World News: ईरान के पास कितना न्यूक्लियर दमखम? जानिए कहां-कहां छिपे हैं इसके परमाणु अड्डे – INA NEWS

इजराइल के हालिया हमले ने दुनिया का ध्यान फिर से ईरान के परमाणु कार्यक्रम की तरफ खींचा है. तेहरान के सैन्य ठिकानों पर मिसाइलें बरसीं और दो परमाणु वैज्ञानिकों की मौत ने एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया. वो ये कि क्या वाकई ईरान के पास इतना न्यूक्लियर पावर है कि वो हथियार बना सके? ईरान खुद कभी इस बात को नहीं मानता कि उसका इरादा परमाणु बम बनाने का है, लेकिन अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी एजेंसी IAEA का दावा है कि ईरान के पास अब इतना समृद्ध यूरेनियम है कि वो कुछ ही हफ्तों में परमाणु बम बना सकता है.

2015 में एक समझौता हुआ था जिसमें ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने की बात मानी, लेकिन जब अमेरिका ने 2018 में इस डील से हाथ पीछे खींच लिया, तो ईरान ने भी सारी पाबंदियों को नजरअंदाज करना शुरू कर दिया. रिपोर्ट्स के मुताबिक आज ईरान दो ठिकानों पर 60% तक यूरेनियम समृद्ध कर रहा है, जबकि बम बनाने के लिए 90% की जरूरत होती है. लेकिन एक्सपर्ट्स कहते हैं कि अब उसके पास इतना समृद्ध यूरेनियम है जिसे थोड़ा और बढ़ाकर छह बमों के बराबर बनाया जा सकता है.

ईरान के परमाणु कार्यक्रम का दिल- नतांज

ये ईरान के यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम का दिल है जिसे शुक्रवार को इजराइली हमले ने तबाह कर दिया है. नतांज का नाम सबसे पहले 2002 में सामने आया, जब ईरान से भागे विपक्षी नेताओं ने इसका खुलासा किया. ये जगह पहाड़ों से घिरे एक खुले मैदान में है, जो ईरान की राजधानी तेहरान के दक्षिण में स्थित शिया पवित्र शहर कौम के पास है.

यहां तीन मंजिल जमीन के नीचे एक विशाल फ्यूल एनरिचमेंट प्लांट (FEP) है, जिसमें करीब 16,000 सेंट्रीफ्यूज लगे हैं और इनमें से 13,000 यूरेनियम को 5% तक समृद्ध करने का काम कर रहे हैं. हालांकि, यहां पहले भी हमला हो चुका है. 2021 में एक विस्फोट और बिजली कटौती ने इस प्लांट को नुकसान पहुंचाया, जिसकी जिम्मेदारी इजराइल पर डाली गई.

फोर्डो- वो ठिकाना जिसे नुकसान पहुंचान मुश्किल

फोर्डो, कौम शहर के दूसरी ओर स्थित है और इसे नातांज से भी ज्यादा सुरक्षित माना जाता है क्योंकि यह पूरा परिसर एक पहाड़ के अंदर है. जिससे इसे बमबारी से नुकसान पहुंचाना मुश्किल है. 2009 में अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने खुलासा किया था कि ईरान इस जगह पर सालों से चोरी-छिपे काम कर रहा है और IAEA को जानकारी नहीं दी गई. 2015 की डील के मुताबिक फोर्डो में कोई यूरेनियम समृद्धि नहीं होनी थी, लेकिन अब वहां करीब 2,000 सेंट्रीफ्यूज मशीनें फिर से चल रही हैं, जिनमें से 350 मशीनें 60% तक समृद्धि कर रही हैं.

Iran Nuclear Sites Graphic

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इस्फहान, जहां हो सकती है बम की तैयारी

ईरान का दूसरा सबसे बड़ा शहर इस्फहान, परमाणु तकनीक का बड़ा केंद्र माना जाता है. यहां यूरेनियम को उस फॉर्म में बदला जाता है, जो सेंट्रीफ्यूज में इस्तेमाल किया जाता है. इस्फहान में कुछ ऐसे उपकरण भी मौजूद हैं जो यूरेनियम मेटल तैयार करने में सक्षम हैं. और यह तकनीक बम के कोर को तैयार करने के लिए बेहद संवेदनशील मानी जाती है.

खोंडाब (अराक), जहां से प्लूटोनियम निकल सकता है

खोंडाब नाम की जगह पर ईरान ने एक हेवी-वॉटर रिएक्टर बनाया है, जिसे पहले अराक कहा जाता था. ये रिएक्टर प्लूटोनियम पैदा कर सकता है, जिससे परमाणु बम का कोर तैयार किया जा सकता है. 2015 की डील में इसे बंद कर दिया गया था, लेकिन ईरान ने अब IAEA को जानकारी दी है कि वह 2026 में इसे दोबारा चालू करने का प्लान बना रहा है.

बुशहर- इकलौता ऑपरेटिंग न्यूक्लियर प्लांट

ईरान का एकमात्र चालू न्यूक्लियर पावर प्लांट बुशहर में है, जो कि खाड़ी के किनारे स्थित है. ये प्लांट रूस के फ्यूल पर चलता है और यूरेनियम खत्म होने के बाद उसका कचरा भी रूस ही वापस ले जाता है, जिससे इसे अपेक्षाकृत सुरक्षित माना जाता है.

ईरान के पास कितना न्यूक्लियर दमखम? जानिए कहां-कहां छिपे हैं इसके परमाणु अड्डे


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