यूपी- संभल में जहां हुई हिंसा, क्या वहीं चला बुलडोजर? जानें आरोपों में कितना दम – INA

उत्तर प्रदेश के संभल में हिंसा हुए करीब 10 दिन बीत चुके हैं, यहां धीरे-धीरे हालात सामान्य हो रहे हैं. इस बीच खबर आई कि यहां बुलडोजर कार्रवाई की गई है. जिसके बाद कई तरह के सवाल उठने लगे. Aimim प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इसको लेकर योगी सरकार पर आरोप भी लगाए. हालांकि संभल में बुलडोजर की कार्रवाई हिंंसा वाले इलाके में नहीं बल्कि दूसरी तहसील में की गई है. संभल के जिस इलाके में हिंसा हुई वह इलाका सदर तहसील के अंतर्गत आता है, बल्कि जहां बुलडोजर कार्रवाई की जा रही है, वह चंदौसी इलाका कहलाता है. प्रशासन की माने तो इस कार्रवाई के पहले ही नोटिस दिया गया था. बाद में इसे अंजाम दिया गया.

नगर पालिका परिषद ने चंदौसी क्षेत्र में बुलडोजर की मदद से अवैध दुकानों को तोड़ा. देर शाम तक यह कार्रवाई जारी रही, प्रशासन की माने यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी. अतिक्रमण हटाने का काम पिछले एक महीने से चल रहा है. इस अभियान के जद में यूपी सरकार की माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी के पिता की दुकान भी थी, जिसे खुद मंत्री ने हथौड़ा चलाकर तोड़ा था.

अतिक्रमण की कार्रवाई मार्केट को व्यवस्थित बनाने को लेकर चल रही है. जिसमें सभी नियमों का पालन किया गया है. डीएम ने बुलडोज़र चलाने से पहले रिक्शे पर बैठकर मुआयना किया था और लोगों से सहयोग की अपील की थी.

योगी सरकार एक पूरे समाज को सजा दे रही- ओवैसी

इस मामले को लेकर AIMIM के प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि संभल में आज जो बुलडोज़र एक्शन हुआ वो सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ है. सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन्स के मुताबिक 15 दिन का नोटिस होना चाहिए, जिनका घर टूटने वाला है, उन्हें अपनी बात रखने का मौका देना चाहिए, और बुलडोज़र को किसी मुजरिम को सजा देने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.

ओवैसी ने कहा कि योगी सरकार एक पूरे समाज को सजा दे रही है. उनका जुर्म बस यही है कि उन्होंने अपने संवैधानिक अधिकारों का इस्तेमाल किया. जो सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश नहीं मान सकती, वो सरकार संविधान के मुताबिक काम नहीं कर रही है. क्या ऐसी सरकार को सत्ता में रहने का कोई हक है?

सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई पर लगा रखी रोक

देश में बढ़ती बुलडोजर कार्रवाई के बाद इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया था, कोर्ट ने इस तरह की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी. कोर्ट ने कहा था कि किसी भी आरोपी को बिना मुकदमा चलाए सज़ा देना गलत है. किसी का घर सिर्फ़ आरोपी या दोषी होने पर नहीं गिराया जा सकता. कोर्ट ने कहा था कि बुलडोजर एक्शन का मनमाना रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सरकारी ताकत का बेवजह इस्तेमाल नहीं होना चाहिए. इस तरह की कार्रवाई के लिए पर्याप्त समय और नोटिस दिया जाए. जिसके बाद ही अतिक्रमण पर कार्रवाई की जाए.


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