World News: ड्रम-फ्रिज तो ट्रेलर… पुतिन के टॉर्चर से तो रूह कांप जाएगी, इतने टुकड़ों में मिली यूक्रेनी पत्रकार – INA NEWS

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की जेलों में यातना की जो कहानियां सामने आ रही हैं, वे रूह कंपा देने वाली हैं. ताजा मामला है 27 साल की यूक्रेनी पत्रकार विक्टोरिया रोशचिना का है, जिन्हें रूसी कब्जे वाले क्षेत्र में रिपोर्टिंग करते वक्त अगवा कर लिया गया. महीनों तक कैद और टॉर्चर के बाद उन्हें एक बॉडी बैग में लौटा दिया गया. लेकिन उनकी आंखें, दिमाग और गले से वोकल तक गायब थे. ये घटना अब दुनिया भर में मानवाधिकारों को लेकर आक्रोश का कारण बन रही है.
टगानरोग की SIZO नंबर 2 जेल, जिसे ‘चेंबर ऑफ डेमन्स’ कहा जा रहा है, अब यातना का अड्डा बन चुकी है. कभी बच्चों और माताओं की जेल रही इस जगह को अब रूसी एजेंसियों ने यूक्रेनी कैदियों को तोड़ने के लिए यातना गृह बना दिया है. यहां लाए जाने वाले बंदियों को आंखों पर पट्टी बांध कर और हाथ बांध कर “स्वागत” में पीटा जाता है. पूर्व कैदियों ने बताया कि यहां इलेक्ट्रिक चेयर, उल्टा लटकाकर मारने जैसे भयानक टॉर्चर होते हैं. इसी जेल में विक्टोरिया को भी लाया गया था, जहां उन्हें अमानवीय यातनाएं दी गईं.
पहले किडनैप फिर किए टुकड़े
विक्टोरिया को पहले एनरगोडर और फिर मेलिटोपोल में कैद रखा गया, जहां उसे चार महीने तक क्रूरता से प्रताड़ित किया गया. हालत बेहद नाजुक होने के बाद उन्हें SIZO-2 भेजा गया. माना जा रहा है, यहीं कि उसकी हत्या कर दी गई. यूक्रेनी जांचकर्ताओं के अनुसार उसके शरीर पर बिजली के झटकों, पसलियों के टूटने, आंखों में खून जमने और गले की हड्डियों में फ्रैक्चर के निशान मिले हैं. यह सब इस बात की ओर इशारा करता है कि उनकी हत्या से पहले उन्हें यातना दी गई.
यूक्रेन को ऐसे मिली लाश
उसकी लाश फरवरी में 757 यूक्रेनी शवों की अदला-बदली में लौटी. लेकिन ये शरीर ‘एक अज्ञात पुरुष’ के रूप में लेबल किया गया था, जिसकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी. डीएनए जांच से खुलासा हुआ कि ये विक्टोरिया रोशचिना का ही शव था, जो कुपोषित था, सिर मुंडा हुआ था और गर्दन की हड्डी टूटी हुई थी. उसकी मौत का असल कारण अब भी स्पष्ट नहीं है क्योंकि टॉर्चर से पहले उनके शरीर के अहम हिस्से हटा दिए गए थे, जिससे मौत की जांच मुश्किल हो जाए.
बहादुरी के लिए मिला था अवार्ड
विक्टोरिया को उनकी बहादुरी के लिए 2022 में ‘करेज इन जर्नलिज्म अवॉर्ड’ से नवाजा गया था. वो मारियुपोल और यूक्रेन के अन्य कब्जे वाले इलाकों से ग्राउंड रिपोर्टिंग करती थीं. अब उसकी मौत एक प्रतीक बन चुकी है. एक पत्रकारिता की कीमत और रूसी युद्ध अपराधों की क्रूरता का. यूक्रेन अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के साथ मिलकर इस घटना की पूरी जांच कर रहा है ताकि पुतिन की “शैतानों की कोठरी” का सच दुनिया के सामने आ सके.
ड्रम-फ्रिज तो ट्रेलर… पुतिन के टॉर्चर से तो रूह कांप जाएगी, इतने टुकड़ों में मिली यूक्रेनी पत्रकार
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