Political -BJP में सीएम चुनने का क्या है फॉर्मूला? एमपी, राजस्थान और ओडिशा की तरह दिल्ली में भी होगा चौंकाने वाला फैसला – #INA

Delhi New CM News: दिल्ली का नया मुख्यमंत्री चुनने के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक 19 फरवरी को होगी। सूत्रों के मुताबिक पहले यह बैठक आज यानी सोमवार (17 फरवरी) को प्रस्तावित थी। लेकिन फिलहाल इसे स्थगित कर 19 फरवरी को तय किया गया है। सूत्रों ने बताया कि सोमवार को पर्यवेक्षकों के नाम की घोषणा की जाएगी। फिर बुधावार को विधायक दल के नेता का चयन किया जाएगा। शपथ ग्रहण समारोह दिल्ली के रामलीला मैदान में 20 फरवरी को हो सकता है।

जो भी विधायक दल सदन का नेता चुना जाएगा, वही दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री होगा। हालांकि यह जिम्मेदारी किसे मिलेगी, इसे लेकर अभी तक कुछ भी स्पष्टता नहीं है। बीजेपी पांच फरवरी को हुए विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करके 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में आई है। बीजेपी ने शानदार जीत के साथ दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) के 10 साल के शासन को खत्म कर दिया।

BJP ने दिल्ली की 70 विधानसभा सीट में से 48 पर जीत हासिल की। मुख्यमंत्री पद के लिए कई नवनिर्वाचित विधायकों के नाम चर्चा में हैं। शीर्ष पद के लिए सबसे आगे माने जाने वालों में प्रवेश वर्मा, बीजेपी की दिल्ली इकाई के पूर्व अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता और सतीश उपाध्याय शामिल हैं। वर्मा ने विधानसभा चुनाव में केजरीवाल को पराजित किया था। वह जाट बिरादरी से आते हैं। ऐसे में उन्हें मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदारों में माना जा रहा है।

पवन शर्मा, आशीष सूद, रेखा गुप्ता और शिखा राय सहित अन्य को भी मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में देखा जा रहा है। पार्टी में कई नेताओं का मानना ​​है कि राजस्थान, हरियाणा, मध्यप्रदेश, ओडिशा और छत्तीसगढ़ की तरह बीजेपी नेतृत्व नवनिर्वाचित विधायकों में से किसी एक पर दांव लगा सकता है।

सीएम चुनने का क्या है फॉर्मूला?

बीजेपी का इतिहास कम चर्चित नेताओं को आगे बढ़ाने का रहा है। बीजेपी के एक नेता ने कहा कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व राजनीतिक समीकरणों के आधार पर पूर्वांचल की पृष्ठभूमि वाले किसी विधायक, सिख या महिला पर भी विचार कर सकता है। उन्होंने कहा कि 2023 में मध्य प्रदेश और राजस्थान तथा पिछले साल ओडिशा समेत पिछले अनुभव के मद्देनजर ऐसे मामलों पर अटकलों के लिए बहुत कम गुंजाइश बचती है।

बीजेपी ने मध्यप्रदेश में मोहन यादव, राजस्थान में भजनलाल शर्मा और ओडिशा में मोहन चरण माझी को चुना था। इससे अधिकांश राजनीतिक विश्लेषक हैरान रह गए। बीजेपी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि मुख्यमंत्री पर फैसला पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व लेगा। उन्होंने कहा कि सभी नवनिर्वाचित विधायक उन्हें सौंपी गई जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में सक्षम हैं।

उत्तराखंड, गुजरात, हरियाणा, गोवा, कर्नाटक और त्रिपुरा समेत कई राज्यों में सीएम बदले गए। लेकिन कहीं भी बीजेपी के अंदर कोई बड़ा असंतोष नहीं दिखा। अब चर्चा तेज है कि मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की जगह नया चेहरा आ सकता है। वहीं, राजधानी में भी नए सीएम पर अटकलें जारी हैं। माना जा रहा है कि बीजेपी दिल्ली के लिए भी अपनी इसी अपने इसी ढर्रे को अपनाते हुए सीएम का चुनाव करेगी।

इन नामों पर चर्चा तेज

आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल को हराने वाले जाट समुदाय के नेता प्रवेश वर्मा जैसे प्रमुख चेहरे और सतीश उपाध्याय, विजेंद्र गुप्ता, आशीष सूद एवं पवन शर्मा जैसे संगठन के अनुभवी नेताओं की चर्चा हो रही है। दिल्ली के सीएम पद की दौड़ में कई नाम हैं, जिनमें सबसे प्रमुख नाम प्रवेश वर्मा का है।

बीजेपी ने प्रवेश को नई दिल्ली में AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मैदान में उतारा और केजरीवाल को हराने के बाद वह एक प्रमुख व्यक्ति बन गए। सतीश उपाध्याय सीएम पद के लिए एक और मजबूत दावेदार हैं। वह दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष के रूप में कार्य कर चुके हैं और दिल्ली युवा विंग के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

ये भी पढ़ें- Delhi New CM: दिल्ली में 19 फरवरी को BJP विधायक दल की होगी बैठक, 20 फरवरी को होगा शपथ ग्रहण

लिस्ट में तीसरा नाम आशीष सूद का है, जो दिल्ली में बीजेपी का पंजाबी चेहरा हैं। जितेंद्र महाजन को भी सीएम पद के लिए संभावित उम्मीदवार माना जा रहा है। दौड़ में पांचवां नाम विजेंद्र गुप्ता का है। अगर पार्टी किसी महिला नेता को चुनती है, तो दिल्ली की पूर्व मेयर और पहली बार विधायक बनी रेखा गुप्ता एक संभावना हो सकती हैं।

BJP में सीएम चुनने का क्या है फॉर्मूला? एमपी, राजस्थान और ओडिशा की तरह दिल्ली में भी होगा चौंकाने वाला फैसला


देश दुनियां की खबरें पाने के लिए ग्रुप से जुड़ें,

#INA #INA_NEWS #INANEWSAGENCY
Copyright Disclaimer :-Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
Credit By :-This post was first published on hindi.moneycontrol.com, we have published it via RSS feed courtesy of Source link,

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Close
Crime
Social/Other
Business
Political
Editorials
Entertainment
Festival
Health
International
Opinion
Sports
Tach-Science
Eng News