World News: वुहान लैब को अमेरिका ने किया था सपोर्ट, 500,000 वायरस की हो रही थी टेस्टिंग – #INA

वुहान लैब को अमेरिका ने किया था सपोर्ट, 500,000 वायरस की हो रही थी टेस्टिंग

दुनिया में हाहाकार मचाने वाली महामारी कोविड को लेकर एक हैरान करने वाला खुलासा सामने आया है. ग्लोबल विरोम प्रोजेक्ट के डॉक्यूमेंट के मुताबिक, अमेरिकी सरकार ने कोविड से कुछ महीने पहले 5 लाख वायरस इकट्ठा करने की वुहान लैब योजना का समर्थन किया था. उन्हें ये पता था कि ये मानव जाति के लिए बेहद खतरनाक है.

एटोसा जेनेटिक्स के सीईओ और अमेरिकी वैज्ञानिक डॉ. स्टीफ़न क्वे ने भी एक पुराने वीडियो में लगभग 5 लाख अज्ञात वायरस को इकट्ठा करने के बारे में कहा था. उन्होंने कहा था कि ये वायरस जो मनुष्यों को संक्रमित करने में सक्षम होने चाहिए. उन्हें आपके नजदीकी प्रयोगशाला में वापस ला सकते हैं. उन्होंने साफ शब्दों में कहा था कि ऐसा करने को गलत कैसे कहा जा सकता है?

महामारी में वायरस से होता था संक्रमण

चीन, अमेरिका, भारत सहित दुनिया के कई देश जो इस भयंकर महामारी का शिकार थे. इस महामारी में लोगों को इन्फेक्शन वायरस से ही होता था. इस महामारी के कारण लाखों लोगों की मौत हो गई थी. कोविड के शुरुआती मामले चीन के वुहान शहर से आने की बात कही जा रही थी, लेकिन इसको लेकर कोई खास सबूत सामने नहीं आए थे.

ऐसे में अमेरिका का वुहान में ही 5 लाख वायरस को लेकर समर्थन देना कई सवाल खड़े करता है. क्या पूरी दुनिया को परेशान करने वाले इस वायरस के जन्म में अमेरिका और चीन दोनों का समान योगदान है? कोविड-19 के वायरस का नाम सार्स-कोव-2 (SARS-CoV-2) है. ये सांस के जरिए एक शख्स से दूसरे शख्स के बीच आसानी संक्रमण फैला सकता है. इससे संक्रमित शख्स में फीवर और सर्दी के लक्षण देखे जाते हैं.

क्या है ग्लोबल विरोम प्रोजेक्ट?

न्यूयॉर्क में स्थित इकोहेल्थ एलायंस के नेतृत्व में ग्लोबल विरोम प्रोजेक्ट, वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के ‘Batwoman’और में दुनिया के हर वायरस को इकट्ठा करने के लिए एक पिच है. ये अमेरिकी सरकार के सहयोगी थे.

वुहान लैब को अमेरिका ने किया था सपोर्ट, 500,000 वायरस की हो रही थी टेस्टिंग





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