दुनियां – चीन को मिल गया बड़ा खजाना, दुनिया में बन जाएगा गोल्ड किंग, बड़े-बड़े खिलाड़ी हुए परेशान – #INA
दुनिया में अब तक सबसे बड़ा सोने का भंडार दक्षिण अफ्रीका के साउथ डीप में था. लेकिन, अब दक्षिण अफ्रीका की जगह लेने वाला है चीन, जिसने दावा किया है विश्व के सबसे बड़े गोल्ड रिजर्व की खोज का. सोने की ये खदान मिलने से न सिर्फ चीन के स्वर्ण साम्राज्य का विस्तार होगा बल्कि अंतरराष्ट्रीय गोल्ड मार्केट का समीकरण भी बदलने वाला है. इतना ही नहीं चीन की लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को भी बड़ा बूस्टर डोज मिल सकता है. ग्लोबल शक्ति बनने के चीनी ‘सपने की ये खदान कहां है और कैसे ये खदान चीन को गोल्ड किंग बना सकती है, जवाब इस रिपोर्ट में जानिए…
एक तरफ विस्तारवादी चीन का दुनिया पर राज करने का सपना है. दूसरी तरफ एक खोज जिससे चीन के सुपरपावर बनने के सपने को सोने के पंख लग गए हैं, जिसकी मदद से चीन लंबी आर्थिक उड़ान भर सकता है. चीन की ये उम्मीद हुनान प्रांत में हुए एक ऐसी खोज से है जिससे न सिर्फ दुनिया हैरान है बल्कि इंटरनेशनल गोल्ड मार्केट में बड़े-बड़े खिलाड़ी भी परेशान हैं.
2 लाख 11 हजार 800 वर्ग किलोमीटर में फैले चीन के हुनान प्रांत में दुनिया का सबसे बड़ा गोल्ड भंडार मिला है.जमीन के 2000 मीटर भीतर चीन के हाथ इतना बड़ा स्वर्ण भंडार लग गया जिसकी उसने कभी कल्पना भी नहीं की होगी. 40 शिराओं में करीब 1 हजार मीट्रिक टन सोना मिला है.
चीन में सोने के भंडार की कितनी है कीमत?
चीन के हुनान प्रांत में मिला सोने का ये भंडार इतना विशाल है कि चीन की 68 में से करीब 50 करोड़ महिलाओं को जिनपिंग अंगूठी गिफ्ट कर सकते हैं, या तो देश के रिजर्व को 50 फीसदी तक बढ़ा सकते हैं. 1000 मीट्रिक टन सोने की इंटरनेशनल मार्केट में कीमत करीब 83 बिलियन डॉलर या 7 लाख करोड़ रुपए है. अब अगर जिनपिंग अपनी जनता को अंगूठी गिफ्ट करना चाहेंगे तो एक गोल्ड रिंग का औसत वजन दो ग्राम होता है.
1000 मीट्रिक टन में कुल 1 अरब ग्राम होता है. इस हिसाब से कुल 50 करोड़ गोल्ड रिंग बन सकती हैं या फिर 2264 करोड़ के मौजूदा गोल्ड रिजर्व में हजार करोड़ और जोड़ सकते हैं, जिससे देश को आर्थिक स्थिरता मिल सकती है. चीन को ये गोल्ड रिजर्व ऐसे मौके पर मिला है जब उसे इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी, या यूं कह लीजिए की चीन की डगमगाती अर्थव्यवस्था को सोने का सहारा मिल गया है. साथ ही चीन अब ग्लोबल गोल्ड मार्केट में बड़ा गेम खेलने की भी तैयारी कर रहा है. सबसे पहले ये जानिए कि सोना बाजार में चीन की मौजूदा स्थिति क्या है.
चीन उत्पादन से ज्यादा करता है उपभोग
ग्लोबल गोल्ड मार्केट में चीन का भारी दबदबा रहा है. 2023 में चीन सबसे बड़ा गोल्ड उत्पादक देश रहा, कुल उत्पादन में 10 फीसदी हिस्सेदारी चीन की थी. 2024 की शुरुआत में चीन के पास करीब 2000 टन गोल्ड रिजर्व था. बात चीन में गोल्ड कंजंप्शन की करें तो, चीन जितने सोने का उत्पादन नहीं करता उससे ज्यादा उपभोग करता है, ऐसा इसलिए क्योंकि चीन में मध्यम वर्ग की संख्या बढ़ी है साथ ही उनकी आय और खर्चे भी. यही वजह है कि 2024 की 3 तिमाही में 268 टन गोल्ड का उत्पादन करने वाला चीन दोगुने से भी ज्यादा यानी करीब 741 टन सोने का उपभोग कर रहा था.
सबसे बड़ी सोने की खदान मिलना चीन या ग्लोबल गोल्ड मार्केट के लिए कोई मामूली बात नहीं है. इस गोल्ड साइट के मिलने से अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण बाजार में चीन का दबदबा बढ़ेगा. सोने के आयात पर चीन की निर्भरता घटेगी. चीन अपनी खनिज संपदा का विस्तार कर सकेगा. डगमगाती अर्थव्यवस्था को सहारा दे पाएगा और गोल्ड रिजर्व बढ़ने से आर्थिक स्थिरता भी हासिल कर सकता है.
दुनिया में गोल्ड भंडार
द. अफ्रीका के साउथ डीप में 929 टन गोल्ड भंडार मिला था, लेकिन हुनान में जो गोल्ड रिजर्व अब मिला है उसकी वजह से इस लिस्ट में पहले नंबर पर चीन आ गया है. इंडोनेशिया के ग्रासबर्ग में 856 टन गोल्ड भंडार है. रूस के ओलिंपियाड में 737 टन, पापुआ न्यू गिनी के लिहिर में 680 टन, चीली के नॉर्ट अबीर्टो में 657 टन, नेवादा के कार्लिन ट्रेंड में 353 टन, ऑस्ट्रेलिया के बोडिंगटन में 350 टन, दक्षिण अफ्रीका के पोनेंग में 330 टन, डोमिनिकन रिपब्लिक के पूबलो वीजो में 309 टन और नेवादा के कॉर्टेज में 246 टन गोल्ड का भंडार है.
जमीन के भीतर सोने का निर्माण कई भूवैज्ञानिक प्रक्रियाओं से होकर गुजरता है, जिसमें अक्सर लाखों साल लग जाते हैं, जिस तक चीनी भू वैज्ञानिकों ने पहुंचने का दावा किया है. कहना गलत नहीं होगा कि ये स्वर्ण भंडार चीन के लिए एक बड़ा जैकपॉट है जिससे उसकी अर्थव्यवस्था को नई चमक मिलती दिख रही है.
ब्यूरो रिपोर्ट, TV9 भारतवर्ष
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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