World News: यूक्रेन में युद्धविराम या संग्राम? डोनाल्ड ट्रंप का मिशन टला तो यूरोप तक पर आ सकती है आंच – INA NEWS
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ट्रंप के अब तक रुख से साफ हो चुका है कि या तो यूरोप और यूक्रेन युद्धविराम की शर्तों को मान ले या फिर अमेरिकी मदद के बगैर रूस से भिड़ने को तैयार रहे. ट्रंप ने चेतावनी दी है कि युद्ध को नहीं रोका गया तो ये महाविनाश की वजह बनेगा. इशारा उन देशों के लिए है जो यूक्रेन का समर्थन कर रहे हैं. फ्रांस के राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद भी ट्रंप के तेवर नहीं बदले हैं. जेलेंस्की ने दावा किया है कि रूस यूरोप के 5 देशों पर हमला कर सकता है. जेलेंस्की के मुताबिक रूस के टारगेट पर पांच देश हैं और हमले का एक रूट प्लान भी तैयार है.
अभी तो इस्कंदर बरस रहा है, लेकिन भविष्य में शायद 100 किंजल भी कम पड़े. रूस की ताकतवर वायुसेना अब लॉन्ग रेंज हथियारों का जखीरा एयरबेस पर ला रही है क्योंकि युद्ध का दायरा अब यूक्रेनी सीमा से बाहर जा सकता है. अमेरिकी एयरबेस की घेराबंदी के लिए भेजे गए युद्धपोतों ने दिशा बदल ली है. रूसी सबमरीन का ठिकाना भी बदल रहा है क्योंकि ट्रंप काल में समीकरम बदल चुके हैं.
रूस की आर्मी की रणनीति बदल चुकी है. अमेरिकी बेस की घेराबंदी कम की जा रही है. सबसे ताकतवर दुश्मन को लेकर रूस बेफिक्र है. अब यूरोप के ताकतवर देशों के करीब तैनाती बढ़ाई जा रही है. अमेरिका और यूरोप में दूरियां तेजी से बढ़ रही हैं. मैंक्रो ट्रंप से संबंध सुधारने की कोशिश में गए थे लेकिन शायद बात नहीं बनी.
मैक्रों ट्रंप की टोका टोकी
यूरोप के साथ अमेरिका के रिश्ते कितने तल्ख हो चुके हैं इसकी बानगी वाशिंगटन में दिखाई दी. ट्रंप और मैक्रों की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई बार टोका-टोकी हुई. अब गुरुवार को ब्रिटिश पीएम स्टार्मर और ट्रंप की मुलाकात होने वाली है, लेकिन कोई नतीजा निकल सकेगा इसकी उम्मीद कम ही है.
बातचीत के इस दौर के बीच एक बहुत बड़े युद्ध की चेतावनी भी दुनिया को मिल रही है. ट्रंप क्या चाहते हैं ये तस्वीर बिल्कुल साफ हो चुकी है. पुतिन के सैनिकों को यूक्रेन छोड़ने की मांग वाले प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र में हुए मतदान में भी अमेरिका ने रूस का पक्ष लिया. UN में यूक्रेन से रूस की सेना हटाने के दौरान अमेरिका उसी खेमे में नजर आया जिसमें ईरान, नॉर्थ कोरिया, बेलारूस जैसे देश हैं.
…तो परिणाम विनाशकारी होंगे
यूरोप के लिए ये हैरान करने वाली बात है. मैक्रों के साथ बातचीत के दौरान ट्रंप ने दुनिया को चेतावनी दे दी है. युद्धविराम कामयाब नहीं होने दिया गया तो परिणाम विनाशकारी होंगे. ट्रंप ने साफ कर दिया कि ये युद्ध दोनों देशों के बीच तक सीमित नहीं रहेगा. यानी ट्रंप खुद एक महायुद्ध का अंदेशा जता रहे हैं.
जेलेंस्की भी लगातार यही आशंका जता रहे हैं और NATO को चेतावनी दे रहे हैं. जेलेंस्की के मुताबिक यूक्रेन के बाद रूस यूरोप के 5 देशों को टारगेट पर ले सकता है. जेलेंस्की के मुताबिक पुतिन पूर्वी यूरोप के उन देशों पर हमला करेंगे जहां रूसी लोगों की बड़ी आबादी है और जो सोवियत संघ का हिस्सा थे. पुतिन के यूरोप विजय का अभियान एक खास रूट से शुरु होने वाला है जिसके तहत रूस की सेना यूक्रेन के बाद मोल्दोवा कूच करेगी. क्योंकि मोल्दोवा EU में शामिल होना चाहता है.नाटो सेना की मोल्दोवा में तैनाती बढ़ रही है. NATO मोल्दोवा के एयरबेस का इस्तेमाल कर सकता है.
रिपोर्ट के मुताबिक मोल्दोवा के बाद रूस लिथुआनिया पर हमला करेगा. इसके बाद लातविया का नंबर आएगा और फिर रूसी फौज एस्टोनिया को तबाह करने के लिए आगे बढ़ेगी. पुतिन अपने मिशन यूरोप के लिए यहां से आगे फिनलैंड, स्वीडन, नॉर्वे तक हमला कर सकते हैं. रूस की तैयारी यूरोप में बड़े विध्वंस की है.
NATO देशों से सेना हटाने का मिशन शुरू
NATO देशों से सेना हटाने का मिशन भी अमेरिका ने शुरू कर दिया है. ग्रीस में अमेरिकी बेस को कुछ महीनों बाद बंद करने की तैयारी है. दक्षिण पूर्वी यूरोप में अमेरिकी बेस एक प्रमुख ठिकाना था. NATO ग्रीस से एक बहुत बड़े इलाके की सुरक्षा सुनिश्चित कर रहा था. तुर्की यहां अमेरिकी सेना की मौजूदगी का विरोध करता रहा है. रूस और तुर्की की गुजारिश के बाद ट्रंप ने यहां से सेना हटाने का प्लान तैयार किया है.
मौजूदा दौर के बदलते हालात की वजह से NATO के पूर्व महासचिव एंडर्स फॉघ ने कहा है कि यूरोप को अब इस लायक बनना होगा कि वो अपनी सुरक्षा खुद कर सके. दुनिया भले ही आशंका जता रही है लेकिन रूस के सैन्य विशेषज्ञ मान चुके हैं कि रूस को एक महायुद्ध के लिए तैयार रहना होगा और ये युद्ध NATO के साथ होगा.
यूरोप से बड़ी चुनौती का इनपुट
रूसी विशेषज्ञों के मुताबिक रूस को यूरोप से बड़ी चुनौती मिलने वाली है. यूक्रेन की आड़ में रूस को तबाह करने का प्लान है. यूरोप कभी भी युद्ध विराम नहीं होने देना चाहता है. रूस विशेषज्ञों को शक है कि ट्रंप भले ही अमेरिका को नाटो से दूर कर रहे हैं लेकिन अमेरिकी हथियारों का इस्तेमाल NATO करता रहेगा. अमेरिका ने साफ कर दिया है कि यूक्रेन युद्ध में यूरोप के शामिल होने के बाद आर्टिकल-5 का मतलब खत्म हो जाएगा. यानी नाटो देशों पर हमले के बावजूद अमेरिका मदद नहीं करेगा.
(टीवी9 ब्यूरो रिपोर्ट)
यूक्रेन में युद्धविराम या संग्राम? डोनाल्ड ट्रंप का मिशन टला तो यूरोप तक पर आ सकती है आंच
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