Nation- कौन है वो विधायक जिसके पुत्र ने हिला दिया महाराष्ट्र का सिस्टम, घर में कहासुनी के बाद प्राइवेट विमान से निकल पड़ा थाईलैंड- #NA

महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एकनाथ शिंदे की पार्टी से शिवसेना विधायक तानाजी सावंत उस समय चर्चा में आ गए जब उनके बेटे ऋषिकेश सावंत के पुणे एयरपोर्ट से गायब होने की बात सामने आई. इसके बाद हड़कंप मच गया और जमकर ड्रामेबाजी हुई. पुलिस में भी अपहरण होने का मामला दर्ज करवाया गया. हालांकि रात होते-होते ऋषिकेश सावंत सकुशल वापस लौट आए, लेकिन जब असल कहानी सामने आई तो सवाल खड़े हो गए कि ऋषिकेश सावंत ने ऐसा क्यों किया…

पुलिस को जानकारी दी गई थी की सिंहगढ़ रोड के एयरपोर्ट एरिया से ऋषिराज सावंत को 4 किडनेपर्स ने स्विफ्ट गाड़ी में बिठा लिया और फ्लाइट टेक ऑफ कर गई. पुलिस को सूचना लगते ही हड़कंप मच गया और तुरंत विमानन कंपनी से संपर्क साधा गया और फ्लाइट को वापस पुणे लैंड करवाया गया. पुणे के पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने कहा, ‘तानाजी सावंत ने उन्हें बताया कि दो लोग उसके बेटे को जबरन थाईलैंड के बैंकॉक जाने वाली फ्लाइट में ले गए, जिसके बाद डीजीसीए से संपर्क किया और फ्लाइट को डायवर्ट करवाया गया.’

वहीं, बेटे के अपहरण को लेकर तानाजी सावंत आनन-फानन में पुलिस में शिकायत दर्ज करवाने के लिए पहुंचे, बाद में पता चला कि वह घर में कुछ विवाद के चलते नाराज चल रहा है, जिसकी वजह से वह एक प्राइवेट जेट में बैठकर दोस्तों के साथ घूमने जा रहा था. ऋषीराज सावंत के साथ तीन दोस्त थे. हालांकि तानाजी सावंत ने संवाददाताओं से कहा, ‘ऋषिराज के साथ आए दोनों लोग अनजान नहीं हैं. मैं जानता हूं कि वे उसके दोस्त हैं. अभी तक मुझे नहीं पता कि वह मुझे या किसी अन्य परिवार के सदस्य को बताए बिना कैंपस से कैसे और क्यों चले गए.’

कौने हैं तानाजी सावंत?

पेशे से शिक्षाविद और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत को शिवसेना प्रमुख और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे का करीबी माना जाता है. दरअसल, सावंत उन पहले शिवसेना विधायकों में से थे, जिन्होंने शिंदे का साथ दिया था, जब उन्होंने उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत की थी. 2016 में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करते हुए सावंत ठाकरे के नेतृत्व में अविभाजित शिवसेना में एमएलसी बने. बाद में विधायक के रूप में सावंत ने धाराशिव के भूम परांदा सीट से विधायक चुने गए.

पूर्व कैबिनेट मंत्री अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं. जब वे पहली महायुति के नेतृत्व वाली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे, तब उन्होंने अजित पवार की एनसीपी के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि कैबिनेट में एनसीपी सदस्यों के बगल में बैठने पर उन्हें उल्टी आने लगेगी. महायुति के दूसरे कार्यकाल में सावंत देवेंद्र फडणवीस की कैबिनेट में फिर से कैबिनेट सीट पाने की उम्मीद लगाए बैठे थे. साथ ही शपथ ग्रहण समारोह के लिए नागपुर गए थे. हालांकि, यह पता चलने के बाद कि उनका नाम मंत्रियों की सूची में नहीं है, वे कार्यक्रम में शामिल हुए बिना ही नागपुर से चले गए. सावंत महाराष्ट्र के उन चंद अमीर विधायकों में शामिल हैं जिनकी संपत्ति 235 करोड़ रुपए से अधिक बताई जाती है.

कौन है वो विधायक जिसके पुत्र ने हिला दिया महाराष्ट्र का सिस्टम, घर में कहासुनी के बाद प्राइवेट विमान से निकल पड़ा थाईलैंड


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