World News: हर दिन 3200 लोग हुए बेरोजगार, राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप ने कितने लोगों की सरकारी नौकरी खाई? – INA NEWS
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अमेरिका में सरकारी नौकरियों पर संकट गहराता जा रहा है. डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद सरकारी एजेंसियों में बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छंटनी हो रही है. आंकड़ों के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन के तहत हर दिन औसतन 3200 लोग अपनी नौकरियां खो रहे हैं. यह सिलसिला केवल छोटे कर्मचारियों तक सीमित नहीं है, बल्कि कई बड़े सरकारी कर्मचारियों को भी निकाला जा रहा है.
ताजा जानकारी के अनुसार, अमेरिकी सरकारी एजेंसियों से 95,000 से ज्यादा कर्मचारियों को अब तक हटाया जा चुका है और यह संख्या लगातार बढ़ रही है. व्हाइट हाउस के निर्देश पर अब दूसरी लहर की छंटनी शुरू होने जा रही है, जिसमें सरकारी नौकरियों पर और बड़ा असर पड़ेगा. इससे उन कर्मचारियों को भी नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा, जिन्हें लंबे समय की सेवा के कारण विशेष सुरक्षा मिली हुई थी.
विभागों में ताबड़तोड़ छंटनी
अमेरिकी सरकार के सबसे अहम विभागों में से एक, ऑफिस ऑफ पर्सनेल मैनेजमेंट (OPM), पर इस छंटनी अभियान की जिम्मेदारी सौंपी गई है. यह विभाग सरकारी कर्मचारियों की नियुक्ति और उनके व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा का काम देखता है. हाल ही में OPM ने अपने 40 सदस्यों की पूरी प्रोक्योरमेंट टीम को निकाल दिया है. इसके अलावा, कर्मचारी डेटा सुरक्षा से जुड़े एक अन्य विभाग में भी कर्मचारियों की संख्या आधी कर दी गई है.
सूत्रों के मुताबिक, यह छंटनी सिर्फ एक शुरुआत है. आने वाले दिनों में कई अन्य सरकारी विभागों में इसी तरह की छंटनी की योजना बनाई जा रही है. इसके लिए ‘रेडक्सशन इन फोर्स’ (RIF) प्रक्रिया का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे स्थायी कर्मचारियों को भी हटाया जा सके.
ट्रंप और मस्क की नई रणनीति
ट्रंप प्रशासन की इस नीति के पीछे मुख्य उद्देश्य सरकारी खर्च को कम करना बताया जा रहा है. इसके लिए उन्होंने मशहूर अरबपति एलन मस्क को डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी की जिम्मेदारी दी है. मस्क और ट्रंप दोनों ही मानते हैं कि अमेरिकी सरकारी मशीनरी बेहद महंगी और गैर-जरूरी रूप से बड़ी हो गई है.
ट्रंप ने एक नए कार्यकारी आदेश (Executive Order) पर भी हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत हर चार सेवानिवृत्त कर्मचारियों के स्थान पर सिर्फ एक नई नियुक्ति की जाएगी. इसका सीधा असर लाखों सरकारी कर्मचारियों पर पड़ेगा, जिनकी नौकरियां अब पहले से ज्यादा असुरक्षित हो गई हैं.
छंटनी की दूसरी लहर
विशेषज्ञों का मानना है कि अभी तक छंटनी की जो प्रक्रिया अपनाई गई थी, वह नरम थी. ज्यादातर मामलों में कर्मचारियों को स्वेच्छा से इस्तीफा देने के लिए कहा गया या फिर अस्थायी नियुक्तियों को रद्द किया गया. लेकिन अब प्रशासन स्थायी कर्मचारियों को हटाने की योजना बना रहा है.
सरकार ने इस छंटनी के लिए एक नया मॉडल अपनाया है, जिसे बाद में अन्य सरकारी एजेंसियों में भी लागू किया जाएगा. ट्रंप प्रशासन का मानना है कि इससे सरकारी खर्च को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी, लेकिन आलोचकों का कहना है कि इससे अमेरिका की नौकरशाही कमजोर हो सकती है और सरकारी कामकाज प्रभावित हो सकता है.
OPM के कर्मचारियों की भी आफत
अमेरिका की सरकारी इमारतों और संपत्तियों को संभालने वाली संस्था जनरल सर्विसेज एडमिनिस्ट्रेशन (GSA) में भी इस हफ्ते से छंटनी शुरू कर दी गई है. यह छंटनी OPM के मॉडल के आधार पर की जा रही है, जिससे संकेत मिलता है कि आने वाले दिनों में यह प्रक्रिया और तेज हो सकती है.
OPM के कई कर्मचारियों को अचानक ऑफिस सिस्टम से बाहर कर दिया गया और उन्हें 60 दिन की पेड लीव देकर घर भेज दिया गया. इससे साफ है कि ट्रंप प्रशासन की मंशा तेजी से सरकारी विभागों को छोटा करने की है.
क्या है कर्मचारियों की प्रतिक्रिया?
सरकारी कर्मचारियों के लिए यह छंटनी किसी बड़े झटके से कम नहीं है. खासकर वे लोग जो दशकों से सरकारी सेवा में काम कर रहे थे, वे अब अपनी नौकरी को लेकर अनिश्चितता महसूस कर रहे हैं. OPM के कई कर्मचारियों ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्हें बिना किसी पूर्व सूचना के ही नौकरी से निकाल दिया गया.
कई कर्मचारी अब कानूनी रास्ता अपनाने की तैयारी में हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि इस तरह की छंटनी अवैध है. वहीं, सरकारी संगठनों और ट्रेड यूनियनों ने भी इस फैसले के खिलाफ आवाज उठानी शुरू कर दी है.
अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ेगा?
इतनी बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारियों की छंटनी से अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ सकता है. अमेरिका में सरकारी नौकरियां हमेशा से स्थायित्व और आर्थिक सुरक्षा का प्रतीक रही हैं. अगर इस तरह की छंटनी जारी रहती है, तो इसका असर बाजार पर भी दिख सकता है.
वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सरकारी नौकरियों में इस तरह की अस्थिरता बढ़ती है, तो इससे उपभोक्ता खर्च में गिरावट आ सकती है और बेरोजगारी दर में वृद्धि हो सकती है. हालांकि, ट्रंप प्रशासन इस फैसले को सरकारी खर्च में कटौती के रूप में पेश कर रहा है.
हर दिन 3200 लोग हुए बेरोजगार, राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप ने कितने लोगों की सरकारी नौकरी खाई?
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