Tach – आखिर कहां से आया कीमती सोना? Nasa को आखिरकार मिल गया जवाब

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वैज्ञानिकों ने कोलंबिया विश्वविद्यालय के अनिरुद्ध पटेल के नेतृत्व में अध्ययन कर पता लगाया कि मैग्नेटर्स ब्रह्मांड में सोने जैसे भारी तत्वों को बनाने में मदद कर सकते हैं.
कहां से आता है सोना
हाइलाइट्स
- वैज्ञानिकों ने सोने के स्रोत का पता लगाया.
- मैग्नेटर्स सोने जैसे भारी तत्व बना सकते हैं.
- मैग्नेटार फ्लेयर्स ने भारी तत्वों में बड़ी भूमिका निभाई.
नई दिल्ली. अंतरिक्ष की गहराई में कई रहस्य छिपे हुए हैं और इनमें से एक है सोना धातु का रहस्य. दशकों तक ये रहस्य चुपचाप चमकता रहा. अापके मन में भी कई बार ये सवाल आया होगा कि सोना आखिर कहां से आया ? अब, वैज्ञानिकों ने इस रहस्या का पता कर लिया है.
कोलंबिया विश्वविद्यालय के डॉक्टरेट छात्र अनिरुद्ध पटेल के नेतृत्व में इसी विषय पर एक अध्ययन किया गया और इस स्टडी से पता चलता है कि मैग्नेटर्स, यानी ऐसे तारे जो अत्यधिक चुंबकीय न्यूट्रॉन वाले हों, ब्रह्मांड में सोने जैसे लोहे से भारी तत्वों को बनाने और फैलाने में मदद कर सकते हैं. द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स में प्रकाशित, यह काम दिखाता है कि मैग्नेटर फ्लेयर्स ने उम्मीद से कहीं अधिक बड़ी भूमिका निभाई होगी.
वैज्ञानिकों को क्या मिला
ब्रह्मांड की शुरुआत में ज्यादातर हाइड्रोजन, हीलियम और थोड़ी मात्रा में लिथियम था. भारी तत्व बाद में बने, जो तारों में बने और आकाशगंगाओं में फैल गए. लेकिन पहला सोना, प्लेटिनम या यूरेनियम कैसे बना, यह अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है.
इस बारे में अध्ययन करने वाले पटेल ने कहा कि ये एक मजेदार पहेली है जिसका अभी तक समाधान नहीं हुआ है, पटेल की टीम ने ESA और NASA के लगभग 20 साल पुराने डेटा का उपयोग किया. उनका मानना है कि विशाल मैग्नेटार फ्लेयर्स आकाशगंगा के भारी तत्वों का लगभग 10% हिस्सा बना सकते हैं. चूंकि मैग्नेटार्स जल्दी बने थे, उन्होंने ब्रह्मांड के पहले सोने का कुछ हिस्सा बनाया हो सकता है.
लुइसियाना स्टेट यूनिवर्सिटी के को-राइटर एरिक बर्न्स ने कहा कि यह एक सदी पुरानी पहेली को भूले हुए अवलोकनों का उपयोग करके हल करने जैसा था. ये फ्लेयर्स मैग्नेटार्स से आते हैं, जो एक दुर्लभ प्रकार का न्यूट्रॉन तारा है जिसमें शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र होता है. न्यूट्रॉन तारे की सामग्री का सिर्फ एक चम्मच पृथ्वी पर अरबों टन वजन का होगा.
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