दुनियां – सीरिया में रूस के बेस पर बढ़ रहा खतरा, हाई अलर्ट पर Death Fleet – #INA
सीरिया एक बार फिर से सुर्खियों में बन गया है. देश में एक बार फिर से विद्रोह की आग भड़क गई है. देश में एक बार फिर हिंसा विद्रोही समूहों और बशर-अल-असद सरकार के बीच हुई. 27 नवंबर ही वो दिन था जब एक बार फिर देश में संघर्ष शुरू हुआ. यही वो दिन था जब विद्रोहियों ने अलेप्पो शहर को टारगेट किया.
सीरिया में 27 नवंबर को एक बार फिर अचानक से शुरू हुए संघर्ष ने रूस और ईरान की पोजीशन को इन इलाकों में बेहद कमजोर कर दिया है. तुर्की समर्थित विद्रोहियों ने अलेप्पो पर कब्जा कर लिया है और अब वो धीरे-धीरे हमा (Hama) और हौम्स (Homs) के करीब पहुंचते जा रहे हैं, जिससे खास तौर पर रूस के कई स्ट्रेटेजिक बेस पर खतरा बढ़ गया है.
जिसमें सबसे बड़ा खतरा टार्टस बेस को है. टार्टस, सीरिया में रूस का महत्वपूर्ण सैन्य आधार है, क्योंकि यह रूस की मिडिल ईस्ट में रणनीतिक उपस्थिति को मजबूत करता है. यह आधार रूस की नौसेना के लिए एक प्रमुख लॉजिस्टिक हब है, जिससे वह भूमध्य सागर में अपनी गतिविधियों को बढ़ा सकता है. इसके अलावा, यह रूस को बशर अल असद के शासन का समर्थन करने और क्षेत्र में अमेरिकी प्रभाव का मुकाबला करने की स्थिति में बनाए रखने के लिए सबसे बड़ा बेस हैं.
सीरिया में रूस के कितने बेस?
सीरिया में रूस के लगभग 132 मिलिट्री पोस्ट (Military posts) और 7000 रूसी सैनिक तैनात हैं.
जिसमें सबसे महत्वपूर्ण चार प्रमुख सैन्य बेस हैं:
खमीमिम एयर बेस: यह रूस का मुख्य हवाई अड्डा है, जहां से हवाई अभियान संचालित होते हैं.
टार्टस नेवल फैसिलिटी: यह एक महत्वपूर्ण समुद्री आधार है, जो रूस के समुद्री संचालन के लिए उपयोगी है.
तियास मिलिट्री एयरबेस: इसे सीरिया में एक और महत्वपूर्ण हवाई अड्डा माना जाता है.
शायरात एयरबेस: यह भी एक सक्रिय सैन्य आधार है, जहां रूसी सैनिक तैनात हैं.
रूस ने की सीरिया की मदद
सीरिया में असद सरकार को चुनौती देने वाले मुख्य विद्रोही गुट हयात तहरीर अल-शाम ने एक बार फिर अटैक कर दिया है. विद्रोही गुट ने महज 4 दिन के अंदर- अंदर ही सीरिया के दूसरे सबसे बड़े शहर अलेप्पो पर कब्जा कर लिया है. इसी के बाद सीरिया के हालात ईरान और रूस के लिए चिंता की बात बनते जा रहे हैं, क्योंकि यह दोनों देश इस क्षेत्र में असद सरकार का समर्थन करते रहे हैं. राष्ट्रपति बशर अल-असद ने देश में हमलों के बाद विद्रोहियों से निपटने के लिए रूस से मदद मांगी है. रूस ने रविवार की सुबह विद्रोही गुटों के ठिकानों पर जमकर बमबारी की और अब ईरान भी सीरिया की मदद के लिए सेना भेज सकता है.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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