी छोड़ने का फैसला कर लिया है तो निर्दलीय चुनावी मैदान में किस्मत आजमाने का विकल्प ही बचेगा. इसके अलावा बसपा, सपा, AIMIM और अन्य छोटे दलों का भी विकल्प बन सकता है. हालांकि, निर्दलीय या किसी छोटे दल से किस्मत आजमाने पर जीतने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ सकती है. यह फैसला तभी लिया जा सकता है, जब खुद पर भरोसा हो.

क्या है दूसरा विकल्प?

आम आदमी पार्टी के जिन विधायक को टिकट नहीं मिला है, उनके सामने यह विकल्प है कि पार्टी के साथ बने रहें. आम आदमी पार्टी के जिताने के लिए कड़ी मशक्कत करें और पार्टी ने जिसे भी टिकट दिया है, उसे जिताकर विधानसभा भेजें. ऐसी स्थिति में पार्टी में उनकी ईमानदारी बनी रहेंगी और सत्ता में वापसी पर पार्टी उन्हें सम्मान भी दे सकती है. राज्य में कई आयोग और राज्यसभा की सीटें होती है. जो पार्टी अपने नेताओं को देती है, जिसके लिए उन्हें लॉबिंग करना होगा.

जानें तीसरा विकल्प

आम आदमी पार्टी ने अगर टिकट नहीं दिया है तो बागी रुख अपना सकते हैं. अक्सर देखा गया है कि जिन नेताओं को टिकट नहीं मिल पाता है, वो पार्टी के खिलाफ बगावती तेवर अपना लेते हैं. चुनाव वो भले ही नहीं लड़ते, लेकिन अपनी पार्टी के अधिकारिक उम्मीदवार को जीतने भी नहीं देते. इस तरह से अपनी सियासी ताकत दिखाकर भविष्य के लिए अपनी प्रासंगिकता को बनाए रखते हैं. दिल्ली में जिन विधायकों को टिकट नहीं मिला है, उसमें से कई विधायक इस तरह से स्टैंड अपना सकते हैं.

ये रहा आखिरी विकल्प

आम आदमी पार्टी ने जिन विधायकों को टिकट नहीं दिया है, उनके सामने यह भी विकल्प है कि अपनी सीट पर मशक्कत करते रहें. अपनी स्थिति ऐसी कर लें कि पार्टी ने जिसे टिकट दिया है, उससे ज्यादा अपनी स्थिति मजबूत हो जाए. ऐसे में पार्टी पर दबाव बनाकर चुनाव से ठीक पहले टिकट लेने में सफल हो सकते हैं, लेकिन उसके लिए पार्टी नेतृत्व का भरोसा भी जीतना होगा कि जिसे टिकट दिया गया है, उससे ज्यादा वो उनके जीत की संभावना है.

AAP के 18 विधायकों के काटे टिकट

आम आदमी पार्टी ने इस बार कृष्ण नगर सीट पर एसके बग्गा की जगह उनके बेटे विकास बग्गा को टिकट दिया है.चांदनी चौक से प्रहलाद सिंह साहनी की जगह उनके बेटे पूरनदीप सिंह साहनी (सेबी) को टिकट दिया है. इसी तरह नरेला से शरद चौहान का टिकट काटकर दिनेश भारद्वाज, तिमारपुर से दिलीप पांडेय का टिकट काटकर सुरेंद्र पाल सिंह बिट्टू, आदर्श नगर से पवन शर्मा का टिकट काटकर मुकेश गोयल, मुंडका से धर्मपाल लाकड़ा का टिकट काटकर जसबीर कालरा, जनकपुरी से राजेश ऋषि का टिकट काटकर प्रवीण कुमार, बिजवासन से बीएस जून का टिकट काटकर सुरेंद्र भारद्वाज पालम से भावना गौड़ की जगह जोगिंदर सोलंकी, देवली से प्रकाश जरवाल की जगह प्रेम चौहान, त्रिलोकपुरी से रोहित मेहरौलिया की जगह अंजना पारचा, शाहदरा से राम निवास गोयल की जगह जितेंद्र शंटी और मुस्तफाबाद से हाजी यूनुस की जगह आदिल अहमद खान को टिकट दिया है.

Copyright Disclaimer :- Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.

यह पोस्ट सबसे पहले टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम पर प्रकाशित हुआ , हमने टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम के सोंजन्य से आरएसएस फीड से इसको रिपब्लिश करा है, साथ में टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम का सोर्स लिंक दिया जा रहा है आप चाहें तो सोर्स लिंक से भी आर्टिकल पढ़ सकतें हैं
The post appeared first on टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम Source link

Back to top button
Close
Crime
Social/Other
Business
Political
Editorials
Entertainment
Festival
Health
International
Opinion
Sports
Tach-Science
Eng News