World News: सिस्टिन चैपल की चिमनी से निकला काला धुआं, पहले राउंड के वोटिंग के बाद भी पोप के नाम पर सस्पेंस – INA NEWS

पोप फ्रांसिस के उत्तराधिकारी का चयन करने के लिये यहां कॉन्क्लेव के पहले राउंड मतदान में पोप का चुनाव नहीं किया जा सका, क्योंकि सिस्टिन चैपल की चिमनी से काला धुआं निकल रहा है. सिस्टिन चैपल की चिमनी से निकलने वाला काला धुआं यह दर्शाता है कि कैथोलिक चर्च के नए नेता के चुनाव के लिये आयोजित सम्मेलन के पहले मतदान में किसी पोप का चुनाव नहीं किया गया.

बुधवार रात नौ बजे (काला) धुआं निकलने लगा. इससे पहले 133 कार्डिनल्स ने सिस्टिन चैपल में प्रवेश कर गोपनीयता की शपथ ली और 1.4 अरब सदस्यों वाले चर्च का नेतृत्व करने के लिए पोप फ्रांसिस के उत्तराधिकारी का चुनाव करने की सदियों पुरानी रस्म की औपचारिक शुरूआत की. पोप के निर्वाचन के लिए किसी को भी आवश्यक दो-तिहाई बहुमत या 89 वोट नहीं मिले. कार्डिनल रात में अब वैटिकन के (अपने) आवास में चले जाएंगे और वे आज सुबह सिस्टिन चैपल में वापस लौटेंगे.

चिमनी से निकला काला धुआं

दरअसल बुधवार को सिस्टिन चैपल की चिमनी से काला धुआं निकलता हुआ दिखाई दिया, जिसका मतलब है कि कोई पोप नहीं चुना गया है, क्योंकि 133 कार्डिनल्स ने कैथोलिक चर्च के नए नेता को चुनने के लिए गुप्त, सदियों पुरानी रस्म को शुरू किया. धर्म के 2,000 साल के इतिहास में कॉन्क्लेव में भाग लेने वाले कार्डिनल्स ने बुधवार शाम को केवल एक राउंड मतदान किया. पहले बैलट पर विजेता खोजने में असफल होने के बाद, वो गुरुवार की सुबह सिस्टिन चैपल में वापस आएंगे.

सेंट पीटर्स स्क्वायर के बाहर जुटे लोग

बता दें कि सेंट पीटर्स स्क्वायर के बाहर, नजारा उत्सव जैसा था, क्योंकि हजारों लोग विशाल वीडियो स्क्रीन पर कार्यवाही देखने के लिए पियाजा में उमड़ पड़े थे. वहीं जब सिस्टिन चैपल के दरवाजे बंद हुए और मतदान शुरू हुआ तो लोगों तालियां बजाईं. वे घंटों इंतज़ार करते रहे, स्क्रीन पर सिर्फ़ एक पतली चिमनी और कभी-कभी सीगल दिखाई देती थी.

वहीं मतदान में देरी के बाद, कुछ लोग हताश होकर चले गए, लेकिन जो लोग रुके थे, वे तब खुश हुए जब धुआं आखिरकार बाहर निकला. लंदन के 27 वर्षीय गेब्रियल कैप्री ने कहा कि उम्मीद है कि कार्डिनल एक ऐसे व्यक्ति को चुनेंगे जो शांतिदूत बन सके और चर्च को फिर से एकजुट कर सके.

70 देशों से आए कार्डिनल्स

70 देशों से आए कार्डिनल्स का एक विविध समूह बुधवार को बाहरी दुनिया से अलग-थलग कर दिया गया, उनके सेलफोन सरेंडर कर दिए गए और वेटिकन के चारों ओर एयरवेव्स को जाम कर दिया गया ताकि सभी संचार तब तक बंद रहें जब तक कि उन्हें नया पोप न मिल जाए. फ्रांसिस ने 133 में से 108 को चर्च के राजकुमारों के रूप में नामित किया, मंगोलिया, स्वीडन और टोंगा जैसे दूर-दराज के देशों से अपनी छवि वाले कई पादरियों को चुना, जहां पहले कभी कार्डिनल नहीं थे.

एक-दूसरे को जानने के लिए समय

कई कार्डिनल पिछले हफ्ते तक नहीं मिले थे और उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि उन्हें एक-दूसरे को जानने के लिए और समय चाहिए, जिससे यह सवाल उठ रहा है कि एक व्यक्ति को 267वें पोप बनने के लिए आवश्यक दो-तिहाई बहुमत या 89 मत प्राप्त करने में कितना समय लग सकता है. सीरिया में वेटिकन के राजदूत कार्डिनल मारियो ज़ेनारी ने कहा कि इंतज़ार करें और थोड़ा धैर्य रखें.

सिस्टिन चैपल की चिमनी से निकला काला धुआं, पहले राउंड के वोटिंग के बाद भी पोप के नाम पर सस्पेंस


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