खबर बाजार -Gensol Engineering के शेयरों ने क्यों डुबोई 80% पूंजी? निवेशकों को बार-बार मिले संकेत, ऑल इज नॉट वेल – #INA

Why Gensol Engineering Shares Crashed: स्टॉक्स में उतार-चढ़ाव होता रहता है। हालांकि जेनसॉल इंजीनियरिंग के शेयर रिकॉर्ड हाई से करीब 80 फीसदी टूट चुके हैं और इसमें रिकवरी होगी या नहीं या होगी तो कब तक होगी, इसे लेकर पक्के तौर पर कुछ कह भी नहीं सकते हैं। इस गिरावट से पहले जेनसॉल इंजीनियरिंग ने निवेशकों को ताबड़तोड़ रिटर्न दिया था और महज दो साल में वर्ष 2022 से वर्ष 2024 के बीच उनके पैसे 20 गुना बढ़ा दिया। हालांकि फरवरी 2024 में रिकॉर्ड हाई पर पहुंचने के बाद कहानी ही बदल गई और अब रिकॉर्ड हाई से यह 80 फीसदी नीचे आ गया।
Gensol Engineering के शेयरों में क्यों आई तेज गिरावट?
जेनसॉल के साथ सब कुछ अच्छा चल रहा था, फिर पिछले साल 2024 की शुरुआत में दो चीजें ऐसी हुई कि शेयर क्रैश कर गए। पहले तो सीएमडी अनमोल सिंह जग्गी ने वित्त वर्ष 2024 के लिए कंपनी के रेवेन्यू गाइडेंस को 33 फीसदी कम करके 1500 करोड़ रुपये से 1000 करोड़ रुपये कर दिया। इसने निवेशकों को निराश कर दिया। हालांकि सीएनबीसी-टीवी18 से बातचीत में सीएमडी ने कहा था कि वित्त वर्ष 2025 में 2000 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल हो सकता है, फिर भी शेयरों की बिकवाली बढ़ गई।
इसके अलावा जेनसॉल इंजीनियरिंग को दूसरा शॉक ये लगा कि ईडी ने महादेव ऑनलाइन बुक इल्लीगल बेटिंग केस से जुड़े मामले में दुबई के कथित हवाला ऑपरेटर हरिशंकर डिबरेबाला (Hari Shankar Tibrewala) पर छापा मारा। हरिशंकर का जेनसॉल इंजीनियरिंग से नजदीकी संबंध था क्योंकि हरिशंकर की प्रमोटर वाली एक कंपनी जेनिथ मल्टी ट्रेडिंग डीएमसीसी की जेनसॉल इंजीनियरिंग में बड़ी हिस्सेदारी थी। उस समय सामने आया था कि जेनसॉल इंजीनियरिंग के शेयरों को ऑपरेटर्स ने बढ़ाया था। इन दोनों वजहों के चलते जेनसॉल के शेयर 20 फरवरी 2024 को 1377.10 रुपये के रिकॉर्ड हाई पर पहुंचने के बाद ढह गए और मार्च 2024 के आखिरी तक 40 फीसदी से अधिक टूट गए।
सब कुछ अच्छा नहीं, निवेशकों को लगातार मिले संकेत
रिसर्च फर्म वैल्यू रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक ICRA और CARE के हालिया डाउनग्रेड से काफी पहले निवेशकों को इस गिरावट से सतर्क हो जाना चाहिए था। इसका डेट और इक्विटी का रेश्यो वित्त वर्ष 2021 में 0.3 से रॉकेट की स्पीड से उछलकर वित्त वर्ष 2024 में 4.3 पर पहुंच गया जो तनाव का स्पष्ट संकेत है। इसके अलावा ऑपरेटिंग प्रॉफिट की ग्रोथ के बावजूद कैश फ्लो अस्थिर बना रहा। इसके अलावा प्रमोटर्स ने अपनी हिस्सेदारी तेजी से बेची और मार्च 2022 में यह 71.2 फीसदी से घटकर 60 फीसदी पर आ गई।
अब आगे क्या?
टर्म लोन के भुगतान में देरी के चलते रेटिंग एजेंसी ने इसकी रेटिंग में कटौती की। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ICRA ने कंपनी पर कर्ज चुकाने के दस्तावेज़ों में हेराफेरी का आरोप लगाया। लेंडर्स की प्रतिक्रिया के आधार पर ICRA ने जेनसोल की रेटिंग ‘डिफॉल्ट’ कर दिया तो CARE रेटिंग्स ने भी कंपनी काी रेटिंग ‘BB+’ से डाउनग्रेड कर ‘डिफॉल्ट’ कर दिया। ICRA का कहना है कि जेनसोल हर महीने नो-डिफॉल्ट स्टेटमेंट जमा कर रही थी यानी कि लोन की किश्तें समय पर चुकाई जा रही थी लेकिन अब सामने आ रहा है कि इससे जुड़े डॉक्यूमेंट्स फर्जी थे।
इस उथल-पुथल के बाद कंपनी के सीएमडी अनमोल सिंह जगी ने सीएनबीसी-टीवी18 से बातचीत में निवेशकों को आश्वासन दिया कि वह कंपनी के अतिरिक्त शेयर खरीदेंगे लेकिन उन्होंने इसे लेकर कोई टाइमलाइन नहीं दिया। हालांकि इसके बावजूद 7 मार्च को प्रमोटर्स ने 2.37 फीसदी यानी 9 लाख शेयर बेचे। अब प्रमोटर्स के पास कंपनी की 59.70 फीसदी हिस्सेदारी है। हालांकि इसके बाद 10 मार्च को प्रमोटर्स ने कंपनी में 29 करोड़ रुपये का निवेश किया, जो कि वारंट को इक्विटी में बदलकर किया गया था। एक एक्सचेंज फाइलिंग में कंपनी ने बताया कि ये वारंट 871 रुपये प्रति शेयर के भाव पर 4,43,934 इक्विटी शेयरों में बदले जाएंगे।
वैल्यू रिसर्च के मुताबिक जेनसोल इंजीनियरिंग के लिए आगे काफी चुनौतियां है। इसका PE रेश्यो 100x से घटकर 13x पर आ गया है जोकि देखने में सस्ता लग रहा है लेकिन जेनसॉल की मौजूदा स्थिति को देखते हुए इसमें निवेश का यह सही समय नहीं दिख रहा है।
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