World News: एन टेलनेसः कौन हैं पुलित्जर से सम्मानित कार्टूनिस्ट, जिनके 1 कार्टून पर मचा बवाल – INA NEWS
अमेरिका के बड़े अखबारों में से एक – द वाशिंगटन पोस्ट फिर एक बार विवादों में है. फिर एक बार इसलिए क्योंकि अभी हाल ही में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में अखबार ने किसी भी उम्मीदवार को एंडोर्स (समर्थन न देने और तटस्थ रहने) करने का फैसला किया था, तो उसे काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था. अब एक कार्टून छापने से मना करने पर वह समूची दुनिया में चर्चा में है. कार्टून बनाने वाली मशहूर पत्रकार एन टेलनेस ने अखबार के फैसले के विरोध में इस्तीफा दे दिया है.
पहली बात – कार्टून में क्या था
एन टेलनेस ने इस्तीफे की वजह बताते हुए वह कार्टून साझा किया है, जिसको लेकर पूरा विवाद है. इस कार्टून में वाशिंगटन पोस्ट के मालिक और अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस के साथ मेटा-फेसबुक के मार्क जकरबर्ग, ओपेन-एआई के सैम ऑल्टमैन और दूसरे तकनीक के दिग्गजों को अमेरिका के नए-नवेले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सामने घुटनों के बल बैठे हुए दिखलाया गया है. एक तरह से इन्हें ट्रंप की एक विशालकाय तस्वीर के सामने गिड़गिड़ाते हुए पेश किया गया, जहां वे झोरे भर पैसे लिए खड़े हैं.
टेलनेस ने कार्टून में उस मिक्की माउस को भी दिखाया, जो डिजनी कंपनी का सिंबल है. डिजनी का मालिकाना हक एबीसी न्यूज के पास है. वही एबीसी न्यूज, जिसने पिछले दिनों ट्रंप के साथ करीब 1.5 करोड़ डॉलर का एक समझौता कर लिया. ट्रंप ने एबीसी पर मानहानि का एक मुकदमा दर्ज कराया था. ये मुकदमा न्यूयॉर्क की अदालत में यौन उत्पीड़न को लेकर उनके ऊपर चल रहे मामलों की रिपोर्टिंग को लेकर था.
दूसरी बात – किसने क्या कहा
टेलनेस ने कार्टून न छापे जाने को प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला कहा. उनका कहना था, आज तलक कभी भी इस वजह से कार्टून नहीं छापा गया कि उसमें मैंने किसे निशाने पर लिया है. तो अखबार के संपादकीय पन्ने के कर्ता-धर्ता डेविड शिपली इसे दूसरी तरह से पेश करते हैं. उनके मुताबिक कार्टून से मिलते-जुलते विषय पर अखबार में एक कॉलम प्रकाशित होना था. साथ ही, एक दूसरा कॉलम – जो व्यंग्य था, वह भी प्रकाशन के लिए तैयार था. लिहाजा, चीजों के दोहराव से बचने के लिए ऐसा किया गया.
टेलनेस – परिचय और विवाद
यूरोप के देश स्वीडन की राजधानी स्कॉहोम में पैदा हुई एन टेलनेस अमेरिका ही से पढ़ी-लिखी हैं. 1979 में अमेरिकी राज्य नेवाडा से ग्रेजुएशन के बाद वह राजधानी वाशिंगटन डीसी आ गईं. यहां वे कई अखबारों और मीडिया समूहों के लिए स्केचिंग की और अपने तेवर से तात्कालिक सामाजिक-राजनीतिक घटनाओं को दर्ज किया. टेलनेस साल 2008 से वाशिंगटन पोस्ट में बतौर राजनीतिक कार्टूनिस्ट काम कर रही थीं.
उन्हें पत्रकारिता के लिए सबसे प्रतिष्ठित माने जाने वाले पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. साल 2001 में वह दूसरी ऐसी महिला कार्टूनिस्ट थीं जिन्हें संपादकीय कार्टून के लिए पुलित्जर सम्मान से नवाजा गया था. साथ ही, ये कारनामा करने वाली वह पहली फ्रीलांसर भी थीं. साल 2017 में वह रियूबेन पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुकी हैं. इस तरह वह पहली ऐसी दुनिया की महिला कार्टूनिस्ट हैं, जिन्हें ये दोनों प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले हों.
ये पहली बार नहीं है जब टेलनेस के बनाए हुए कार्टून पर विवाद हुआ हो. साल 2015 में जब उन्होंने अमेरिकी राज्य – टेक्सास के सिनेटर टेड क्रूज की लड़की को बंदर की तरह अपने कार्टून में दिखलाया तो खूब विवाद हुआ. अखबार ने इस कार्टून को ये कहते हुए वापस ले लिया था कि उसकी संपादकीय नीति यह कहती है कि वह बच्चों को इन सब चीजों से अलग रखेगा. अब आते हैं इस विवाद से जुड़े एक दूसरे और गंभीर पहलू पर.
ट्रंप और मीडिया की स्वतंत्रता
अमेरिकी मीडिया ने डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल को काफी आक्रामकता के साथ दर्ज किया था. मगर उनके दूसरे कार्यकाल की शुरूआत से पहले ही अमेरिका में प्रेस की स्वतंत्रता के खतरे की बात होने लगी है. ट्रंप 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले हैं. नवंबर के चुनाव में उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति उम्मीदवार कमला हैरिस को हरा दिया था. कहा जा रहा है कि तकनीक से लेकर मीडिया जगत के दिग्गज उनकी आमद से पहले उनके साथ अच्छे संबंध कायम कर लेना चाहते हैं.
एप्पल के सीईओ टिम कुक से लेकर जेफ बेजोस और जकरबर्ग तक ट्रंप के फ्लोरिडा स्थित घर पर जाकर उनसे मुलाकात कर चुके हैं. दुनिया के सबसे धनी शख्स और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के मालिक एलन मस्क अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति के सबसे करीबी सलाहकार में से एक हैं. अमेजन और मेटा ने ट्रंप के उद्घाटन फंड के लिए 10-10 लाख डॉलर देने की घोषणा की है. वहीं, एप्पल के मालिक कुक अपनी निजी संपत्ति से ये रकम दे रहे हैं.
एन टेलनेसः कौन हैं पुलित्जर से सम्मानित कार्टूनिस्ट, जिनके 1 कार्टून पर मचा बवाल
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