World News: ट्रंप की जीत के बाद ईरान के सुप्रीम लीडर ने दिखाए तेवर, ताकत को परखने की दी चुनौती – INA NEWS
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ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामेनेई अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पदभार संभालने के दो दिन बाद अपने समर्थकों के सामने आए हैं. नए अमेरिका प्रशासन से उम्मीद की जा रही है कि वह ईरान के ऊपर सख्त प्रतिबंध लागू करेगा. इस बीच अली खामेनेई ने देश के लोगों को ये दिखाने की कोशिश की कि पिछले साल इजराइल के साथ हुए तनाव के बाद ईरान कमजोर नहीं हुआ है और उसके दुश्मन अगर ऐसा समझ रहे हैं, तो वह भूल कर रहे हैं.
सुप्रीम लीडर ने कहा, “इजराइल के साथ मध्य पूर्व में एक साल से ज्यादा समय से चल रही लड़ाई से ईरान कमजोर नहीं हुआ है.” साथ ही उन्होंने तथाकथित दुश्मनों को तेहरान की ताकत परखने की चुनौती भी दी. खामनेई ने आगे कहा, “उस भ्रमपूर्ण कल्पनाशील आदमी ने दावा किया है कि ईरान कमजोर हो गया है. भविष्य ही बताएगा कि असल में कौन कमजोर हुआ है.”
ईरान को बताया जा रहा था कमजोर
पिछले हफ्ते इजराइल के साथ-साथ डोनाल्ड ट्रंप से लेकर जो बाइडेन तक ने ईरान को कमजोर बताया था. इन नेताओं ने इसके पीछे सीरिया में ईरान सहयोगी बशर अल-असद की सरकार के पतन, वायु रक्षा क्षमताओं पर इजराइल के हमलों और एक्सिस ऑफ रेसिस्टेंस के नेताओं की हत्या का हवाला दिया था.
Saddam began his attack & Reagan gave him a huge amount of aid based on the illusion that Iran had become weak. They & tens of other delusional people have gone to Hell, while Islamic Republic has grown stronger every day. It will be the same this time too, by Gods grace.
— Khamenei.ir (@khamenei_ir) January 22, 2025
सुप्रीम लीडर ने इराक-ईरान युद्ध याद दिलाते हुए कहा, “पूर्व इराकी तानाशाह सद्दाम हुसैन ने सितंबर 1980 में ईरान पर आक्रमण शुरू किया था और तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने उनके को मदद दी, दोनों इस भ्रम में थे कि ईरान कमजोर है”
सुप्रीम लीडर ने कहा कि ऐसे दर्जनों नेता खत्म हो गए, जो इस भ्रम में थे कि ईरान कमजोर हुआ है. वहीं ईरान दिन बा दिन ताकतवर होता गया और इतिहास फिर से दोहराया जाएगा.
गाजा युद्ध विराम को बताया जीत
खामनेई ने गाजा में हाल ही में हुए युद्ध विराम को ईरान के नेतृत्व वाले प्रतिरोध मोर्चे की जीत. साथ ही उन्होंने हमास के गाजा में वापस आने पर बताने की कोशिश की उनका एक्सिस ऑफ रेसिस्टेंस मौजूद है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अमेरिकी समर्थन के बिना, 7 अक्टूबर, 2023 के बाद पहले हफ्तों में ही इजराइल का पतन हो जाता, जब तेहरान समर्थित हमास ने इजराइल पर हमला किया.
The oppressive, brutal Zionist regime has come to the negotiating table with the same #Hamas that they wanted to destroy, and theyve accepted its terms for a ceasefire. This is why we say that the #Resistance is alive.
— Khamenei.ir (@khamenei_ir) January 22, 2025
खामेनेई ने कहा कि पिछले एक साल से ज्यादा समय में इजराइल ने हर संभव अत्याचार किया, गाजा जैसे छोटे से क्षेत्र में घरों, अस्पतालों, मस्जिदों और चर्चों पर बमबारी की. फिर भी आखिर में, यह न सिर्फ अपने दयनीय और बदनाम नेता के लक्ष्य को पाने में विफल रहा, जोकि हमास को खत्म करना और बिना किसी प्रतिरोध के गाजा पर शासन करना था. बल्कि उसे हमास के साथ बातचीत की मेज पर बैठने और युद्ध विराम के लिए उसकी शर्तों को स्वीकार करने के लिए भी मजबूर होना पड़ा.
ट्रंप की जीत के बाद ईरान के सुप्रीम लीडर ने दिखाए तेवर, ताकत को परखने की दी चुनौती
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