World News: अमेरिका में पिछली बार से कितनी अलग है डोनाल्ड ट्रंप की नई कैबिनेट? – INA NEWS

अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में रिपब्लिकन सरकार का गठन हो गया है. अपने बड़े फैसले के जरिए जहां डोनाल्ड ट्रंप बदले अमेरिका का मैसेज दे रहे हैं. वहीं इस बार उनकी कैबिनेट में भी बदलाव देखा जा रहा है. ट्रंप सरकार में टॉप-16 में से 5 पद इस बार महिलाओं को दिया गया है.

जेंडर के साथ-साथ काम को भी ट्रंप ने इस बार तरजीह दी है. नई कैबिनेट में पेशेवर लोगों को शामिल किया गया है. पिछली बार ट्रंप कैबिनेट में उद्योगपतियों का दबदबा था, जबकि इस बार राजनेताओं को ज्यादा तवज्जो दी गई है.

कितनी बदली है ट्रंप की नई सरकार?

अमेरिका में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचन होता है. कैबिनेट के पदों के लिए नामित करने की व्यवस्था है. राष्ट्रपति सभी सदस्यों को नामित करते हैं. टॉप-16 लोगों को डिसिजिन मेकर यानी नीति तैयार करने वाला माना जाता है. इनमें उपराष्ट्रपति से लेकर अटॉर्नी जनरल तक के नाम शामिल होते हैं.

ट्रंप की नई कैबिनेट में इस बार जहां चेहरे नए हैं, वहीं भागीदारी सुनिश्चित करने में भी काफी सावधानी रखी है. आइए 4 प्वॉइंट्स में इसे समझते हैं…

1. डोनाल्ड ट्रंप जब 2017 में पहली बार राष्ट्रपति नियुक्त हुए थे, तब उन्होंने अपने टॉप-16 में किसी भी महिला को नामित नहीं किया था. ट्रंप कैबिनेट के सभी 16 बड़े पदों पर पुरुष ही थे. इस बार सिनेरियो बदल गया है. ट्रंप कैबिनेट के 16 में से 5 पद महिलाओं को दिया गया है.

फ्लोरिडा की पाम बॉन्डी को अटॉर्नी जनरल नियुक्त किया है. इसी तरह ब्रूक रॉलिन्स को सेक्रेटरी ऑफ एग्रीकल्चर, लोरी डेरेमर को सेक्रेटरी ऑफ लेबर, लिंडा मैकमोहन को सेक्रेटरी ऑफ एजुकेशन और क्रिस्टी नोयाम को सेक्रेटरी ऑफ होमलैड सिक्योरटी नियुक्त किया गया है.

ट्रंप कैबिनेट में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के पीछे पुराने ट्रैक रिकॉर्ड को बताया जा रहा है. ट्रंप पर रूढ़ीवादी होने का आरोप लगता है. साथ ही महिलाओं को लेकर भी ट्रंप का व्यवहार काफी सुर्खियों में रहा है.

2. प्यू रिसर्च ने 2018 में एक डेटा तैयार किया था, जिसके मुताबिक 2017 में ट्रंप ने अपने कैबिनेट में जितने भी लोगों को नामित किया था, उनमें सिर्फ 33 प्रतिशत लोगों को ही सरकार और अमेरिकी सिस्टम में काम करने का अनुभव था. यानी कैबिनेट में शामिल 60 प्रतिशत से ज्यादा लोग अनुभवहीन थे.

इस बार ट्रंप कैबिनेट में टॉप-16 में से 12 पदों पर नियुक्त सदस्य पहले से सरकार और सिस्टम में काम कर चुके हैं. मसलन, कैबिनेट के सदस्य क्रिस्टी नोयाम और डॉग बरगम पहले गवर्नर रह चुके हैं. इसी तरह उपराष्ट्रपति जेडी वैंस और मार्को रुबियो यूएस सिनेटर रहे हैं.

टॉप-16 में सिर्फ 4 ही मेंबर ऐसे हैं, जिनके पास सरकार में काम करने का पुराना अनुभव नहीं है. इनमें सेक्रेटरी ऑफ डिफेंस पी. हेगसेथ का नाम प्रमुख हैं.

3. ट्रंप की पिछली कैबिनेट में उद्योगपतियों का दबदबा था. एग्रीकल्चर, हेल्थ, कॉमर्स और पावर जैसे बड़े विभागों के मुखिया का पद उद्योगपतियों को सौंपा गया था. इस बार ट्रंप ने अपने कैबिनेट में उद्योगपतियों का दबदबा को कम किया है. कैबिनेट में पिछली बार सैन्यसे जुड़े लोगों की कमी थी. सिर्फ 2 लोग ऐसे थे, जो सैन्य से जुड़े अधिकारी थे.

इस बार 4 ऐसे लोग हैं, जो सैन्य से जुड़े हैं. वहीं कानून के जानकारों को भी इस बार नई कैबिनेट में शामिल किया गया है. उपराष्ट्रपति खुद कानून की पढ़ाई कर चुके हैं.

4. ट्रंप की पिछली कैबिनेट में वर्जीनिया प्रांत का दबदबा था. इस प्रांत से कुल 3 लोगों को कैबिनेट में शामिल किया गया था. इसके बाद इंडियाना प्रांत से 2 लोग कैबिनेट में थे. इस बार अमेरिका के सभी प्रांत को साधा गया है. टेक्सास और फ्लोरिडा से 2-2 लोग कैबिनेट में हैं. संयुक्त राज्य अमेरिका में कुल 50 प्रांत (राज्य) है.

कैसी थी बाइडेन की सरकार?

डोनाल्ड ट्रंप की पहली और दूसरी सरकार के बीच बाइडेन की सरकार का गठन हुआ था. बाइडेन ने टॉप-16 में से 6 पद महिलाओं को दिया था. बाइडेन की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस भी महिला थीं. बाइडेन कैबिनेट में सभी राजनेता या पेशेवर लोग ही थे. कैबिनेट में उद्योगपतियों को जगह नहीं दी गई थी.

बाइडेन कैबिनेट में कैलिफोर्निया का दबदबा था. कैबिनेट में शामिल 4 सदस्य इसी प्रांत से ताल्लुक रखते थे. इनमें उपराष्ट्रपति कमला हैरिस का नाम प्रमुख था.

अमेरिका में पिछली बार से कितनी अलग है डोनाल्ड ट्रंप की नई कैबिनेट?


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