World News: 3 फैसले और 3 जंग… क्या तनाशाह बनने जा रहे इजराइल के नेतन्याहू? – INA NEWS

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के हालिया फैसलों ने देश के राजनीतिक माहौल में हलचल मचा दी है. तीन दुश्मन देशों से जंग लड़ रहे नेतन्याहू अब तानाशाह बनने की राह पर चलने लगे हैं. हाल ही में उनके तीन बड़े फैसलों से साफ साबित हुआ है. भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों से घिरे नेतन्याहू अब न्यायपालिका, सेना और सुरक्षा एजेंसियों में बड़े फेरबदल कर रहे हैं, जिससे उनकी तानाशाही प्रवृत्ति की आशंका बढ़ रही है.
वहीं, विशेषज्ञों का मानना है कि नेतन्याहू संविधान को अपने हिसाब से बदलने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे देश में लोकतांत्रिक संतुलन बिगड़ सकता है. आइए ऐसे में जानते हैं कि वो कौन से तीन कारण हैं कि जो साफ तौर पर ये संकेत दे रहे हैं कि नेतन्याहू अब एक तानाशाह बनने की राह पर हैं.
जब जज से भिड़ गए नेतन्याहू
टाइम्स ऑफ इजराइल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, तीन दिन पहले नेतन्याहू एक कोर्ट सुनवाई के दौरान जज से ही भिड़ गए. यह सुनवाई उनके खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार के एक मामले से जुड़ी थी. अदालत ने जब जल्द से जल्द गवाहियां पूरी करने की बात कही, तो नेतन्याहू भड़क उठे और जज पर ही चिल्लाने लगे. गौरतलब है कि उन पर तीन गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप हैं, जिनमें रिश्वतखोरी, धोखाधड़ी और विश्वासघात शामिल हैं. उनकी यह हरकत न्यायपालिका के प्रति उनके रवैये को दर्शाती है, जिससे इजराइली लोकतंत्र के भविष्य पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
धुर विरोधियों को कतई नहीं छोड़ते
नेतन्याहू ने अपनी ही लिकुड पार्टी में विरोधियों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है. हाल ही में उन्होंने रक्षा मंत्री योआव गैलेंट को पद से हटा दिया. गैलेंट पीएम नेतन्याहू की न्यायिक सुधार योजनाओं के खिलाफ थे और उन्होंने खुलकर इसका विरोध किया था. इतना ही नहीं, गैलेंट के करीबी इजराइली सैन्य प्रमुख को भी नेतन्याहू ने बर्खास्त कर दिया. पीएम के इन कदमों को देखते हुए कहा जा सकता है कि प्रधानमंत्री अपनी सत्ता को मजबूत करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं, भले ही इसके लिए सेना के शीर्ष अधिकारियों को ही क्यों न हटाना पड़े.
शिन बेट के प्रमुख की बर्खास्तगी से बवाल
अब नेतन्याहू ने इजराइल की आंतरिक सुरक्षा एजेंसी ‘शिन बेट’ के प्रमुख को भी हटा दिया है. शिन बेट के प्रमुख देश की आंतरिक सुरक्षा को संभालते हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा नीति में उनकी अहम भूमिका होती है. उनकी बर्खास्तगी को लेकर विपक्षी दलों में भारी आक्रोश है. विपक्षी नेता यायिर लिपाड ने इस फैसले की निंदा करते हुए कहा कि नेतन्याहू संविधान को अपने अनुसार बदलने की कोशिश कर रहे हैं. इस फैसले का विरोध सरकार के कानूनी सलाहकार ने भी किया है, जिससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि नेतन्याहू की सरकार में सत्ता का केंद्रीकरण तेजी से बढ़ रहा है.
नेतन्याहू की सत्ता के खिलाफ इजराइली जनता का विरोध प्रदर्शन. (यह तस्वीर सोशल मीडिया एक्स प्लेटफॉर्म से ली गई है.)
तानाशाही की ओर बढ़ते कदम
नेतन्याहू के हालिया फैसले यह संकेत दे रहे हैं कि वह सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए न्यायपालिका, सैन्य नेतृत्व और सुरक्षा एजेंसियों में मनमाने तरीके से बदलाव कर रहे हैं. जिस तरह से उन्होंने विरोधियों को बाहर का रास्ता दिखाया है, वह लोकतांत्रिक संस्थानों को कमजोर करने का संकेत देता है. इससे पहले भी नेतन्याहू सरकार पर न्यायिक सुधार के नाम पर अदालतों की स्वतंत्रता को कम करने के आरोप लग चुके हैं.
इजराइल में बढ़ती अस्थिरता
इजराइल इस समय आंतरिक रूप से अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है. जनता का एक बड़ा वर्ग नेतन्याहू सरकार के फैसलों का विरोध कर रहा है. देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं और विपक्षी दल लगातार लोकतंत्र बचाने की अपील कर रहे हैं. ऐसे में यह देखना अहम होगा कि क्या नेतन्याहू अपनी सत्ता को बचाने के लिए और भी कठोर कदम उठाते हैं, या फिर इजराइल में लोकतांत्रिक संतुलन बना रहेगा. फिलहाल, उनके फैसलों से यह सवाल उठने लगा है कि क्या नेतन्याहू दुनिया के नए तानाशाह बनने की राह पर हैं?
3 फैसले और 3 जंग… क्या तनाशाह बनने जा रहे इजराइल के नेतन्याहू?
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