World News: छोटे किलर के पास हथियारों का बड़ा जखीरा! यूं ही नहीं अमेरिका को आंख दिखा रहा नॉर्थ कोरिया – INA NEWS

नॉर्थ कोरिया हमेशा से अपने सैन्य शक्ति प्रदर्शन के लिए जाना जाता है. क्षेत्र में छोटा लगने वाला यह देश दुनिया की सबसे ताकतवर सेनाओं में से एक का मालिक है. किम जोंग उन की सरकार न केवल परमाणु हथियारों का जखीरा रखती है, बल्कि उसकी पारंपरिक सेना भी बेहद विशाल और घातक मानी जाती है.
हाल ही में अमेरिका, दक्षिण कोरिया और यूक्रेन ने नॉर्थ कोरिया पर रूस को हजारों सैनिक भेजने का आरोप लगाया, जिससे वैश्विक राजनीति में हलचल मच गई. इस खबर ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया कि उत्तर कोरिया की सैन्य ताकत कितनी खतरनाक है और वह अमेरिका जैसी महाशक्ति को आंख क्यों दिखा रहा है.
उत्तर कोरिया की सेना कितनी बड़ी है?
उत्तर कोरिया की सेना कोरियन पीपुल्स आर्मी (KPA) के नाम से जानी जाती है. यह दुनिया की सबसे बड़ी सेनाओं में से एक है. अनुमान के मुताबिक, उत्तर कोरिया के पास 13 लाख सक्रिय सैनिक हैं, जो केवल चीन और अमेरिका के बाद तीसरी सबसे बड़ी संख्या है. इसके अलावा, देश में 6 लाख रिजर्व सैनिक और लगभग 57 लाख वर्कर/पीजेंट रेड गार्ड जैसे अर्धसैनिक बल भी हैं.
उत्तर कोरिया की सेना को चार भागों में बांटा गया है, थल सेना, वायु सेना, नौसेना और सामरिक बल, जिसमें बैलिस्टिक मिसाइल यूनिट्स शामिल हैं. यह देश पूरी दुनिया में सबसे अधिक सैन्यीकरण वाला समाज माना जाता है, जहां 17 से 30 साल की उम्र के सभी पुरुषों को 3 से 12 साल तक सेना में सेवा देना अनिवार्य है.
परमाणु शक्ति और मिसाइल क्षमता
उत्तर कोरिया उन नौ देशों में शामिल है जिनके पास परमाणु हथियार हैं. उसने विभिन्न प्रकार की मिसाइलें विकसित की हैं, जिनमें छोटे सामरिक हथियारों से लेकर बड़े अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलें (ICBM) शामिल हैं. दावा किया जाता है कि इन मिसाइलों की पहुंच अमेरिका के किसी भी हिस्से तक हो सकती है.
उत्तर कोरिया का मानना है कि उसके परमाणु हथियार और बैलिस्टिक मिसाइलें अमेरिका और उसके सहयोगियों से रक्षा करने के लिए आवश्यक हैं. 1950-53 के कोरियाई युद्ध के दौरान उत्तर कोरिया और अमेरिका आमने-सामने थे, और तब से प्योंगयांग अपनी सुरक्षा को लेकर बेहद सतर्क है.
किम के हथियारों का जखीरा
हालांकि उत्तर कोरिया की सैन्य तकनीक पुरानी मानी जाती है, लेकिन उसकी संख्या इतनी अधिक है कि किसी भी दुश्मन को भारी नुकसान पहुंचा सकती है. कोरियाई पीपुल्स आर्मी के पास 6,900 से अधिक टैंक और बख्तरबंद वाहन हैं, जिनमें पुराने सोवियत काल के टी-34 टैंक, चीनी मॉडल और देश में निर्मित चोनमा-हो और सोंगुन-हो टैंक शामिल हैं.
इसके अलावा, उत्तर कोरिया के पास अत्यधिक संख्या में तोपें, रॉकेट लॉन्चर और तोपखाने मौजूद हैं, जिनका इस्तेमाल दक्षिण कोरिया और अन्य पड़ोसी देशों पर दबाव बनाने के लिए किया जाता है.
उत्तर कोरिया की वायु सेना
उत्तर कोरिया की वायु सेना में करीब 1.10 लाख सैनिक शामिल हैं. इसके पास 400 से अधिक लड़ाकू विमान, 80 हल्के बॉम्बर और 200 से अधिक ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट हैं. हालांकि, इनमें से ज्यादातर विमान सोवियत काल के हैं, जो 40 से 80 साल पुराने हो सकते हैं.
पुराने उपकरणों के बावजूद, उत्तर कोरिया अपनी वायु सेना को मजबूत करने के लिए लगातार नए उपाय कर रहा है. हाल ही में उसने नए ड्रोन और हाइपरसोनिक मिसाइलें विकसित करने की कोशिश की है, जिससे वह अपने दुश्मनों को और अधिक डराने में सक्षम हो सके.
उत्तर कोरिया की नौसेना
उत्तर कोरिया की नौसेना के पास करीब 60,000 नौसैनिक हैं और इसमें 470 से अधिक युद्धपोत शामिल हैं. इसमें मिसाइल गाइडेड शिप, टारपीडो बोट, छोटे गश्ती जहाज और फायर सपोर्ट बोट शामिल हैं.
इसके अलावा, उत्तर कोरिया के पास 70 पनडुब्बियां हैं, जिनमें कुछ सोवियत काल की रोमियो-क्लास की पनडुब्बियां और कई छोटी पनडुब्बियां शामिल हैं. हाल के वर्षों में उत्तर कोरिया ने अपने नौसैनिक बेड़े को और मजबूत करने के लिए नए परमाणु हथियार, पानी के अंदर काम करने वाले ड्रोन और मिसाइलों से लैस युद्धपोतों को विकसित किया है.
साइबर वॉर के लिए भी तैयार
पारंपरिक सैन्य ताकत के अलावा, उत्तर कोरिया अपनी असममित युद्ध रणनीति पर भी जोर देता है. इसमें विशेष ऑपरेशन फोर्स, रासायनिक और जैविक हथियार और साइबर हमले शामिल हैं. दक्षिण कोरियाई रक्षा श्वेत पत्र के अनुसार, उत्तर कोरिया के पास 6,800 साइबर युद्धकर्मी हैं, जो नए-नए साइबर हथियार विकसित कर रहे हैं.
उत्तर कोरिया ने कई बार अमेरिका, दक्षिण कोरिया और अन्य देशों पर साइबर हमलों का आरोप लगाया है. उसका दावा है कि वह अपने दुश्मनों के खिलाफ साइबर युद्ध छेड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है.
उत्तर कोरिया का रक्षा बजट
हालांकि उत्तर कोरिया की अर्थव्यवस्था बहुत मजबूत नहीं है, फिर भी वह अपनी GDP का 20-30% हिस्सा सैन्य खर्चों पर लगाता है. यह दुनिया में किसी भी देश के मुकाबले सबसे ज्यादा अनुपातिक रक्षा बजट में से एक है.
साल 2024 की शुरुआत में, उत्तर कोरिया ने अपनी कुल सरकारी व्यय का 16% हिस्सा रक्षा क्षेत्र के लिए आवंटित किया था. इस भारी सैन्य खर्च के चलते ही किम जोंग उन की सरकार अमेरिका समेत पूरी दुनिया को चुनौती देने में सक्षम है.
छोटे किलर के पास हथियारों का बड़ा जखीरा! यूं ही नहीं अमेरिका को आंख दिखा रहा नॉर्थ कोरिया
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