Tach – क्या है सहयोग पोर्टल, जिसे लेकर एलन मस्क की कंपनी X ने कर दिया है भारत सरकार पर मुकदमा – What is Sahayog Portal for which Elon Musk company X has sued the Indian government – Hindi news, tech news

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एलन मस्क की कंपनी एक्स का कहना है कि सरकारी पोर्टल ‘सहयोग’ उनसे गैर-जरूरी जानकारी मांग रहा है, जिससे उनकी गोपनीयता पर असर हो रहा है. जानिये क्या है सहयोग पोर्टल और X से ये पोर्टल जानकारी क्यों मांग रहा.
एलन मस्क की कंपनी X ने भारत के सरकारी पोर्टल सहयोग पर क्यों मुकदमा किया है.
हाइलाइट्स
- X ने भारत सरकार पर मुकदमा दायर किया.
- सहयोग पोर्टल से गैर-जरूरी जानकारी मांगने का आरोप.
- सरकार और सोशल मीडिया कंपनियों में डेटा विवाद बढ़ा.
नई दिल्ली. एलन मस्क की कंपनी X (पहले ट्विटर) ने भारत सरकार के खिलाफ एक मुकदमा दायर किया है. दरअसल, ये मामला ‘सहयोग पोर्टल’ को लेकर है. सहयोग पोर्टल एक सरकारी प्लेटफॉर्म है, जिसका उपयोग लॉ एंफोर्समेंट एजेंसियां सोशल मीडिया कंपनियों से जानकारी मांगने के लिए करती हैं. X का कहना है कि सरकार इस पोर्टल के जरिए उनसे बहुत ज्यादा और गैर-जरूरी जानकारी मांग रही है, जिससे उनकी निजता और स्वतंत्रता पर असर पड़ रहा है.
X ने अदालत में कहा है कि सरकार के इस कदम से उनके यूजर्स की गोपनीयता खतरे में पड़ सकती है. कंपनी का दावा है कि सरकार की मांगें भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19(1)(a) और 21 का उल्लंघन करती हैं, जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और जीवन के अधिकार की गारंटी देते हैं. इस मामले में अदालत का फैसला क्या होगा, यह देखना दिलचस्प होगा. लेकिन यह साफ है कि सोशल मीडिया कंपनियों और सरकार के बीच डेटा और गोपनीयता को लेकर टकराव बढ़ता जा रहा है.
क्या है सहयोग पोर्टल (Sahyog Portal)?
सहयोग पोर्टल सरकारी एजेंसियों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के बीच सहयोग बढ़ाने की एक पहल है, ताकि एक सुरक्षित साइबरस्पेस बनाया जा सके. इसका उद्देश्य ऑनलाइन गैरकानूनी कंटेंंट की रिपोर्टिंग और हटाने की प्रक्रिया को आसान बनाना है, साथ ही कानून एंफाेर्समेंट एजेंसियों के डेटा अनुरोधों को मैनेज करना है. ये पोर्टल केंद्रीय और राज्य सरकारों की अधिकृत एजेंसियों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के साथ मिलकर साइबर अपराध से निपटने में मदद करता है.
सहयोग पोर्टल को अपनाने में सबसे बड़ी चुनौती देश के लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X से आ रही है. खास बात ये है कि Meta, WhatsApp, Apple, Amazon, Telegram और Instagram सहित 38 अन्य इंटरमीडियरीज पहले ही ऑनबोर्ड हो चुके हैं, जबकि 15 इंटरमीडियरीज प्रक्रिया में हैं. ये भी पता चला है कि क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों को भी शामिल करने की प्रक्रिया चल रही है.
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