World News: Hui मुस्लिम: चीन के टॉर्चर से तंग आकर अमेरिका में ली थी शरण, अब ट्रंप सरकार में डिपोर्टेशन का खतरा – INA NEWS

चीन के जातीय अल्पसंख्यक Hui मुस्लिमों को काफी प्रताड़ित किया जाता है. चीन के पश्चिमी झिंजियांग क्षेत्र में रिडक्शन शिविरों से बचने में कामयाब रहने वाले Hui मुसलमान पनामा के क्रूर जंगल से होते हुए अमेरिका की दक्षिणी सीमा पर पहुंचे और वहां शरण ले ली. लेकिन अब जब अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी होने जा रही है ऐसे में इन Hui मुसलमानों पर भी डिपोर्टेशन का खतरा मंडरा रहा है.

दरअसल चीन में सरकार इस्लाम पर नकेल कसने के लिए कई मुस्लिम जातीय समूहों को डिटेंशन सेंटर्स में कैद रखती है. Hui मुसलमानों ने अपने कई परिचितों और करीबियों को इन डिटेंशन सेंटर्स और मनोरोग अस्पतालों से एक-एक करके गायब होते देखा, उन्हें डर था कि एक दिन उनका भी नंबर आ सकता है यही वजह है कि वह चीन छोड़कर अमेरिका भाग गए.

चीन में प्रताड़ना का डर!

चीन के Hui मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखने वाली यान बीते साल जुलाई में अपने 10 साल के बेटे मसूद के साथ पनामा के जंगल (डेरेन गैप) पार कर अमेरिका पहुंची हैं. उनका कहना है कि अगर वह वापस चीन लौटते हैं तो उनके लिए कोई अच्छा परिणाम नहीं होगा, हो सकता है उन्हें आजीवन कारावास की सजा मिले.

चीन में यान को पुलिस ने 15 दिनों तक हिरासत में रखा, फिर 20 दिनों से अधिक समय के लिए एक मनोरोग अस्पताल में भेज दिया क्योंकि उनके फोन से पता चला कि उसने दो ऑनलाइन कुरान प्रार्थना समूहों को दान दिए थे. पुलिस ने कहा कि वह धार्मिक आतंकवादियों का समर्थन करती है और उसे धार्मिक कट्टरपंथी बताया, जबकि यान खुद को बहुत धार्मिक नहीं मानती हैं और सिर पर स्कार्फ भी नहीं बांधती हैं, जो कि इस्लाम में महिलाओं के लिए बेहद जरूरी है.

चीन से हजारों लोग अमेरिका में ले रहे शरण

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चीनी लोग निराशाजनक आर्थिक माहौल और राजनीतिक उत्पीड़न से बचने के लिए पलायन कर रहे हैं. कई लोग वेनेजुएला, इक्वाडोर और हैती के लोगों के साथ मिलकर डेरियन गैप के जरिए अमेरिका पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं. अमेरिका के सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा के अनुसार, 2024 के वित्तीय वर्ष में अमेरिका की दक्षिणी सीमा पर 38 हजार से अधिक चीनी प्रवासियों को अस्थायी रूप से हिरासत में लिया गया था, जो पिछले साल की तुलना में काफी अधिक था. हालांकि इन आंकड़ों से यह स्पष्ट नहीं है कि उनमें से कितने मुसलमान हैं.

चीन में मुसलमानों के खिलाफ उत्पीड़न

चीन में करीब 2.5 करोड़ मुसलमानों में से 1.1 करोड़ Hui मुस्लिम हैं, जिनकी उत्तर-पश्चिम में बड़ी उपस्थिति है, लेकिन वे देश के चारों ओर के इलाकों में भी रहते हैं. Hui चीनी समाज में उइगरों की तुलना में बेहतर तरीके से एकीकृत हैं, जो सबसे बड़ा मुस्लिम समूह है, जो मुख्य रूप से झिंजियांग में रहता है. उइगर जहां जातीय रूप से तुर्क हैं, तो वहीं Hui देश के प्रमुख जातीय समूह, हान के समान दिखते हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन में Hui मुसलमानों को उइगरों जितना उत्पीड़न का सामना नहीं करना पड़ा है, लेकिन फिर भी इस्लाम के खिलाफ की जा रही कार्रवाई ने इस समूह को हिला दिया है.

चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को किसी भी धर्म से वैचारिक प्रतिस्पर्धा का डर है. पूरे देश में, सरकार ने मस्जिदों की मीनारें और गुंबदों को ध्वस्त कर दिया है, अरबी लिपि के सार्वजनिक उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है, बच्चों को कुरान पढ़ाने वाले स्कूलों में जाने से मना किया गया है और सबसे धार्मिक मुसलमानों को रिडक्शन शिविरों में भेज दिया है.

अब अमेरिका से डिपोर्टेशन का खतरा!

इस प्रताड़ना से बचने के लिए Hui मुसलमान अपने परिवारों के साथ अमेरिका में शरण ले रहे हैं, लेकिन राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप की जीत ने इन लोगों की चिंताओं को बढ़ा दिया है. ट्रंप को अप्रवासियों के मुद्दे पर बेहद कड़े रुख के लिए जाने जाते हैं उन्होंने चुनाव जीतने के बाद अवैध प्रवासियों को वापस डिपोर्ट करने की चेतावनी को दोहराया है.

अमेरिका में Hui मुसलमानों को शुरुआती शरण और मदद मुहैया कराने वाले मा जू का कहना है कि डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव जीतने के बाद, उनका फोन एक सप्ताह तक लगभग बिना रुके बजता रहा. कॉल करने वाले चिंतित थे और वे बहुत कम अंग्रेजी बोलते थे, इसलिए उनके पास आधिकारिक जानकारी तक सीमित पहुंच थी. उनका कहना है कि लोग बेहद डरे हुए हैं और उन्हें इस बात की चिंता है कि ट्रंप सरकार में अगर उन्हें चीन डिपोर्ट कर दिया गया तो उनका भविष्य क्या होगा?

Hui मुस्लिम: चीन के टॉर्चर से तंग आकर अमेरिका में ली थी शरण, अब ट्रंप सरकार में डिपोर्टेशन का खतरा


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