Nation- कहां चलती थी साइको किलर राजा कोलंदर की नरमुंड की अदालत, कौन थे मुजरिम-कौन करता था इंसाफ?- #NA

साइको किलर राजा कोलंदर को कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास.
लखनऊ में CBI की विशेष अदालत ने सीरियल किलर राम निरंजन उर्फ राजा कोलंदर और उसके साले बच्छराज को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. ट्रैवल का काम करने वाले मनोज कुमार सिंह और उसके ड्राइवर रवि श्रीवास्तव की हत्या के मामले में जज रोहित सिंह ने जिस साइको किलर नरपिशाच राजा कोलंदर को यह सजा सुनाई है, वह खुद एक कोर्ट भी चलाता था. उसकी अदालत और उसके मुजरिम भी अजीबो-गरीब होते थे. राजा कोलंदर ने आखिरी मर्डर जिस स्थान पर किया, उसी जगह वह अपनी नर मुंड की अदालत लगाता था.
प्रयागराज के नैनी इलाके के गंगा नगर का रहने वाला राम निरंजन सीओडी छिवकी में चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी था, लेकिन उसकी सनक ने उसे जुर्म की दुनिया का एक बड़ा नाम बना दिया. राम निरंजन पर एक-दो नहीं बल्कि 14 लोगों की हत्या का आरोप है, जिसमें ट्रैवल मालिक मनोज सिंह और उसके ड्राइवर रवि श्रीवास्तव की हत्या के आरोप में कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
कैसे मिला राम निरंजन को राजा कोलंदर का नाम?
राम निरंजन को राजा कोलंदर का नाम मिला उसकी एक सनक से, जिसमें वह खुद को राजा मानकर एक अदालत चलाता था. यह अदालत होती थी नरमुंडों की. इसके लिए उसने प्रयागराज स्थित सुनसान जगह में बने अपने आवास के पीछे बने पिगरी फॉर्म में अदालत भी बना रखी थी. इसी स्थान में उसने अपनी एक अदालत बना रखी थी, जिसके टीले में बैठकर वह फैसला सुनाता था. उसके सामने बने टीलों में अलग-अलग रंग से रंगे नरमुंड रखे होते थे. तत्कालीन एसपी सिटी लाल जी शुक्ल की अगुवाई में हुई जांच में इसका खुलासा हुआ. इसी से राम निरंजन का नाम राजा कोलंदर पड़ा.
जिन्हें अपना शिकार बनाया, वही बने उसके मुजरिम
राजा कोलंदर ने 14 लोगों की हत्या की. उसके हत्या की वजह जानकर आप भी हैरत में पड़ जाएंगे. राजा कोलंदर ने आखिरी मर्डर सन 2000 में प्रयागराज के एक पत्रकार धीरेंद्र सिंह का किया था. उस समय के एसपी सिटी लाल जी शुक्ला की अगुवाई में धीरेन्द्र हत्याकांड की एक-एक परतें जब खुलीं तो लोगों की आंखें खुली की खुली रह गईं.
पुलिस के मुताबिक, राजा कोलंदर की हर हत्या की वजह अलग थी. हत्या करने के बाद वह मृतक का भेजा निकालकर उसका सूप पीता था. सबसे पहले एक ब्राह्मण की हत्या की और उसके भेजे का सूप पी गया. पूछताछ में उसने बताया कि ब्राह्मण का दिमाग बहुत तेज होता है. इसलिए अपना दिमाग तेज करने के लिए उसने ऐसा किया.
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पत्रकार धीरेंद्र से एक बार उसकी अनबन हो गई और धीरेंद्र ने उसे चुनौती दी कि वह उसका बाल बांका नहीं कर पाएगा. बस इसी खुन्नस में धीरेंद्र को मार दिया. उसने कायस्थ, तेली, ठाकुर, मुस्लिम सभी जाति के लोगों की खास विशेषता की वजह से उनकी खूबी हासिल करने के लिए इतने कत्ल किए. राजा कोलंदर जिसकी भी हत्या करता था, उसकी खोपड़ी को अलग रंग से रंगकर अपनी अदालत में रख लेता था. उसके शिकार ही उसके मुजरिम होते थे और वह खुद जज यानि राजा.
कहां चलती थी साइको किलर राजा कोलंदर की नरमुंड की अदालत, कौन थे मुजरिम-कौन करता था इंसाफ?
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