World News: बिना प्रक्रिया के प्रतिबंध खतरनाक… आवामी लीग बैन पर बांग्लादेश को भारत की दो टूक – INA NEWS

बांग्लादेश की राजनीति में अचानक उठे भूचाल पर भारत ने सख्त प्रतिक्रिया दी है. शेख हसीना की अगुआई वाली आवामी लीग पर अंतरिम सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को भारत ने लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ बताया है. विदेश मंत्रालय ने साफ कहा कि बिना उचित प्रक्रिया के किसी राजनीतिक दल पर प्रतिबंध लगाया जाना एक ‘चिंताजनक’ घटनाक्रम है. साथ ही भारत ने बांग्लादेश में शीघ्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की भी खुलकर पैरवी की.
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि बिना उचित प्रक्रिया के आवामी लीग पर प्रतिबंध लगाना चिंताजनक है. एक लोकतंत्र के रूप में भारत राजनीतिक स्वतंत्रता में कटौती और लोकतांत्रिक स्पेस के सिकुड़ने को लेकर स्वाभाविक रूप से चिंतित है. उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत बांग्लादेश में शीघ्र, स्वतंत्र और समावेशी चुनाव कराने का पुरजोर समर्थन करता है.
#WATCH | MEA spokesperson Randhir Jaiswal says, “The ban on the Awami League (in Bangladesh) without due process is a concerning development. As a democracy, India is naturally concerned at curtailment of democratic freedoms and shrinking political space. We strongly support the pic.twitter.com/yBdAyesWwp
— ANI (@ANI) May 13, 2025
यूनुस सरकार ने क्यों लगाया प्रतिबंध
यह बयान उस वक्त आया जब मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने आतंकवाद विरोधी कानून के तहत आवामी लीग की सभी गतिविधियों पर रोक लगा दी, जिसमें ऑनलाइन माध्यम भी शामिल हैं. इस फैसले के बाद बांग्लादेश की राजनीति में जबरदस्त उबाल है. आवामी लीग ने इस फैसले को ‘फासीवादी’ करार देते हुए साफ कह दिया है कि वे इस प्रतिबंध को मान्यता नहीं देंगे और लोकतांत्रिक तरीके से इसका विरोध जारी रखेंगे.
खुद के बैन पर क्या बोली आवामी लीग?
आवामी लीग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बयान जारी कर कहा कि हम यूनुस सरकार के इस तानाशाही फैसले को घृणा के साथ खारिज करते हैं. आवामी लीग अपनी गतिविधियां तयशुदा रास्ते पर जारी रखेगा. पार्टी ने यह भी याद दिलाया कि बांग्लादेश की स्वतंत्रता उसी के नेतृत्व में संभव हुई थी और अब उसी पर प्रतिबंध लगाकर देश के लोकतांत्रिक इतिहास को धक्का पहुंचाया जा रहा है.
बताया जा रहा है कि यह प्रतिबंध तब सामने आया जब छात्र संगठनों और नवगठित नेशनल सिटिज़न पार्टी (NCP) ने ढाका में लगातार प्रदर्शन और सड़क जाम कर आवामी लीग पर बैन की मांग की। लेकिन भारत का संदेश साफ है लोकतंत्र के मूल्यों की रक्षा होनी चाहिए, और राजनीतिक असहमति को बंदूक या कानून की धार से नहीं, बल्कि संवाद और चुनावी प्रक्रिया के जरिए हल किया जाना चाहिए.
बिना प्रक्रिया के प्रतिबंध खतरनाक… आवामी लीग बैन पर बांग्लादेश को भारत की दो टूक
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