World News: ईरान के प्रमुख बंदरगाह पर भीषण विस्फोट, अब तक 14 लोगों की मौत, 750 घायल – INA NEWS

दक्षिणी ईरान के एक बंदरगाह में शनिवार को भीषण विस्फोट हुआ और आग लग गई. यह विस्फोट कथित तौर पर मिसाइल फ्यूल बनाने में इस्तेमाल होने वाले रासायनिक कंपोनेंट्स की खेप से जुड़ा हुआ था. इस विस्फोट में 14 लोगों की मौत हो गई और करीब 750 से लोग घायल हो गए. विस्फोट के कुछ घंटों बाद हेलीकॉप्टर आग पर काबू पाने के लिए पानी की बौछार करते नजर आए. शाहिद राजाई बंदरगाह पर विस्फोट ऐसे समय हुआ जब ईरान और अमेरिका शनिवार को ओमान में तेहरान के तेजी से बढ़ते परमाणु कार्यक्रम पर तीसरे दौर की वार्ता के लिए मिले थे.
हालांकि ईरान में किसी ने भी यह नहीं कहा कि यह विस्फोट किसी हमले के बाद हुआ है, यहां तक कि बातचीत का नेतृत्व कर रहे ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने भी बुधवार को स्वीकार किया कि वैध प्रतिक्रिया के वास्ते उकसाने के लिए तोड़फोड़ और हत्या के प्रयासों की पिछली घटनाओं को देखते हुए हमारी सुरक्षा सेवाएं हाई अलर्ट पर हैं.
मिसाइल ईंधन के लिए केमिकल
ईरान के गृह मंत्री एस्कंदर मोमेनी ने सरकारी टेलीविजन पर एक इंटरव्यू में हताहतों की संख्या बताई. लेकिन बंदर अब्बास के ठीक बाहर आग लगने के कारणों के बारे में बहुत कम जानकारी है, जो शनिवार रात तक जलती रही. इसके कारण अन्य कंटेनरों में भी विस्फोट होने की खबर है. सुरक्षा कंपनी ने बताया कि बंदरगाह में कथित तौर पर मिसाइल ईंधन के लिए रसायन लाया गया था.
ईरान में मिसाइल भंडार
निजी सुरक्षा फर्म एम्ब्रे ने बताया कि बंदरगाह पर मार्च में सोडियम परक्लोरेट रॉकेट ईंधन की खेप आई थी. यह ईंधन चीन से दो जहाजों द्वारा ईरान भेजे गए खेप का हिस्सा है, जिसके बारे में जनवरी में फाइनेंशियल टाइम्स ने पहली बार खबर प्रकाशित की थी. इस ईंधन का उपयोग ईरान में मिसाइल भंडार को एक बार फिर स्थापित करने के लिए किया जाना था, जो गाजा पट्टी में हमास के साथ युद्ध के दौरान इजराइल पर सीधे हमलों के कारण खत्म हो गया था.
एम्ब्रे ने कहा कि यह आग कथित तौर पर ईरानी बैलिस्टिक मिसाइलों में उपयोग के लिए भेजे गए ठोस ईंधन की खेप को ठीक तरीके से नहीं रखने की वजह से हुआ. जहाज-ट्रैकिंग डेटा के अनुसार, माना जाता है कि रसायन ले जाने वाले जहाजों में से एक जहाज मार्च में इस क्षेत्र में था, जैसा कि एम्ब्रे ने कहा. ईरान ने खेप पहुंचने की बात स्वीकार नहीं की है. संयुक्त राष्ट्र में ईरानी मिशन ने शनिवार को टिप्पणी के अनुरोध का जवाब नहीं दिया.
विस्फोट में 200 से अधिक लोग मारे गए
यह साफ नहीं है कि ईरान ने बंदरगाह से रसायनों को क्यों नहीं हटाया होगा, विशेष रूप से 2020 में बेरूत बंदरगाह विस्फोट के बाद. सैकड़ों टन अत्यधिक विस्फोटक अमोनियम नाइट्रेट के प्रज्वलन के कारण हुए उस विस्फोट में 200 से अधिक लोग मारे गए थे और 6,000 से अधिक लोग घायल हुए थे.
इमारतों के शीशे उड़ते हुए दिखे
शनिवार को शाहिद राजाई में हुए विस्फोट की सोशल मीडिया फुटेज में विस्फोट से ठीक पहले आग से लाल रंग का धुआं उठता हुआ देखा जा सकता है. इससे पता चलता है कि विस्फोट में कोई रासायनिक यौगिक शामिल था. सोशल मीडिया पर वीडियो में धमाके के बाद काला धुआं निकलता हुआ दिखाई दिया. अन्य वीडियो में विस्फोट के केंद्र से कई किलोमीटर या मीलों दूर इमारतों के शीशे उड़ते हुए दिखाई दिए.
घटनास्थल को खाली करने का प्रयास
हसनजादेह ने ईरानी सरकारी टीवी को बताया कि प्रथम प्रतिक्रिया दल उस क्षेत्र में पहुंचने का प्रयास कर रहा है, जबकि अन्य लोग घटनास्थल को खाली करने का प्रयास कर रहे हैं. हसनजादेह ने कहा कि विस्फोट राजाई बंदरगाह से आए कंटेनरों से हुआ, लेकिन उन्होंने विस्तार से नहीं बताया. सरकारी टीवी ने यह भी बताया कि विस्फोट के कारण एक इमारत ढह गई, हालांकि तत्काल कोई अन्य विवरण नहीं दिया गया.
गृह मंत्रालय ने कहा कि उसने घटना की जांच शुरू कर दी है. राजाई बंदरगाह ईरान की राजधानी तेहरान से लगभग 1,050 किलोमीटर दूर होर्मुज जलडमरूमध्य पर स्थित है. होर्मुज फारस की खाड़ी में एक संकरा मार्ग है, जिसके रास्ते 20 प्रतिशत तेल का व्यापार होता है.
ईरान के प्रमुख बंदरगाह पर भीषण विस्फोट, अब तक 14 लोगों की मौत, 750 घायल
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