World News: पाकिस्तान में कितने दिनों का बचा है पानी? इस एक गलती से 25 करोड़ की आवाम का गला सूखना तय – INA NEWS

भारत के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान चौतरफा संकट में घिर गया है. जहां एक ओर भारत के सख्त फैसलों से शहबाज सरकार पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ा है, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान की जल संकट की सच्चाई सामने आ चुकी है. एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हालात इतने गंभीर हैं कि पाकिस्तान के पास सिर्फ 30 दिनों का ही पानी बचा है. इसी बीच एक और सनसनीखेज दावा सामने आया है. पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार आदिल रजा ने आरोप लगाया है कि पहलगाम हमला पाक सेना प्रमुख असीम मुनीर के इशारे पर कराया गया था.
आदिल रजा ने यह दावा पाक खुफिया सूत्रों के हवाले से किया है. इस खुलासे के बाद इमरान खान की पार्टी पीटीआई के समर्थक खुलकर सामने आ गए हैं. उनका कहना है कि अगर हालात सुधारने हैं तो असीम मुनीर को हटाकर इमरान खान को सत्ता में वापस लाना होगा. इस विवाद के बीच पाकिस्तान की सियासत और भी ज्यादा कठिन हो गई है.
पाकिस्तान के पास कितना पानी
इसी संकट के बीच पाकिस्तान का जल संकट विकराल रूप लेता जा रहा है. अगस्त 2024 तक पाकिस्तान के तीन प्रमुख डैम में कुल पानी मात्र 11.5 मिलियन एकड़ फीट (MAF) दर्ज किया गया, जो देश की जरूरत से बेहद कम है. अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार किसी देश को कम से कम 120 दिनों का जल भंडारण होना चाहिए, लेकिन पाकिस्तान के पास केवल 30 दिन का ही स्टोरेज है. ऐसे में भारत ने पानी रोककर पाकिस्तान की हालत और खस्ता कर दी है.
इतनी आबादी होगी प्रभावित
पाकिस्तान एक निचला तटीय (lower riparian) देश है, जहां ये नदियां जाकर गिरती हैं. इनका उद्गम भारत में होता है, इसलिए पाकिस्तान 80% जल प्रवाह के लिए इस संधि पर निर्भर है. पंजाब और सिंध प्रांत में खेती और सिंचाई की रीढ़ इन्हीं नदियों से मिलने वाला पानी है. पंजाब प्रांत तो देश की 85% खाद्यान्न उपज का केंद्र है. लेकिन इस समझौते से कृषि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में 25% योगदान देती है और ग्रामीण आबादी की 70% आजीविका इसी पर टिकी है. पाकिस्तान में करीब 25 करोड़ की आवाम है. वहीं, इस फैसले से पाक के आधी से ज्यादा जनता पर इसका असर पड़ेगा.
डैम के काम में फिसड्डी निकले शहबाज
पाकिस्तान की जल संकट की सबसे बड़ी वजह सालों से डैम परियोजनाओं में लापरवाही रही है. साल 1970 के दशक में हर दशक में एक मेगा डैम बनाने की योजना बनाई गई थी, लेकिन 50 साल बीत जाने के बावजूद कोई बड़ा डैम पूरा नहीं हुआ. कलाबाग डैम जैसी महत्त्वपूर्ण परियोजनाएं राजनीतिक विरोध और सुस्ती की भेंट चढ़ गईं. हाल में शुरू हुए मोहम्मद और डायमर-भाषा डैम भी निर्धारित समय सीमा से काफी पीछे चल रहे हैं.
पाक की पानी नीति में कई खामियां
पाकिस्तान की जल नीति, सिंचाई प्रणाली और जल संरक्षण में भी भारी खामियां हैं. देश 90 फीसदी पानी कृषि के लिए खर्च करता है, जबकि वैश्विक औसत 70 फीसदी है. आधुनिक सिंचाई तकनीकों की धीमी रफ्तार और भूजल का अनियंत्रित दोहन स्थिति को और बिगाड़ रहा है. हर साल लगभग 35 MAF बाढ़ का पानी समुद्र में बह जाता है क्योंकि देश के पास उचित जल भंडारण की व्यवस्था नहीं है.
खतरे में पाकिस्तान का अस्तित्व
जल संकट अब सिर्फ एक पर्यावरणीय या आर्थिक संकट नहीं रह गया है, बल्कि यह अब पाकिस्तान के अस्तित्व का संकट बन गया है. अगर जल्द से जल्द बड़े और प्रभावशाली कदम नहीं उठाए गए, तो 25 करोड़ लोगों का गला सूखने से कोई नहीं रोक सकता. सेना प्रमुख की साजिशें, डैमों की देरी और खराब जल नीति ये सब पाकिस्तान अपनी बर्बादी का खाका खुद ही खींच रहा है.
पाकिस्तान में कितने दिनों का बचा है पानी? इस एक गलती से 25 करोड़ की आवाम का गला सूखना तय
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