देश- बिहार में क्यों हो रहा BPSC नॉर्मलाइजेशन पर बवाल, जिसे लेकर हिरासत में लिए गए खान सर?- #NA
बिहार पुलिस ने BPSC अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज किया था.
- हिरासत में लिए गए खान सर और गुरु रहमान
- BPSC के सामने बड़ी संख्या में जुटे थे छात्र
- छात्र नेता दिलीप कुमार को पटना पुलिस ने किया गिरफ्तार
- क्या है BPSC में नॉर्मलाइजेशन? जिसे लेकर हो रहा बवाल
- तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार से किए ये 5 सावल
- अखिलेश यादव ने बिहार की गठबंधन सरकार पर साधा निशाना
- हर काम ठेके पर देना चाहती है भाजपा- अखिलेश यादव
बिहार की राजधानी पटना में जुटे राज्य भर के BPSC अभ्यर्थियों के बीच में आकर के आंदोलन कर रहे प्रसिद्ध कोचिंग संचालक खान सर को शुक्रवार देर शाम पटना पुलिस ने हिरासत में ले लिया. हालांकि करीब एक घंटे बाद खान सर के साथ अन्य लोगों को छोड़ दिया गया. दरअसल, खान सर को जब हिरासत में लिया गया, तब वह छात्रों के बीच आंदोलन में ही थे और छात्रों की बातों को सुन रहे थे. इससे पहले खान सर ने स्पष्ट रूप से कहा था कि वह छात्रों के हित के साथ हैं और इस पूरे आंदोलन में किसी भी और असमाजिक या माफिया को घुसने नहीं देंगे.
खान सर पटना में उन छात्रों के बीच काफी लोकप्रिय हैं, जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं. BPSC समेत कई अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले खान सर ने शुरू से ही BPSC की परीक्षा में कथित रूप से नॉर्मलाइजेशन अपनाए जाने की बात को लेकर के अपना मत जताया था और छात्रों के साथ खड़े हो गए थे.
हिरासत में लिए गए खान सर और गुरु रहमान
माना जा रहा है कि हालत पर काबू रखने और कानून-व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए स्थानीय प्रशासन में खान सर के साथ ही छात्र नेता दिलीप और एक अन्य कोचिंग संचालक गुरु रहमान को शुक्रवार देर शाम हिरासत में ले लिया था. इन तीनों को ही स्थानीय पुलिस गर्दनी बाग थाने के अंदर लेकर चली गई थी.
खान सर का नाम कोचिंग की दुनिया के बड़े नामों में शुमार किया जा है. न केवल बिहार बल्कि पूरे देश में खान सर को जानने वाले की संख्या बहुत बडी है. खान सर देश-विदेश के कई प्लेटफार्म पर हिस्सा ले चुके हैं. उनकी कोचिंग के वीडियो भी वायरल होते रहते हैं. यूट्यूब पर उनके बहुत बड़ी मात्रा में सब्सक्राइबर भी हैं.
BPSC के सामने बड़ी संख्या में जुटे थे छात्र
शुक्रवार देर शाम पटना जिला प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, BPSC के सामने शुक्रवार को बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों द्वारा प्रदर्शन किया गया. इस दौरान लोक व्यवस्था भंग करने की कोशिश की गई. इस पर पुलिस द्वारा हल्का बल प्रयोग कर स्थिति को नियंत्रित किया गया. BPSC पटना ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया लागू नहीं की जाएगी, फिर भी अभ्यर्थियों द्वारा बहकावे में आकर प्रदर्शन किया गया.
छात्र नेता दिलीप कुमार को पटना पुलिस ने किया गिरफ्तार
अभ्यर्थियों का यह प्रदर्शन पूरी तरह से अफवाहों पर आधारित था और असामाजिक तत्वों के बहकावे में आकर किया गया था. पटना पुलिस ने छात्रों को भड़काने और कानून-व्यवस्था अपने हाथ में लेने को लेकर दिलीप कुमार नाम के छात्र नेता पर मुकदमा दर्ज किया है और उसे गिरफ्तार भी कर लिया है. अब दिलीप कुमार को जेल भेजने की कार्यवाही की जा रही है.
जिला प्रशासन पटना सभी अभ्यर्थियों से यह अपील करता है कि अफवाहों पर ध्यान न दें, असामाजिक तत्त्वों के बहकावे में न आएं और BPSC द्वारा जारी सूचनाओं पर ही ध्यान दें. अन्य किसी भी सोर्स से मिली जानकारी को BPSC द्वारा दी गई सूचना से जांच लें. अब किसी भी प्रकार से कानून-व्यवस्था को हाथ में लेने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
क्या है BPSC में नॉर्मलाइजेशन? जिसे लेकर हो रहा बवाल
BPSC परीक्षा में जबसे नॉर्मलाइजेशन शब्द जुड़ा है, तबसे ही हंगामा शुरू हो गया है. अब ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर BPSC की परीक्षा में लागू होने वाले नॉर्मलाइजेशन का मतलब क्या है? जिसको लेकर इतना हंगामा हो रहा है. आसान शब्दों में कहा जाए तो नॉर्मलाइजेशन में जब परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों की संख्या बहुत अधिक है तो ऐसे में दो या उससे अधिक पाली में परीक्षा ली जाती है.
जब एक पाली में कुछ अभ्यर्थियों के कम नंबर आए हैं या सवाल में उनका अटेम्प भी कम रहेगा तो उस पाली को आयोग द्वारा कठिन माना जाएगा. वहीं दूसरी पाली में अगर ज्यादा नंबर आता है और अटेम्ट भी ज्यादा होते हैं तो इस पाली को आसान माना जाएगा. अब नॉर्मलाइजेशन लागू होने के बाद आसान पाली वाले के नंबर के हिसाब से मुश्किल पाली वालों के नंबर को बढ़ोतरी की जाएगी. इसी बात को लेकर इतना बवाल हो रहा है. अभ्यर्थियों का कहना है कि सामान्य ज्ञान तो जिसको जितना पता है, उतना ही जवाब देगा. बीपीएससी परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन सही नहीं है.
तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार से किए ये 5 सावल
वहीं छात्रों पर लाठीचार्ज करने को लेकर पूर्व उपमुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा. उन्होंने नीतीश सरकार से पांच सवाल भी किए…
- क्या बिहार के वर्तमान व भविष्य, बिहार के विद्यार्थियों से संवाद स्थापित करना उनके एवं उनकी अनेक दलों की सरकार के लिए कठिन है?
- क्या आयोग द्वारा स्पष्टीकरण देना उनकी शान के खिलाफ है?
- क्या सर्वर की गड़बड़ी को स्वीकारते हुए फॉर्म भरने के अवसर को फिर से उपलब्ध करवाना असंभव है?
- क्या पेपरलीक एवं कदाचार मुक्त परीक्षा की मांग करना अनुचित है?
- आयोग व सरकार के रवैये को देख क्या अभ्यर्थी यह मान लें कि यह परीक्षा औपचारिकता मात्र है?
अखिलेश यादव ने बिहार की गठबंधन सरकार पर साधा निशाना
बिहार में छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भी बीजेपी को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि हम फिर से दोहरा रहे हैं कि नौकरी भाजपा के एजेंडे में है ही नहीं. फिर वो उत्तर प्रदेश हो या बिहार या फिर पूरा देश. जहां-जहां भाजपा की सरकारें हैं, वहां एक सा ही पैटर्न है. कभी डबल शिफ्ट, डबल डे तो कभी नॉर्मलाइजेशन के नाम पर, कभी सर्वर में गड़बड़ी करवाकर, कभी पेपर लीक कराकर, कभी कॉपी बदलवाकर, कभी आरक्षण मारकर, कभी रिजल्ट रोक कर या कभी रिजल्ट को कोर्ट में घसीटकर भाजपा वाले नौकरी पाने के हर तरीके को फंसा देते हैं.
हर काम ठेके पर देना चाहती है भाजपा- अखिलेश यादव
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा की मंशा नौकरी देने की होती ही नहीं है. वो हर काम ठेके पर देना चाहती है, जिससे ठेकेदारों से वसूली की जा सके. युवाओं के हक की नौकरियां भाजपा के भ्रष्टाचार का शिकार हो गई हैं. सरकारी नौकरियों को धीरे-धीरे खत्म करने के पीछे एक छिपा हुआ एजेंडा आरक्षण मारना भी है, क्योंकि ठेकेदारी में आरक्षण लागू नहीं होता है.
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