यूपी- कहां है भारत की दूसरी सबसे पुरानी कोर्ट? मोतीलाल नेहरू करते थे यहां वकालत – INA
कानपुर को एक समय मैनचेस्टर ऑफ ईस्ट कहा जाता था क्योंकि यह देश का प्रमुख औद्योगिक शहर था. एल्गिन हो या लाल इमली, मिलों के मामले में इस शहर की ख्याति देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी थी. हालांकि क्या आप जानते है, कानपुर का इतिहास सिर्फ मिलों के लिए मशहूर नहीं है बल्कि कानून के मामले में भी कानपुर का रोचक इतिहास है. कानपुर कोर्ट देश की दूसरी सबसे पुरानी कोर्ट है.
ईस्ट इंडिया कंपनी ने जिले में अंग्रेजों के न्यायिक प्रशासन की शुरुआत की थी. जिले में 1801 से न्यायपालिका की शुरुआत हुई. हालांकि उस दौरान दो जिला मुंसिफ थे. अधीनस्थ न्यायाधीश और जिला न्यायाधीश के पास पूरे कानपुर और फतेहपुर जिले में दीवानी क्षेत्राधिकार था. 1801 में एक कलेक्टर, मजिस्ट्रेट और न्यायाधीश नियुक्त किया गया था, लेकिन कुछ ही समय में राजस्व प्रशासन को अलग कर दिया गया और न्यायाधीश और मजिस्ट्रेट के कार्यालय दूसरे अधिकारी में निहित हो गए.
महानगर किया गया था घोषित
19वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में भारतीय दंड संहिता और आपराधिक प्रक्रिया संहिता के प्रवर्तन ने न्याय के प्रशासन के मूल और प्रक्रियात्मक दोनों मामलों में बड़े बदलाव लाए. आजादी के बाद बड़ी संख्या में विभिन्न प्रकृति के अतिरिक्त न्यायालय स्थापित किए गए और कई अस्थायी न्यायालय स्थाई किए गए. 11 अक्टूबर, 1976 को प्रभावी रूप से कानपुर को एक महानगर क्षेत्र घोषित किया गया.
मोतीलाल नेहरू ने भी कानपुर में की है वकालत
कानपुर कोर्ट का इतिहास एक और कारण से मशहूर है कि यहां पर दिग्गज वकीलों ने अपने वकालत के हुनर दिखाए हैं. इतिहासकारों की मानें तो कानपुर कोर्ट में मोतीलाल नेहरू वकालत किया करते थे. देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने भी यहां पर वकालत की है. इसके अलावा सर तेज बहादुर सप्रू एक प्रसिद्ध वकील और भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे. उन्होंने कानपुर कोर्ट में वकालत की थी. पंडित मदन मोहन मालवीय ने भी यहां पर वकालत की थी.
कानपुर कोर्ट का स्वरूप आज काफी वृहद हो चुका है. जानकारों के अनुसार यहां पर एशिया की सबसे बड़ी बार है क्योंकि यहां पंजीकृत अधिवक्ताओं की संख्या 16000 से ज्यादा है. कोर्ट परिसर में दो पुराने भवन है और 1990 में निर्मित एक नया भवन है जिसमें अधिकांश कोर्ट कार्यरत है. कुल 89 कोर्ट यहां पर स्वीकृत है जिसमें 6 पारिवारिक न्यायालय शामिल है. किशोर न्याय बोर्ड, मोटर क्लेम प्राधिकरण, स्थाई लोक अदालत, उपभोक्ता फोरम, यह सब भी यहां पर मौजूद है.
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