दुनियां – सीरिया में असद राज खत्म होते ही इस परिवार के आए अच्छे दिन, 33 साल बाद जेल से रिहाई – #INA

सीरिया में विद्रोही गुटों के कब्जे के बाद असद परिवार के 5 देशों से ज्यादा के शासन का अंत हो गया है. विद्रोहियों ने देश की अलग-अलग जेलों से बशर अल-असद और उनके पिता के समय में कैद किए गए लोगों को रिहा कर दिया है. असद की जेलों से बाहर आए लोग उनकी क्रूरता को बयान कर रहे हैं. असद सरकार की जेलों को स्लॉटर हाउस भी कहा जाता है. जहां उनके खिलाफ आवाज उठाने वाले लोगों को दर्दनाक मौत दी जाती थी.
उत्तरी लेबनान के चेक्का शहर में सुहैल हमावी भी एक ऐसे ही कैदी हैं, जो तख्तापलट के बाद सीरियाई जेल से रिहा होकर अपने देश लौटे हैं. वापसी के बाद उनका चेक्का में भव्य स्वागत किया गया, 61 साल के हमावी सोमवार को 33 साल बाद अपने घर लौटे हैं. उन्होंने न्यूज एजेंसी AFP से कहा, “आज मुझे ऐसा लग रहा है कि मैं फिर से सांस ले सकता हूं. इस दुनिया में सबसे अच्छी चीज आजादी है.”

Lebanese political prisoner Suhail Hamwi is reunited with his family in Chekka, North Lebanon after spending 33 years in prison in #Syria. He was a member of anti-Assad #Christian “Lebanese Forces.” pic.twitter.com/303L1CuvDE
— SAMRIBackup (@SamriBackup) December 9, 2024

लेबनान के सैकड़ों परिवारों को मिली नई उम्मीद
हमावी की रिहाई ने लेबनान के सैकड़ों परिवारों को नई उम्मीद दी है, जिनके परिवार के लोग सीरिया की जेलों में कैद थे. इन कैदियों के बारे में माना जाता है कि वे 1975-1990 के गृहयुद्ध के फैलने के तुरंत बाद लेबनान में प्रवेश करने वाले सीरियाई सैनिकों के हाथों गायब हो गए थे. हमावी ने कहा कि उन्हें एक जेल से दूसरी जेल में ले जाया गया, यहां तक कि उन्होंने कुख्यात सैदनाया जेल में भी समय बिताया, जहां उन्होंने कविताएं लिखीं और फिर तटीय लताकिया क्षेत्र की एक जेल में पहुंच गए.
मानव अधिकार संगठनों का दावा है कि असद के पिता के शासन में लेबनान गृहयुद्ध के दौरान हजारों सीरियाई लोगों को गिरफ्तार कर सीरिया की जेलों में बंद कर दिया गया था.
परिवार में खुशी का माहौल
हमावी ने बताया कि जेल में उनकी पत्नी जोसेफिन होम्सी और बेटे के प्यार ने जेल में उनको ऊर्जा दी. हमावी ने कहा, “मैं बहुत दूर था लेकिन मेरी पत्नी और बेटा मेरी ताकत का स्रोत थी. होम्सी भी अपने पति से फिर से मिलकर बहुत खुश दिखाई दी. उन्होंने कहा, “तैंतीस साल पहले वे (सीरियाई सेना) इस घर में आए और मेरे पति से कहा, हमें आपसे बात करनी है और फिर वह 11 साल के लिए गायब हो गए.” करीब एक दशक बाद वे अपने पति को खोजने में कामयाब हुई. उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद थी कि वे एक दिन फिर से मिलेंगे.
हमावी के जुड़वां भाई निकोलस ने AFP को बताया कि अपने खोए हुए भाई को देखकर उसे एक नई उम्मीद मिली है. उन्होंने कहा, “आज हमारा फिर से जन्म हुआ है. अब दोनों को फिर से जुड़वां भाई जैसा महसूस हो रहा है.” उन्होंने कहा, “मेरा भाई किसी हीरो से बढ़कर है, उसने जेल में जिंदगी बिताई और आज वह आज़ादी से जीने के लिए वापस आ गया है, जैसा कि वह 33 सालों से चाहता था.”
बता दें, लेबनान के पूर्व प्रधानमंत्री राफिक हरीरी की हत्या के बाद अंतरराष्ट्रीय दबाव में 2005 में सीरया ने अपने सैनिकों को वापस बुला लिया था. इससे पहले तीन दशकों तक सीरिया लेबनान में एक प्रमुख सैन्य और राजनीतिक शक्ति था. हमावी ने कहा, “मैंने बहुत इंतजार किया, मैंने बहुत कुछ सहा, लेकिन मुझे आजादी मिली.”

Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.

सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

Source link

Back to top button
Close
Log In
Crime
Social/Other
Business
Political
Editorials
Entertainment
Festival
Health
International
Opinion
Sports
Tach-Science