World News: भारत से शेख हसीना के प्रत्यर्पण की गुहार, बेटा बोला- बांग्लादेश में न्याय नहीं मिलेगा – #INA
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण की भारत से मांग की है. इस बीच शेख हसीना के बेटे साजिब वाजेद का रिएक्शन सामने आया है. उन्होंने कहा कि बिना चुनी हुई यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार की ओर से नियुक्त जजों और प्रॉसिक्यूटर्स ने इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल के जरिए से हास्यास्पद ट्रायल प्रक्रिया का संचालन किया. वाजेद ने इसे पॉलिटिकल स्टंट करार दिया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि ये यूनुस सरकार की ओर से अवामी लीग नेतृत्व को सताने के लिए एक और हमले का प्रतीक है.
उन्होंने कहा कि कंगारू ट्रिब्यूनल और उसके बाद प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध तब किया जाता है जब सैकड़ों नेताओं और कार्यकर्ताओं को न्यायेतर तरीके से मार दिया जाता है. अपमानजनक हत्या के आरोप लगाए जाते हैं, कानून प्रवर्तन द्वारा हजारों लोगों को अवैध रूप से कैद किया जाता है और लूटपाट, बर्बरता और आगजनी सहित हिंसक हमले हर रोज किए जा रहे हैं, जो शासन के आंख के नीचे हो रहे हैं.
‘प्रॉसिक्यूटर ने अपने बयान बदले’
साजिब वाजेद ने आगे कहा कि 22 दिसंबर को युनुस शासन की ओर से नियुक्त आईसीटी ट्रिब्यूनल ताजुल इस्लाम के चीफ प्रॉसिक्यूटर ने युद्ध अपराधियों का बचाव करने के सिद्ध रिकॉर्ड के बावजूद कथित तौर पर पार्टी अध्यक्ष शेख हसीना के खिलाफ जानबूझकर गलत सूचना अभियान चलाया क्योंकि उन्होंने दावा किया कि इंटरपोल ने उनके खिलाफ रेड नोटिस जारी किया था, जो उन्हें प्रत्यर्पित करने और डॉ. युनुस के हितों की पूर्ति के लिए हास्यास्पद मुकदमा चलाने का एक हताश प्रयास था. बाद में उसी प्रॉसिक्यूटर ने अपने बयान को मीडिया की ओर से उजागर किए जाने के बाद बदल दिया और अब आधिकारिक तौर पर प्रत्यर्पण के लिए भारत को अनुरोध भेजा है.
मुझे बांग्लादेश की न्याय प्रणाली पर भरोसा नहीं- वाजेद
उन्होंने कहा, ‘हम अपनी स्थिति को दोहराते हैं कि जुलाई और अगस्त के बीच मानवाधिकार उल्लंघन की हर एक घटना की स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से जांच की जानी चाहिए, लेकिन यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार ने न्यायपालिका को हथियार बना दिया है और हम न्याय प्रणाली पर कोई भरोसा नहीं जताते हैं.’
भारत से शेख हसीना के प्रत्यर्पण की गुहार, बेटा बोला- बांग्लादेश में न्याय नहीं मिलेगा
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