World News: बांग्लादेश: अपने ही बुने जाल में लगातार फंस रहे मोहम्मद यूनुस, क्या शेख हसीना की होगी वापसी? – INA NEWS

बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार की तख्तापलट के बाद मोहम्मद यूनुस को अंतरिम कार्यवाहक नियुक्त किया गया था. यूनुस पर एशिया के इस देश में चुनाव कराने और लोकतंत्र को बहाल करने की जिम्मेदारी थी, लेकिन जैसे-जैसे समय बीत रहा है, वैसे-वैसे यूनुस अपने ही पुराने ट्रैप में फंसते जा रहे हैं.
एक तरफ यूनुस के खिलाफ पुराने सहयोगी मोर्चा खोल रहे हैं. वहीं बांग्लादेश में फंसे सियासी पेच की वजह से चुनाव भी जल्द होने के आसार नहीं दिख रहे हैं.
छात्रों ने ही खोला मोर्चा
जुलाई 2024 में शेख हसीना की मजबूत सरकार को छात्रों ने ही पलट दिया था. शेख हसीना के बाद यूनुस को सर्वे-सर्वा बनाया गया, लेकिन बांग्लादेश में फिर से छात्र एक्टिव हो गए हैं. बांग्लादेश के KUET विश्वविद्यालय में स्टूडेंट मूवमेंट ने प्रशासन की टेंशन बढ़ा दी है.
आनन-फानन में बांग्लादेश की सरकार ने कुलपति पर एक्शन लेने की बात कही है. छात्र नेता महफूज आलम ने सरकार से छात्रों के लिए भी संतुलन बनाने की मांग की है. महफूज का कहना है कि लोगों को राजनीतिक भागीदारी मिल सके, इसकी व्यवस्था हो.
बांग्लादेश के KUET विश्वविद्यालय ने छात्र राजनीति पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया था. हालांकि, सरकार अब बैकफुट पर है.
घायल लोग भी मुखर
जुलाई 2024 के आंदोलन में जो लोग भी घायल हुए थे, वो भी अब यूनुस सरकार के खिलाफ मुखर हो गए हैं. बुधवार को आंदोलन में घायल पीड़ितों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. पीड़ितों का कहना है कि अंतरिम सरकार कम से कम हमारी 3 मागों को तुरंत मान ले.
इनमें चिकित्सा और वित्तीय सहायता शामिल हैं. द डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने घायलों की 3 श्रेणी बनाई है. श्रेणी-ए और श्रेणी-बी के लोगों को तुरंत मदद मिल जाती है, लेकिन श्रेणी-सी की कोई पूछ नहीं है.
लोगों का कहना है कि घायलों को एक ही श्रेणी में रखा जाए और उन्हें भत्ता देने की व्यवस्था की जाए.
बीएनपी के निशाने पर
बांग्लादेश में बीएनपी अभी सबसे बड़ी पार्टी है, लेकिन यूनुस इसी पार्टी के निशाने पर हैं. जल्द चुनाव न कराने की वजह से बीएनपी लगातार यूनुस को निशाने पर ले रही है. बीएनपी ने दिसंबर 2025 तक का डेडलाइन दिया है.
इतना ही नहीं, शेख मुजीबुर रहमान की प्रतिमा तोड़फोड़ के लिए भी बीएनपी ने यूनुस सरकार को लताड़ लगाई. बीएनपी का कहना है कि क्राइम कंट्रोल एक अहम मसला है, जिसे अंतरिम सरकार नहीं कर पा रही है.
इधर, शेख हसीना भी लगातार यूनुस पर निशाना साध रही है. शेख हसीना का कहना है कि यूनुस और बांग्लादेश के कुछ लोग झूठ बोलकर सत्ता में हैं. ये लोग बांग्लादेश की भलाई नहीं कर पाएंगे.
हसीना ने कहा है कि मैं जल्द ही बांग्लादेश लौटूंगी. हसीना ने यह बयान ऐसे वक्त में दिया है, जब अमेरिका ने कहा है कि भारत ही बांग्लादेश का फैसला करे.
बांग्लादेश: अपने ही बुने जाल में लगातार फंस रहे मोहम्मद यूनुस, क्या शेख हसीना की होगी वापसी?
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