देश – आखिर देश में क्यों लग रही 'पॉवरलेस' डिप्टी सीएम की 'भीड़'…चौंकाने वाला है आंकड़ा #INA

Shocking Fact about Deputy CM: महाराष्ट्र में सीएम का फैसला हो गया है और देवेंद्र फडणवीस दूसरी बार महाराष्ट्र के सीएम बनने वाले हैं. इसके साथ ही दो डिप्टी सीएम बन रहे हैं. महाराष्ट्र के पूर्व सीएम एकनाथ शिंदे और एनसीपी पार्टी के सर्वेसर्वा अजीत पवार डिप्टी सीएम के रूप में शपथ लेने वाले हैं. इसके साथ ही देश में एक बड़ा संयोग बन रहा है कि पहली बार देश में एक साथ 26 डिप्टी सीएम हो रहे हैं.
किस राज्य में कौन डिप्टी सीएम
उत्तर प्रदेश-बृजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य
बिहार- सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा
राजस्थान-प्रेमचंद्र बैरवा और दीया कुमारी
मध्य प्रदेश-जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला
छत्तीसगढ़- अरुण साव और विजय शर्मा
हिमाचल प्रदेश – मुकेश अग्निहोत्री
कर्नाटक- डीके शिवकुमार
ओडिशा -के सिंहदेव और पार्वती परिदा
आंध्र प्रदेश- पवन कल्याण
अरुणाचल प्रदेश- चाउना मीन
जम्मू कश्मीर-सुरेंद्र चौधरी
मेघालय- पी ताइसोंग और एस धर
नगालैंड-वाई पैटन और टीआर जेलियांग
तमिलनाडु- उदयनिधि स्टालिन
तेलंगाना-बी विक्रमार्क
महाराष्ट्र- अजीत पवार और एकनाथ शिंदे
डिप्टी सीएम की संख्या इस समय देश में सबसे ज्यादा
इस तरह देश के 28 राज्यों में से 16 राज्यों से 26 डिप्टी सीएम हैं. इनमें से 9 राज्यों में दो डिप्टी सीएम और 7 राज्यों में एक डिप्टी सीएम है. डिप्टी सीएम के हाथ में कोई बहुत ज्यादा पॉवर नहीं होती है और राज्य के सारे फैसले सीएम ही लेता है लेकिन गठबंधन के इस दौर में सभी दलों को संतुष्ट करने के लिए डिप्टी सीएम एक सम्मानजनक पद माना जाता है. राजनीतिक दल भी सभी समीकरण साधने के लिए डिप्टी सीएम बना रहे हैं. यही वजह नजर आती है कि इस समय देश में सबसे ज्यादा 26 डिप्टी सीएम हैं.
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ये थे देश के पहले डिप्टी सीएम
बिहार के अनुग्रह नारायण सिंह स्वतंत्र भारत के पहले डिप्टी सीएम बने थे जो 1956 तक इस पद पर रहे. इसके बाद हरियाणा में डिप्टी सीएम बनाया गया. 1990 के बाद से देश में डिप्टी सीएम बनाने की ऐसी परंपरा शुरू हो गई कि अब वह एक परंपरा सी बनती जा रही है. बिहार के सुशील कुमार मोदी सबसे ज्यादा वक्त यानी 10 साल तक डिप्टी सीएम के पद पर रहे.
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डिप्टी सीएम के लिए संविधान में क्या है व्यवस्था
संविधान के अनुच्छेद 164 में राज्य सरकार के गठन का प्रावधान है. राज्यपाल बहुमत वाले विधायक दल के नेता को सीएम चुनते हैं और सीएम की सलाह पर कैबिनेट मंत्री. खास बात यह है कि इसमें डिप्टी सीएम के बारे में कोई जिक्र नहीं है. डिप्टी सीएम को भी कैबिनेट मंत्रियों की तरह ही सुविधाएं मिलती हैं. सीएम की सिफारिश पर राज्यपाल, डिप्टी सीएम का दर्जा देते हैं.
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