World News: पीठ पे पत्थर और गरज रहे हथौड़े… दुनिया की सबसे ताकतवर सेना की ट्रेनिंग दिमाग हिला देगी? – INA NEWS

उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की सेना की ट्रेनिंग देखकर दुनिया की आंखें फटी की फटी रह जाती हैं. एक सैनिक की पीठ पर रखा भारी पत्थर और दूसरे सैनिक के हाथ में गरजता हुआ हथौड़ा ये दृश्य किसी फिल्म का हिस्सा नहीं, बल्कि उत्तर कोरिया की स्पेशल फोर्सेस की असली ट्रेनिंग का हिस्सा है.
जिस दौर में अमेरिका और दक्षिण कोरिया हाईटेक हेलिकॉप्टरों और स्मार्ट हथियारों के सहारे ट्रेनिंग कर रहे हैं, उसी समय उत्तर कोरिया अपनी सेना को मानसिक और शारीरिक अति-धैर्य की सीमा तक पहुंचा रहा है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या ऐसी ट्रेनिंग वाकई दुश्मनों को डरा सकती है या ये बस शक्ति प्रदर्शन का एक उन्मादी कोशिश है?
इस ट्रेनिंग पर किम क्या कहते हैं?
हाल ही में उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग में किम जोंग उन ने विशेष सैन्य अभ्यासों की निगरानी की. यहां सेना की स्पेशल ऑपरेशन यूनिट और टैंक डिवीजन ने भाग लिया. तस्वीरों में देखा गया कि एक अर्धनग्न सैनिक की पीठ पर पत्थर रखा गया और दूसरे सैनिक ने उस पर पूरी ताकत से हथौड़ा चलाया. इस तरह की ट्रेनिंग को उत्तर कोरिया अपने सैनिकों की ‘आत्मिक ताकत’ और ‘मानसिक लचीलापन’ बढ़ाने के लिए जरूरी मानता है. किम ने कहा कि युद्ध की तैयारी केवल तकनीक नहीं, बल्कि आत्मबल और साहस से तय होती है.
पुतिन भी इन सैनिकों के बिग फैन
नार्थ कोरिया के सैनिक अपनी ताकत के लिए पूरी दुनिया में जाने जाते हैं. इतना ही नहीं पुतिन भी इन सैनिकों के फैन है. दरअसल रूस यूक्रेन युद्ध में रूसी सेना को मजबूत करने में सबसे बड़ा हाथ किम की सेना का ही है. इन्हीं सैनिकों के बलबूते रूस ने अपना खोया हुआ क्षेत्र कुर्स्क वापस पाया था. इन सैनिकों के अंदर हमला करने के साथ दर्द को सहने की भी काफी ताकत होती है. स्पेशल ट्रेनिंग में भी इन सैनिकों को ये सब सिखाया जाता है. इसीलिए इनकी पीठ पर पत्थर रखकर हथौड़ा चलाया जाता है.
गले में पहनते हैं खतरनाक बमों की माला
चाकू पर मजबूत पकड़ बनाने के लिए सिर्फ चाकू से वॉर कराते हैं. इनके सैनिक गले में बमों की माला से लेकर बंदूक चाकू सब कुछ हमेशा अपने साथ रखते हैं. बॉर्डर वाले इलाको में इन सैनिकों ने तो तबाही मचा रखी है. इन क्षेत्रों में अगर कोई दुश्मन देश घुसपैठ की कोशिश करता है तो ये सैनिक उन्हें पलक झपकते लपक लेते हैं. इन सैनिकों की पकड़ को दुनिया लोहा मानती हैं. इन सैनिकों में इतनी दम होती है कि ये किसी भी इलाके में निहत्थे भी गोलियों और चाकू के सामने भारी पड़ते हैं.
ये ट्रेनिंग दुनिया के लिए क्यों खतरनाक?
उत्तर कोरिया की यह आक्रामक ट्रेनिंग इसलिए भी चिंता का विषय है क्योंकि वह लगभग 50 परमाणु वॉरहेड रखने वाला देश है. पेंटागन के अनुसार, आने वाले सालों में यह संख्या और बढ़ सकती है. अमेरिका और दक्षिण कोरिया के सैन्य गठबंधन को उत्तर कोरिया की परमाणु और मिसाइल क्षमताओं से वास्तविक खतरा है. यही कारण है कि अमेरिका “डिकैपिटेशन ऑपरेशन” यानी किम जोंग उन जैसे नेताओं को निशाना बनाने वाली रणनीति पर भी फोकस कर रहा है.
उत्तर कोरिया इन सैन्य अभ्यासों को “युद्ध की तैयारी का प्रदर्शन” नहीं बल्कि “आत्म-रक्षा की रणनीति” कहता है. किम का मानना है कि अमेरिकी साम्राज्यवाद के खिलाफ सबसे अहम मोर्चा उसकी सेना संभाल रही है. उनका निर्देश है कि हर कमांडर में ‘स्वतंत्र निर्णय लेने की शक्ति’, ‘आत्मनिर्भरता’ और ‘रचनात्मक युद्ध कौशल’ होना चाहिए, ताकि किसी भी परिस्थिति में देश का बचाव किया जा सके.
पीठ पे पत्थर और गरज रहे हथौड़े… दुनिया की सबसे ताकतवर सेना की ट्रेनिंग दिमाग हिला देगी?
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